पटना/दिल्ली: B.Ed के अभ्यर्थियों के मामले की सुनवाई देश की सबसे बड़ी अदालत में चल रही है. याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया है कि रिजल्ट में शामिल करने वाली याचिका पर चीफ जस्टिस की बेंच में सुनवाई हुई. रिजल्ट पर स्टे लगाने वाली याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
B.Ed अभ्यर्थियों की रिट याचिका SC में स्वीकार: याचिकाकर्ता और बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों की रिट याचिका दायर की है. उनका कहना है कि नोटिफिकेशन में कुछ ऐसा नहीं था कि उन लोगों को प्रारंभिक में मौका नहीं दिया जाएगा. खेल के बीच में खेल का नियम बदलना अनुचित है और इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.
प्रारंभिक शिक्षक परिणाम को चुनौती: याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव की ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस बहाली में बीएड योग्यता धारियों को मौका अवश्य मिले. बीपीएससी ने रिट याचिका पेंडिंग होने के बावजूद बीएड अभ्यर्थियों के साथ धोखा किया. बीएड और डीएलएड अभ्यर्थियों का एक साथ रिजल्ट प्रकाशित किया जाना चाहिए था.
3 नवंबर को होगी सुनवाई: बता दें कि इस याचिका पर बीस अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश के बेंच में सुनवाई होनी थी, लेकिन दशहरा की छुट्टियों के कारण सुनवाई 30 अक्टूबर को हुई और अब मामले की सुनवाई 3 नवंबर निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता दीपांकर गौरव ने इससे पहले कहा था कि बीएड अभ्यर्थियों को छांटकर प्रारंभिक के 72000 रिजल्ट सिर्फ डीएलएड अभ्यर्थियों के बीच में से दिए गए हैं. बीएड अभ्यर्थियों के साथ आयोग ने सौतेला व्यवहार किया है. सुप्रीम कोर्ट अगर बीएड अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय सुनाता है तो फिर रिजल्ट क्या होगा? रिजल्ट पर रोक लगाने की मांग की गई है.
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