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जानें, किसको मिल सकती है ओपी राजभर की जगह - ओपी राजभर की पार्टी

अपनी ही सरकार के खिलाफ तमाम बयानों और लगातार चली आ रही खींचतान के बाद सोमवार राज्यपाल ने मंत्री ओपी राजभर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. वहीं अब ओपी राजभर की जगह अनिल राजभर को दिए जाने की चर्चा चल रही है.

ओपी राजभर
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Published : May 20, 2019, 4:40 PM IST

लखनऊ : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर के जुबानी हमलों से परेशान होकर आखिरकार तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी. जिसपर राज्यपाल ने अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है. उनके स्थान पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर का कद बढ़ाया जा रहा है. खबर है ओपी राजभर की सारी जिम्म्मेदारी अनिल राजभर को सौंप दी गयी है. हालांकि इस पर सरकार का स्पष्ट पक्ष सामने नहीं आया है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • ओमप्रकाश राजभर लंबे समय से बीजेपी और उसकी सरकारों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. पिछड़ों को हक के नाम पर सरकार पर दबाव बना रहे थे.
  • बीजेपी लोकसभा चुनाव के चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी, लेकिन अब चुनाव समाप्ति की ओर है.
  • ऐसे में 19 मई को अंतिम चरण का मतदान संपन्न होने के दूसरे दिन सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्री ओमप्रकाश राजभर की बर्खास्तगी की सिफारिश की.
  • सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उन नेताओं को भी हटा दिया गया है जो निगमों और बोर्डों में अध्यक्ष व सदस्य के पद पर तैनात किए गए थे.

किसको-किसको किया गया कार्यमुक्त

  • मंत्री ओमप्रकाश राजभर के साथ पांच निगमों में भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और सदस्यों को भी पद मुक्त कर दिया गया है.
  • राजभर के बेटे अरविंद राजभर को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के चेयरमैन पद से हटा दिया गया.
  • उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अध्यक्ष पद से रणजीत सिंह और राष्ट्रीय एकीकरण परिषद से सुनील अर्कवंशी को और राधिका पटेल को हटाया गया.
  • उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य पद से सुदामा राजभर को हटाया गया. उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग से गंगा राम राजभर और वीरेंद्र राजभर को भी हटा दिया गया है.

गठबंधन के बाद से ही चल रही थी खींचतान

  • सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के एनडीए गठबंधन में शामिल हुई.
  • बीजेपी ने मंत्रिमंडल में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया.
  • कुछ ही महीनों बाद से राजभर भाजपा और उसकी सरकारों पर हमला बोलना शुरू कर दिया.
  • ओमप्रकाश राजभर का कहना था कि वह पिछड़ों की लड़ाई लड़ रहे हैं. भाजपा की सरकार में किसानों के हक मारे जाने का आरोप लगाते रहे हैं. इसको लेकर बीजेपी के नेताओं में से उनकी तनातनी बराबर बनी रही.

लखनऊ : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर के जुबानी हमलों से परेशान होकर आखिरकार तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी. जिसपर राज्यपाल ने अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है. उनके स्थान पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर का कद बढ़ाया जा रहा है. खबर है ओपी राजभर की सारी जिम्म्मेदारी अनिल राजभर को सौंप दी गयी है. हालांकि इस पर सरकार का स्पष्ट पक्ष सामने नहीं आया है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • ओमप्रकाश राजभर लंबे समय से बीजेपी और उसकी सरकारों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. पिछड़ों को हक के नाम पर सरकार पर दबाव बना रहे थे.
  • बीजेपी लोकसभा चुनाव के चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी, लेकिन अब चुनाव समाप्ति की ओर है.
  • ऐसे में 19 मई को अंतिम चरण का मतदान संपन्न होने के दूसरे दिन सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्री ओमप्रकाश राजभर की बर्खास्तगी की सिफारिश की.
  • सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उन नेताओं को भी हटा दिया गया है जो निगमों और बोर्डों में अध्यक्ष व सदस्य के पद पर तैनात किए गए थे.

