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लखनऊ: केजीएमयू के एक और डॉक्टर ने दिया इस्तीफा

केजीएमयू में एक और एसोसिएट प्रोफेसर ने इस्तीफा दे दिया है. लीवर ट्रांसप्लांट शुरू होते ही सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार का इस्तीफा देना केजीएमयू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

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Published : Apr 3, 2019, 6:49 AM IST

केजीएमयू

लखनऊ: केजीएमयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. केजीएमयू प्रशासन ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. यह स्थिति तब है जब संस्थान का नेफ्रोलॉजी विभाग लगभग बंद हो चुका है. वहीं केजीएमयू को एशिया का सबसे बड़ा चिकित्सा शिक्षण संस्थान भी बताया जाता है, लेकिन यहां आने वाले तमाम संकाय सदस्य ज्यादा दिन रुक नहीं पा रहे है. इसके पीछे वजह अलग-अलग बताई जाती है, लेकिन इतना जरूर है कि नए संकाय सदस्यों के चले जाने का नुकसान छात्रों के साथ ही मरीजों को भी उठाना पड़ता है.

जानकारी देते डॉ एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू.

इस बार सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार ने इस्तीफा दिया है. डॉक्टर साकेत की पहचान काफी सुलझे हुए चिकित्सकों में रही है. लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी में उनका सक्रिय योगदान रहा है. ट्रांसप्लांट होने के 1 दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. प्लांट करने वाली टीम के लिए जारी सूची में उनका नाम शामिल नहीं था. हालांकि इस मुद्दे पर वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

फिलहाल केजीएमयू प्रशासन ने उनका इस्तीफा 23 मार्च को स्वीकार कर लिया है. इसके पहले केजीएमयू के 3 विभागों को 3 प्रोफेसर भी यहां से जा चुके हैं. मेट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एके त्रिपाठी लोहिया संस्थान के निदेशक बन गए हैं. वहीं एनाटॉमी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रणधीर कुमार और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जब इस पूरे मामले पर हमने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बातचीत की तो उन्होंने बेहतर विकल्प मिलने की बात कही.

लखनऊ: केजीएमयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. केजीएमयू प्रशासन ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. यह स्थिति तब है जब संस्थान का नेफ्रोलॉजी विभाग लगभग बंद हो चुका है. वहीं केजीएमयू को एशिया का सबसे बड़ा चिकित्सा शिक्षण संस्थान भी बताया जाता है, लेकिन यहां आने वाले तमाम संकाय सदस्य ज्यादा दिन रुक नहीं पा रहे है. इसके पीछे वजह अलग-अलग बताई जाती है, लेकिन इतना जरूर है कि नए संकाय सदस्यों के चले जाने का नुकसान छात्रों के साथ ही मरीजों को भी उठाना पड़ता है.

जानकारी देते डॉ एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू.

इस बार सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार ने इस्तीफा दिया है. डॉक्टर साकेत की पहचान काफी सुलझे हुए चिकित्सकों में रही है. लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी में उनका सक्रिय योगदान रहा है. ट्रांसप्लांट होने के 1 दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. प्लांट करने वाली टीम के लिए जारी सूची में उनका नाम शामिल नहीं था. हालांकि इस मुद्दे पर वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

फिलहाल केजीएमयू प्रशासन ने उनका इस्तीफा 23 मार्च को स्वीकार कर लिया है. इसके पहले केजीएमयू के 3 विभागों को 3 प्रोफेसर भी यहां से जा चुके हैं. मेट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एके त्रिपाठी लोहिया संस्थान के निदेशक बन गए हैं. वहीं एनाटॉमी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रणधीर कुमार और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जब इस पूरे मामले पर हमने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बातचीत की तो उन्होंने बेहतर विकल्प मिलने की बात कही.

Intro:एंकर- केजीएमयू में एक और एसोसिएट प्रोफेसर ने इस्तीफा दे दिया है। लिवर ट्रांसप्लांट शुरू होते ही सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार का इस्तीफा देना केजीएमयू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।


Body:वी.ओ-केजीएमयू में एक और एसोसिएट प्रोफेसर ने इस्तीफा दे दिया है। लिवर ट्रांसप्लांट शुरू होते ही सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार का इस्तीफा देना केजीएमयू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। केजीएमयू प्रशासन ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। यह स्थिति तब है जब संस्थान का नेफ्रोलॉजी विभाग लगभग बंद हो चुका है। वह केजीएमयू को एशिया का सबसे बड़ा चिकित्सा शिक्षण संस्थान भी बताया जाता है। लेकिन यहां आने वाले तमाम संकाय सदस्य ज्यादा दिन रुक नहीं पा रहे। इसके पीछे वजह अलग-अलग बताई जाती है। लेकिन इतना जरूर है कि नए संकाय सकाय सदस्यों के चले जाने का नुकसान छात्रों के साथ ही मरीजों को भी उठाना पड़ता है। इस बार सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर साकेत कुमार ने इस्तीफा दिया है। विभाग में डॉक्टर बचे हैं। डॉक्टर साकेत की पहचान काफी सुलझे हुए चिकित्सकों में होती रही है। लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी में उनका सक्रिय योगदान रहा है ट्रांसप्लांट होने के 1 दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। प्लांट करने वाली टीम के लिए जारी सूची में उनका नाम शामिल नहीं था। हालांकि इस मुद्दे पर वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है केजीएमयू के अंदर खाने में विभाग की राजनीति को भी उनके इस्तीफे से जोड़ा जा रहा है। फिलहाल केजीएमयू प्रशासन ने उनका इस्तीफा 23 मार्च को स्वीकार कर लिया है। इसके पहले केजीएमयू के 3 विभागों को 3 प्रोफेसर भी यहां से जा चुके हैं है। मेट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ए के त्रिपाठी लोहिया संस्थान के निदेशक बन गए हैं। तो एनाटॉमी विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर रणधीर कुमार और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वहीं जब इस पूरे मामले पर हमने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बातचीत की तो उन्होंने बेहतर विकल्प मिलने की बात कही।

बाइट- डॉ एस. एन शंखवार , सीएमएस, केजीएमयू


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