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अलीगढ़: मनोकामना पूरी होने पर बांधते हैं यहां लंगोट - लंगोट बाबा

अलीगढ़ जिले में एक ऐसी जगह है जहां मुरादें पूरी होने पर लंगोट बांधा जाता है. देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां मन्नते पूरी होने पर चुनरी, धागा, नारियल, फूल, चादर चढ़ाया जाता है, लेकिन अलीगढ़ के हरदोई इलाके में मनोकामना पूरी होने पर लंगोट बांधा जाता है.

अलीगढ़ के 'लंगोट बाबा' के मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर बांधते हैं लंगोट
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Published : Feb 28, 2019, 11:11 PM IST

अलीगढ़: मंदिर हो, मस्जिद हो, गिरजाघर हो या फिर गुरुद्वारा हो इन जगहों पर लोग क्यों जाते हैं? इस सवाल का बस एक जवाब है कि अपने-अपने भगवान से कुछ न कुछ मांगने के लिए. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हर दिन जब लाखों लोग इन जगहों पर जाकर कुछ मांगते हैं तो इनमें से केवल कुछ लोगों की ही मनोकामना क्यों पूरी होती है? दुनियाभर में लाखों लोग हर दिन इन जगहों पर जाकर अपनी-अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए भगवान के सामने प्रार्थना करते हैं.

अलीगढ़ के 'लंगोट बाबा' के मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर बांधते हैं लंगोट

इस मंदिर को पीपल वाला या 'लंगोट बाबा' के मंदिर के नाम से जाना जाता है. इसकी आधारशिला पंडित शिव शंकर शर्मा ने रखी थी. स्व. शिव शंकर शर्मा की मृत्यु के बाद वेद प्रकाश शर्मा यहां देख-रेख करते हैं. यहां लोगों का मानना है कि मन्नत मांगने वाले लोग कभी खाली हाथ नहीं लौटते. किसी बीमारी की चिंता हो या किसी लड़की की शादी की चिंता हो हर किसी की मनोकामना यहां पूरी होती है. मनोकामना पूरी करने के लिए लोग सोमवार को यहां पहुंचते हैं. जब मन्नत पूरी होती है तो लोग यहां पीपल के पेड़ पर भगवा रंग की लंगोट बांधते हैं.

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अलीगढ़ के 'लंगोट बाबा' के मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर बांधते हैं लंगोट.


यहां से गुजरने वालों की नजर पीपल पर बांधे गए लंगोट पर जरूर पड़ती है. दो बड़े पीपल के पेड़ और उनके बीच में भगवान शंकर जिनकी पूजा की जाती है. 'लंगोट बाबा का मंदिर' के नाम से यह मंदिर प्रसिद्ध है. हालांकि यहां कोई तड़क-भड़क नहीं है और न ही कोई आडंबर.

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यहां के बाबा वेद प्रकाश ने बताया कि यह ब्रह्मदेव का स्थान है. कोई भी मनोकामना पूरी होने पर लंगोट बांधा जाता है. कुछ लोग पहले भी लंगोट को यहां बांध देते हैं. यहां लंगोट के साथ बीड़ी या सिगरेट भी लोग चढ़ाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इसकी स्थापना करने वाले बाबा चिलम पीते थे और उनको बीड़ी, सिगरेट चढ़ाने पर वह प्रसन्न होते हैं.

यहां सोमवार को लोगों की भीड़ होती है लेकिन शनिवार को कड़वे तेल का चिराग भी जलाया जाता है. अब तक यहां हजारों लोग लंगोट बांध चुके हैं. यहां बीमारी से परेशानी के चलते लोग आते हैं. 'लंगोट बाबा के मंदिर' में उनकी इच्छाएं पूरी होती है. यहां शिवरात्रि को बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं और लंगोट बांधते है.

अलीगढ़: मंदिर हो, मस्जिद हो, गिरजाघर हो या फिर गुरुद्वारा हो इन जगहों पर लोग क्यों जाते हैं? इस सवाल का बस एक जवाब है कि अपने-अपने भगवान से कुछ न कुछ मांगने के लिए. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हर दिन जब लाखों लोग इन जगहों पर जाकर कुछ मांगते हैं तो इनमें से केवल कुछ लोगों की ही मनोकामना क्यों पूरी होती है? दुनियाभर में लाखों लोग हर दिन इन जगहों पर जाकर अपनी-अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए भगवान के सामने प्रार्थना करते हैं.

अलीगढ़ के 'लंगोट बाबा' के मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर बांधते हैं लंगोट

इस मंदिर को पीपल वाला या 'लंगोट बाबा' के मंदिर के नाम से जाना जाता है. इसकी आधारशिला पंडित शिव शंकर शर्मा ने रखी थी. स्व. शिव शंकर शर्मा की मृत्यु के बाद वेद प्रकाश शर्मा यहां देख-रेख करते हैं. यहां लोगों का मानना है कि मन्नत मांगने वाले लोग कभी खाली हाथ नहीं लौटते. किसी बीमारी की चिंता हो या किसी लड़की की शादी की चिंता हो हर किसी की मनोकामना यहां पूरी होती है. मनोकामना पूरी करने के लिए लोग सोमवार को यहां पहुंचते हैं. जब मन्नत पूरी होती है तो लोग यहां पीपल के पेड़ पर भगवा रंग की लंगोट बांधते हैं.

