अयोध्या: टिड्डी दल पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों की ओर बढ़ रहा है. अयोध्या के गोसाईगंज क्षेत्र में आंशिक रूप से टिड्डी दल का प्रकोप है. ऐसे में जिला प्रशासन ने अन्य क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं कृषि विभाग ने एक वीडियो जारी कर टिड्डी दल से बचने के लिए किसानों को जागरूक किया है.
इस तरह कर सकते हैं बचाव
टिड्डी दल के फसलों पर संभावित हमले को देखते हुए जिला प्रशासन ने कृषि, गन्ना, चीनी मिलों, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, नगर निगम, नगर पंचायत, जिला पंचायत, प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और बचाव दल को सक्रिय कर दिया है. टिड्डी दल से बचाव के लिए गठित टीम अयोध्या के मया और तारुन ब्लॉक भेजी दी गई है. किसानों को टिड्डी दल के आक्रमण के समय खेत में अथवा आसपास क्षेत्र में प्रवेश से रोकने के लिए खेतों में आग जलाकर, पटाखे फोड़ कर आवाज करने की सलाह दी गई है. इससे टिड्डी आगे बढ़ जाएंगे.
कृषि वैज्ञानिकों ने दी जानकारी
कृषि वैज्ञानिकों ने टिड्डी दल से फसलों को बचाने के लिए थाली-चम्मच, खाली टिन के डिब्बे, कनस्तर बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाने, उच्च ध्वनि वाले यंत्र बजाने की भी सलाह दी है. इसके अलावा कीटनाशक रसायनों जैसे क्लोरपीरिफॉस 20 % EC की 2.5 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी, लैम्डा साइहैलोथ्रिन (lambda-cyhalothrin) 4.9% EC की 1Ml मात्रा प्रति लीटर पानी, डेल्टामथ्रीन 2.8 % EC की 1Ml मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर टिड्डी दल और फसलों पर छिड़काव कर स्थिति से निपटा जा सकता है.
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि यह टिड्डी दल शाम के आसपास जमीन पर बैठ जाता है. इसके बाद फिर सुबह 7-8 बजे के करीब उड़ान भरता है. इस दौरान इनके ऊपर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करके इनको मारा जा सकता है.
टिड्डी दल के हमले से किसानों की फसलों को बचाने के लिए कृषि विभाग की ओर से इस स्थिति से निपटने के लिए एक डेमो का प्रदर्शन भी किया गया है. इसमें जिला कृषि अधिकारी बीके सिंह ने खेतों में किसानों से टिड्डी दल के हमले के दौरान तेज ध्वनि करने की सलाह दी है. टिन के डिब्बे थाली बजाने के साथ ट्रैक्टर का साइलेंसर निकाल कर स्टार्ट करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि ऐसी स्थिति में किसान प्रशासन को त्वरित सूचना दें.