किसको-किसको किया गया कार्यमुक्त

  • मंत्री ओमप्रकाश राजभर के साथ पांच निगमों में भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और सदस्यों को भी पद मुक्त कर दिया गया है.
  • राजभर के बेटे अरविंद राजभर को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के चेयरमैन पद से हटा दिया गया.
  • उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अध्यक्ष पद से रणजीत सिंह और राष्ट्रीय एकीकरण परिषद से सुनील अर्कवंशी को और राधिका पटेल को हटाया गया.
  • उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य पद से सुदामा राजभर को हटाया गया. उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग से गंगा राम राजभर और वीरेंद्र राजभर को भी हटा दिया गया है.

गठबंधन के बाद से ही चल रही थी खींचतान

  • सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के एनडीए गठबंधन में शामिल हुई.
  • बीजेपी ने मंत्रिमंडल में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया.
  • कुछ ही महीनों बाद से राजभर भाजपा और उसकी सरकारों पर हमला बोलना शुरू कर दिया.
  • ओमप्रकाश राजभर का कहना था कि वह पिछड़ों की लड़ाई लड़ रहे हैं. भाजपा की सरकार में किसानों के हक मारे जाने का आरोप लगाते रहे हैं. इसको लेकर बीजेपी के नेताओं में से उनकी तनातनी बराबर बनी रही.
Intro:लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर के जुबानी हमलों से आजिज आकर आखिरकार आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी। जिसपर राज्यपाल ने अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है। अब वह पूरी तरह से पूर्व मंत्री हो गए हैं। उनके स्थान पर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल राजभर का कद बढ़ाया जा रहा है। खबर है ओपी राजभर की सारी जिम्म्मेदारी अनिल राजभर को सौंप दी गयी है। हालांकि इस पर सरकार का स्पष्ट पक्ष सामने नहीं आया है। अनिल राजभर बीजेपी के विधायक हैं और योगी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं।


Body:ओम प्रकाश राजभर लंबे समय से बीजेपी और उसकी सरकारों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। पिछड़ों को हक के नाम पर सरकार पर दबाव बना रहे थे। इसको लेकर बीजेपी से उनकी लगातार खींचतान चल रही थी। लेकिन बीजेपी ने रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव के चलते उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की थी। अब चुनाव समाप्ति की ओर है। 19 मई को सातवें व अंतिम चरण का मतदान संपन्न होने के दूसरे दिन सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्री ओमप्रकाश राजभर की बर्खास्तगी की सिफारिश की। साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उन नेताओं को भी हटा दिया गया है जो निगमों और बोर्डों में अध्यक्ष व सदस्य के पद पर तैनात किए गए थे।

मंत्री ओमप्रकाश राजभर के साथ पांच निगमों में भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष और सदस्यों को भी पद मुक्त कर दिया गया है। राजभर के बेटे अरविंद राजभर को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के चेयरमैन पद से हटा दिया गया। उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अध्यक्ष पद से रणजीत सिंह और राष्ट्रीय एकीकरण परिषद से सुनील अर्कवंशी को और राधिका पटेल को हटाया गया। उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य पद से सुदामा राजभर को हटाया गया। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग से गंगा राम राजभर और वीरेंद्र राजभर को भी हटा दिया गया है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नीत एनडीए गठबंधन में शामिल हुई। बीजेपी ने मंत्रिमंडल में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। कुछ ही महीनों बाद से राजभर भाजपा और उसकी सरकारों पर हमला बोलना शुरू कर दिया। ओमप्रकाश राजभर का कहना था कि वह पिछड़ों की लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा की सरकार में किसानों के हक मारे जाने का आरोप लगाते रहे हैं। इसको लेकर बीजेपी के नेताओं में से उनकी तनातनी बराबर बनी रही।

ओमप्रकाश राजभर को क्या लगता था कि उनकी वजह से से भाजपा सत्ता में आई। पूर्वांचल में इनकी जाति के लोग अच्छी खासी संख्या में हैं। यही वजह है कि बीजेपी ने ओपी राजभर के कड़वे बोल सहती रही। कहा जाए कि बीजेपी विष पान करती रही तो ज्यादा नहीं होगा। बीजेपी की योगी सरकार ने पूरी रणनीति के तहत आखिरी चरण के मतदान तक इंतजार के बाद कार्रवाई की है।




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