अमेठी: जनपद में एके-203 राइफल्स के निर्माण के लिए भारत सरकार ने रूस की एक कंपनी के साथ करार किया था. इस जॉइंट वेंचर के तहत इस साल अमेठी की कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में करीब 7 लाख एके-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण होना था. लेकिन कोरोना संकट के कारण इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गयी है.
कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में एके सीरीज का निर्माण
पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी ने जिले के कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में एके सीरीज की सबसे अत्याधुनिक राइफल एके-203 के निर्माण की योजना का औपचारिक उद्घाटन किया था. योजना के मुताबिक ओएफबी-कलाशनिकोव जॉइंट वेंचर इस साल मई के आखिर तक करीब सात लाख राइफल के निर्माण के लिए रुपये पहुंचने वाला था. इस साल के अंत तक फैक्ट्री में काम शुरू करने की आधिकारिक योजना थी, लेकिन कोरोना के चलते इस साल इसका निर्माण कार्य नहीं होगा.
वहीं, एके-203 राइफलों के कीमतों को लेकर एक नए सिरे से बोली लगाई जानी थी, लेकिन वाणिज्यिक शर्तों पर सहमति नहीं बन सकी, जिसमें परियोजना की जटिल प्रकृति को देखते हुए प्रौद्योगिकी का पूर्ण हस्तांतरण और सशस्त्र बलों के लिए भारत में राइफलों का निर्माण करना शामिल था. साथ ही भविष्य में संभव निर्यात भी शर्तों का हिस्सा था. इसके राजनीतिक महत्व के अलावा, फैक्ट्री में कम से कम 200 नए रोजगार पैदा करने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसमें विशेषज्ञों की संख्या भी शामिल है.
इसके अलावा हर साल 70 हजार एके-203 राइफलों का उत्पादन करने की भी योजना है. इस योजना के तहत आपूर्तिकर्ताओं के एक बड़े पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की भी उम्मीद है, ताकि उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर योजना के लिए एमएसएमईएस के कई घटकों का आउटसोर्स किया जा सके.