आगरा : दिल्ली और मथुरा में कोहराम मचाने वाली कालिंदी अब आगरा में भी खतरे का निशाना पार कर चुकी है, जिससे आगरा में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. 45 साल बाद आगरा में यमुना नदी ने ताजमहल की दीवार छूई है. दशहरा घाट पानी में डूब गया है. इसके साथ ही रामबाग, एत्मादउद्दौला, जौहरी बाग, मेहताब बाग समेत अन्य स्मारकों को छूकर यमुना बह रही है. यमुना के उफान से ताजगंज श्मशान घाट के बाद पोइयाघाट के मोक्षधाम में पानी पहुंच गया है. जिससे अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. आगरा के लिए 48 घंटे अहम हैं. इस दौरान तेजी से यमुना का जलस्तर बढ़ेगा. यमुना का जलस्तर 500 फीट तक पहुंच सकता है.
यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ने की स्थिति में शहरी क्षेत्र के करीब 28 इलाके हैं जो खतरे में पड़ जाएंगे. जिसमें कैलाश घाट से ताजमहल के आगे तक कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां जलस्तर थोड़ा और बढ़ते ही पानी प्रवेश कर जाएगा. सिंचाई विभाग ने इसकी सूची जारी की है. सूची के मुताबिक, नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग, बल्केश्वर, जसवंत की छतरी, सरस्वती नगर, राधा नगर, जीवनी मंडी, कृष्णा कालोनी, बेलनगंज, सक्सेरिया गली, यमुना किनारा रोड, वेदांत मंदिर से फोर्ट तक, स्ट्रेची ब्रिज, छत्ता बाजार, गोकुलपुरा, कछपुरा, नगला देवजीत, मारवाड़ी बस्ती, मोती महल, यमुना ब्रिज कालोनी, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, अप्सरा टाकीज, भगवती बाग, राधा विहार, केके नगर, जगदंबा डिग्री कालेज आदि में बाढ़ की संभावना है.
यहां पर पहुंचा यमुना का पानी : आगरा में यमुना नदी हदें पार करने लगी है. यमुना में पानी खतरे का निशान पार कर चुका है, ऐसे में यमुना नदी का पानी तटवर्ती गांव, बस्ती, काॅलोनी और सड़कों पर पहुंच गया है. आगरा में इस समय यमुना का पानी गांव कैलाश, तनिष्क राजश्री एस्टेट काॅलोनी, पोइया घाट, अनुराग नगर, गांव सिकंदरपुर, यमुना किनारा स्ट्रैची ब्रिज, हाथी घाट, ताजगंज श्मशानघाट में पहुंच गया है. यमुना के उफान को देखकर प्रशासन ने तटवर्ती गांव, बस्ती और काॅलोनियों को खाली करने के नोटिस चस्पा किए हैं, जिससे बाढ़ के पानी से जनहानि न हो.
300 बीघा फसल जलमग्न : यमुना का खतरे का निशान पार करते ही गांव और खेतों में पानी पहुंच गया है. एत्मादपुर तहसील और फतेहबाद तहसील के यमुना तटवर्ती के गांव के किसानों की 300 बीघा बाजारा, तिल, सब्जी की खेतों में फसल जलमग्न हो चुकी है. गांव रहनकला, गदपुरा, गांव शीशिया, सुरेरा, गांव पोइया, गिजोली, रायपुर, रिहावली, सिलावली, धरापुरा, ईधौन, मडाइना, वजीपुरा समेत अन्य गांव में यमुना किनारे के खेतों की फसलें पानी डूब गई हैं.
नाले बैक मारने का खतरा : यमुना का जलस्तर बढ़ने से आगरा के प्रमुख नाले लबालब हो गए हैं. ऐसे ही जलस्तर बढ़ता है तो ये नाले बैक मारना शुरू कर देंगे. जिसमें मंटोला नाला, महावीर नाला, भैरों नाला, राजनगर नाला समेत अन्य नालों से सटी काॅलोनी और घरों में यमुना का जलस्तर बढ़ने पर पानी घरों में पहुंच जाएगा. इससे लोगों में दहशत बनी हुई है. क्योंकि, नाले यदि बैक मारते हैं तो सटी बस्तियां डूब सकती हैं.
चंबल नदी का जल स्तर: 114.15 मीटर.
लो फ्लड लेबल: 130 मीटर.
हाई फ्लड लेबल: 137.60 मीटर.
(यह जलस्तर सोमवार सुबह सात बजे तक का है)