हाथरस: जिले में कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों को नि:शुल्क उड़द के बीज वितरित किए गए, ताकि किसान इस बार फसल की अच्छी पैदावार कर सकें और आगे भी इसे अपना सकें. बीज देने के साथ ही किसानों को दलहनी फसलों के बारे में वैज्ञानिकों ने विस्तार से जानकारी देते हुए उनका महत्व बताया.
जिले के अहवरनपुर गांव में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसआर सिंह, डॉ. कमल कांत और डॉ. सुधीर रावत ने किसानों को दलहनी फसलों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर से प्राप्त आधारीय आजाद-3 उड़द का बीज 32 किसानों को नि:शुल्क वितरित किया. यह बीज प्रत्येक किसान को छह किलोग्राम के हिसाब से पांच बीघा खेत में उड़द की फसल उगाने के लिए उपलब्ध कराया गया, ताकि किसान दलहनी फसलों की ओर अग्रसर हों और इसे अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकें.
किसान चंद्रपाल सिंह ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने हमें उड़द का बीज उपलब्ध कराया है. इस बीज को हम खरीफ की फसल के तौर पर उपयोग में लाएंगे, ताकि हम अच्छी पैदावार लें सकें.
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसआर सिंह ने बताया कि भारत सरकार की ओर से "क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन" एक अभियान के तहत चलाया जा रहा है. इसमें किसानों को उड़द की नई-नई प्रजाति नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है, जिससे भविष्य में किसानों को अच्छा लाभ मिल सके. साथ ही इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और मिट्टी की सेहत भी सुधरती है.