वाराणसी: पश्चिम बंगाल में रेजिडेंट डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर पांचवें दिन भी बंगाल में डॉक्टरों का हड़ताल जारी हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रेजिडेंट में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर अपना विरोध दर्ज किया. इसके वजह से बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय ओपीडी पूरे दिन बाधित रहा. मरीजों को इलाज के लिए जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता की घटना को लेकर कैंडल मार्च भी निकाला.
काली पट्टी बांधकर सरकार से डॉक्टरों ने की मांग:
- काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को कैंडल मार्च निकाला.
- हाथों में काली पट्टी बांधकर डॉक्टर ने विभिन्न पोस्टरों के माध्यम से अपना आक्रोश व्यक्त किया.
- मेडिकल इट्स रूट्स ऑफ साइंस कैंडल मार्च बीएचयू सिंहद्वार मालवीय प्रतिमा के पास जाकर समाप्त हुई.
- जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की घटना पर समर्थन देते हुए अपना विरोध व्यक्त किया.
हम सभी ने बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय ओपीडी सेवा बंदकर अपना विरोध दर्ज कराया. साथ ही कैंडल मार्च निकालकर हाथों में काली पट्टी बांधकर सरकार से मांग किया है कि हमें पहले सुरक्षा दे उसके बाद हम किसी की जान बचा सकेंगे. अगर हम जिंदा ही नहीं रहेंगे तो हम किसी की जान कैसे बचाएंगे.
-डॉ. उत्कर्ष, मेडिकल साइंस ऑफ इंस्टीट्यूट रेजिडेंट
डॉ. उत्कर्ष, मेडिकल साइंस ऑफ इंस्टीट्यूट रेजिडेंट ने कहा कि जिस तरह से कोलकाता की घटना हुई है. वहां की सरकार ने इसे संज्ञान लेने के बजाय जूनियर डॉक्टरों के ऊपर ही कार्रवाई कर रही है. उससे देश के सभी जूनियर डॉक्टरों में आक्रोश का माहौल है. पश्चिम बंगाल के सरकार द्वारा जूनियर डॉक्टरों पर हो रहे कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं.