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छात्र ने तैयार किया सेंसर, घर में गैस लीक होने पर 2 सेकंड में लेगा पकड़ - वाराणसी गैस लीकेज

वाराणसी में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक छात्र ने ऐसा सेंसर किया है, जो गैस लीकेज को पकड़ सकता है. कुलदीप को ऑनलाइन वाइवा परीक्षा के बाद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है.

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Published : Jun 17, 2021, 7:00 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 7:19 PM IST

लखनऊ: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक छात्र ने ऐसा सेंसर तैयार किया है, जो घर में होने वाली एलपीजी गैस की लीकेज को 2 सेकेंड में पकड़ लेगा. इतना ही नहीं, यह सेंसर वातावरण में फैली कार्बन डाइऑक्साइड गैस की भी पहचान कर लेगा. विश्वविद्यालय के भौतिक शास्त्र विभाग के शोधार्थी कुलदीप कुमार ने इसे तैयार किया है. इसके आधार पर कुलदीप को ऑनलाइन वाइवा परीक्षा के बाद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई.

यह भी पढ़ें: ट्रांसपोर्ट नगर प्लाट घोटाले में LDA ने दर्ज कराई FIR, 11 की होगी नीलामी


कुलदीप कुमार ने अपना शोध कार्य कार्बन के नैनो पदार्थ ग्राफीन पर आधारित आर्द्रता, एलपीजी और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस संवेदक पर किया है. इन संवेदकों की मदद से वातावरण में उपस्थित न्यूनतम एलपीजी और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को पता लगाया जा सकता है. एलपीजी का रिसाव खतरनाक है जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनती है. ग्लोबल वार्मिंग के लिए मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड का बढ़ता स्तर जिम्मेदार है. इस दृष्टिकोण से कुलदीप का शोध कार्य जनोपयोगी है.

कुलदीप कुमार ने देश के विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित विभिन्न संगोष्ठियों में प्रतिभाग किया है और सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र प्रदर्शन का पुरस्कार भी जीता है. इनका चयन 2020 में ताइवान द्वारा आयोजित ग्लोबल टैलेंट इंटर्नशिप 2020 में भी हो चुका है. कुलदीप ने अपने शोध पर्यवेक्षक प्रोफेसर बाल चंद्र यादव के निर्देशन में पूरा किया. साथ ही प्रो. यादव एवं रूस और साउथ कोरिया के प्रोफेसरों के सहयोग में 11 शोधपत्र अंतराष्ट्रीय जॉर्नलों में भी प्रकाशित किए हैं. प्रोफेसर यादव भौतिकी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष होने के साथ ही विश्विद्यालय जटिल उपकरण केंद्र के निदेशक भी हैं. प्रोफेसर यादव ने अब तक कुल 20 शोध छात्रों को निर्देशित किया है और कुलदीप कुमार प्रोफेसर यादव के 19वें शोध छात्र हैं.

लखनऊ: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक छात्र ने ऐसा सेंसर तैयार किया है, जो घर में होने वाली एलपीजी गैस की लीकेज को 2 सेकेंड में पकड़ लेगा. इतना ही नहीं, यह सेंसर वातावरण में फैली कार्बन डाइऑक्साइड गैस की भी पहचान कर लेगा. विश्वविद्यालय के भौतिक शास्त्र विभाग के शोधार्थी कुलदीप कुमार ने इसे तैयार किया है. इसके आधार पर कुलदीप को ऑनलाइन वाइवा परीक्षा के बाद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई.

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कुलदीप कुमार ने अपना शोध कार्य कार्बन के नैनो पदार्थ ग्राफीन पर आधारित आर्द्रता, एलपीजी और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस संवेदक पर किया है. इन संवेदकों की मदद से वातावरण में उपस्थित न्यूनतम एलपीजी और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को पता लगाया जा सकता है. एलपीजी का रिसाव खतरनाक है जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनती है. ग्लोबल वार्मिंग के लिए मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड का बढ़ता स्तर जिम्मेदार है. इस दृष्टिकोण से कुलदीप का शोध कार्य जनोपयोगी है.

कुलदीप कुमार ने देश के विभिन्न संस्थानों द्वारा आयोजित विभिन्न संगोष्ठियों में प्रतिभाग किया है और सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र प्रदर्शन का पुरस्कार भी जीता है. इनका चयन 2020 में ताइवान द्वारा आयोजित ग्लोबल टैलेंट इंटर्नशिप 2020 में भी हो चुका है. कुलदीप ने अपने शोध पर्यवेक्षक प्रोफेसर बाल चंद्र यादव के निर्देशन में पूरा किया. साथ ही प्रो. यादव एवं रूस और साउथ कोरिया के प्रोफेसरों के सहयोग में 11 शोधपत्र अंतराष्ट्रीय जॉर्नलों में भी प्रकाशित किए हैं. प्रोफेसर यादव भौतिकी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष होने के साथ ही विश्विद्यालय जटिल उपकरण केंद्र के निदेशक भी हैं. प्रोफेसर यादव ने अब तक कुल 20 शोध छात्रों को निर्देशित किया है और कुलदीप कुमार प्रोफेसर यादव के 19वें शोध छात्र हैं.

Last Updated : Jun 17, 2021, 7:19 PM IST
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