वाराणसी: बीएचयू और गैर शासकीय संगठन ( फोर्ड फाउंडेशन) के मध्य कुलपति आवास में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुआ. इस सहमति पत्र में प्रोजेक्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी, हस्तांतरण, ग्रामीण विकास के कार्यक्रम और अन्य आउटरीच प्रोग्राम को साथ मिलकर करने का उद्देश्य शामिल है. रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के चांसलर और कृषि वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर पंजाब सिंह और बीएचयू कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर की गरिमामय उपस्थिति में अध्यक्ष फोर्ड फाउंडेशन और कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया.
कृषि क्षेत्र में मिलेगी नई दिशा
बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान के मजबूत और संचरण प्रयोगशाला, वैज्ञानिकों की मजबूत टीम और फोर्ड फाउंडेशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे विकास के जमीनी कार्य के आधार पर दोनों संस्थाएं भविष्य में कृषि विकास का रोडमैप बनाएंगी. फाउंडेशन फॉर एडवांस फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट संस्थान द्वारा वर्तमान समय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली और भारतीय सब्जी अनुसंधान वाराणसी के सहयोग से कार्य किया जा रहा है. भारत सरकार के जैविक प्रौद्योगिक विभाग द्वारा किसानों को उन्नत किस्म के बीज, प्रशिक्षण, कार्यक्रम, फसल एवं तकनीक प्रदर्शन और निर्यात के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का कार्य भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इस परियोजना के माध्यम से चयनित चारों जिलों में एक-एक गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जा रहा है. जहां पर स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य तकनीकी ज्ञान विज्ञान के विषय की भी जानकारी सुदूर गांव तक पहुंचाई जा सके. इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो जाने से पूर्वांचल कृषि विकास को नई दिशा मिलेगी.
एमएमयू से इस प्रकार होगा फायदा
पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में अपने इन्हीं किसानों के स्वामित्व वाली संस्थानों के माध्यम से लगभग 40 से 50 हजार किसानों को आत्मनिर्भर उद्यमी और स्वावलंबी बनाने की दिशा में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है.