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अलीगढ़ के 'लंगोट बाबा' के मंदिर में मनोकामना पूरी होने पर बांधते हैं लंगोट.


यहां से गुजरने वालों की नजर पीपल पर बांधे गए लंगोट पर जरूर पड़ती है. दो बड़े पीपल के पेड़ और उनके बीच में भगवान शंकर जिनकी पूजा की जाती है. 'लंगोट बाबा का मंदिर' के नाम से यह मंदिर प्रसिद्ध है. हालांकि यहां कोई तड़क-भड़क नहीं है और न ही कोई आडंबर.

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यहां के बाबा वेद प्रकाश ने बताया कि यह ब्रह्मदेव का स्थान है. कोई भी मनोकामना पूरी होने पर लंगोट बांधा जाता है. कुछ लोग पहले भी लंगोट को यहां बांध देते हैं. यहां लंगोट के साथ बीड़ी या सिगरेट भी लोग चढ़ाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इसकी स्थापना करने वाले बाबा चिलम पीते थे और उनको बीड़ी, सिगरेट चढ़ाने पर वह प्रसन्न होते हैं.

यहां सोमवार को लोगों की भीड़ होती है लेकिन शनिवार को कड़वे तेल का चिराग भी जलाया जाता है. अब तक यहां हजारों लोग लंगोट बांध चुके हैं. यहां बीमारी से परेशानी के चलते लोग आते हैं. 'लंगोट बाबा के मंदिर' में उनकी इच्छाएं पूरी होती है. यहां शिवरात्रि को बड़े मेले का आयोजन किया जाता है. यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं और लंगोट बांधते है.

Intro:अलीगढ़: अलीगढ़ में एक ऐसी जगह है जहां मुरादे पूरी होने पर लंगोट बांधा जाता है. हालांकि देश भर में ऐसे मंदिर है जहां मन्नते पूरी होने पर चुनरी, धागा, नारियल, फूल, चादर चढ़ाई जाती है. लेकिन अलीगढ़ के हरदोई इलाके में मनोकामना पूरी होने पर लंगोट बांधा जाता है. इस मंदिर को पीपल वाला या लंगोट बाबा के मंदिर के नाम से जाना जाता है. इसकी आधारशिला पंडित शिव शंकर शर्मा ने रखी थी. इनकी मौत के बाद वेद प्रकाश शर्मा यहां देखरेख करते हैं . यहां लोगों का मानना है कि लोग खाली हाथ नहीं लौटते . किसी बीमारी की चिंता या लड़की की शादी की चिंता हर मनोकामना पूर्ति के लिए लोग सोमवार को यहां पहुंचते हैं . मन्नते पूरी होती है तो लोग यहां पीपल के पेड़ से भगवा रंग की लंगोट बांधते हैं.


Body:यहां से गुजरने वालों की नजर पीपल पर बांधे गए लंगोट पर जरूर जाती है. दो बड़े पीपल के पेड़ हैं और उनके बीच में भगवान शंकर की पूजा की जाती है. लंगोट बाबा के मंदिर के नाम से इसकी पहचान है .हालांकि यहां कोई तड़क-भड़क नहीं है. ना ही कोई आडंबर है . यहां बाबा वेद प्रकाश ने बताया कि यह ब्रह्म देव का स्थान है. कोई भी मनोकामना पूरी होने पर लंगोट बांधा जाता है . कुछ लोग पहले भी लंगोट को यहां बांध देते हैं. यहां लंगोट के साथ बीड़ी या सिगरेट भी लोग चढ़ाते हैं . ऐसी मान्यता है कि इसकी स्थापना करने वाले बाबा चिलम पीते थे और उनको बीड़ी, सिगरेट चढ़ाने पर वह प्रसन्न होते हैं.


Conclusion:हालांकि यहां सोमवार को लोगों की भीड़ होती है. और वही शनिवार को कड़वे तेल का चिराग जलाए जाता है . अब तक यहां हजारों लंगोट लोग बांध चुके हैं. यहां बीमार लोग या परेशानी के चलते लोग आते हैं . तो उनकी इच्छा पूरी होती है . शिवरात्रि को बड़ा मेले का आयोजन किया जाता है . दूर-दूर से लोग यहां दर्शन को आते हैं और लंगोट बांधते है.

बाईट - वेद प्रकाश शर्मा, मंदिर के केअर टेकर
बाईट - पवन कुमार,श्रद्धालु
पीटीसी…आलोक सिंह.....अलीगढ़

(नोट: विजुअल लाइव यू से भेजा है, कृपया चेक कर लें)(up_aligarh_alok singh_langot chadhane wala mandir)

आलोक सिंह,अलीगढ़
9837830535
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