नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछताछ की. ईडी ने इस केस में कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी समन किया था. मगर कोरोना संक्रमित होने के कारण पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हुईं. नेशनल हेराल्ड मामला 10 साल पुराना है, इसे बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाया था. 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद यह मामला चर्चा में रहा. अब जब प्रवर्तन निदेशालय इस पर पूछताछ कर रहा है तो देश की राजनीति गरमाने लगी है.
जवाहर लाल नेहरू ने 1937 में एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड ( Associate Journal Limited) नाम से एक कंपनी बनाई, जिसमें 5000 अन्य स्वतंत्रता सेनानी शेयरधारक थे. यानी कंपनी विशेष रूप से किसी व्यक्ति से संबंधित नहीं थी. यह कंपनी अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड नाम से एक अखबार पब्लिश करती थी. इसके आलावा एजेएल ( AJL) उर्दू में कौमी आवाज और हिंदी में नवजीवन नाम के अखबारों को प्रकाशित करती थी. एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी एजेएल ने 2008 तक तीन भाषाओं में अखबारों का प्रकाशन किया. अखबारों के नाम पर कंपनी को कई शहरों में सस्ती कीमतों पर सरकारों से जमीन मिल गई. रिपोर्टस के अनुसार 2010 तक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के 1,057 शेयरधारक थे. 2008 में कंपनी ने घाटे का ऐलान कर दिया और सभी अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों के अनुसार, कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड ( Associate Journal Limited) को पार्टी फंड से बिना ब्याज के 90 करोड़ रुपये का लोन दिया. फिर इस लोन को वसूल करने और एजीएल का स्वामित्व हासिल करने के लिए फर्जी कंपनी बनाकर धांधली की गई. 26 फरवरी 2011 को 50 लाख रुपये की लागत से यंग इंडिया कंपनी बनाई गई. यंग इंडिया कंपनी में सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है. बाकी 24 फीसदी की हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी.
यंग इंडिया कंपनी ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) की 90 करोड़ की देनदारियों को चुकाने का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया. बदले में एजेएल ने 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडिया कंपनी को दे दिए. इस तरह यंग इंडिया को एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के 99 फीसदी शेयर मिल गए. कुल मिलाकर एसोसिएट जर्नल लिमिटेड पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्वामित्व वाले यंग इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया. फिर कांग्रेस पार्टी ने एजेएल को दिया गया 90 करोड़ का कर्ज माफ कर दिया. जबकि यह कर्ज यंग इंडिया को चुकाना था. इस तरह से राहुल-सोनिया गांधी को एजेएल (AJL) का स्वामित्व मुफ्त में मिल गया.
सौदे के बाद 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड का गलत तरीके से अधिग्रहण का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था. नेशनल हेराल्ड के पास कई शहरों में प्रॉपर्टी है. स्वामी का आरोप है कि इस तरह किए गए अधिग्रहण के जरिये दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग समेत उसकी संपत्ति पर कब्जा किया गया.
सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका के आधार पर जून 2014 में कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया. इसके बाद अगस्त में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 2015 में जमानत मिल चुकी है. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेशी से छूट भी दे दी. इस केस में इनमें मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का नाम भी है. मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस का निधन हो चुका है.
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