नई दिल्ली: पहले बात उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण की (up assembly election third phase voting) मतदान की. यहां दो चरणों के लिए मतदान हो चुके हैं. उत्तरप्रदेश में तीसरे चरण के तहत 16 जिलों की 59 सीटों के लिए 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. तीसरे फेज में ब्रज, बुंदेलखंड और अवध के कुछ हिस्सों में मतदान होगा. यूपी चुनाव के तीसरे चरण में हाथरस, कासगंज, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, जालौन, कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर इलाके के 2.15 करोड़ वोटर 627 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.
20 फरवरी यानी रविवार को पश्चिमी यूपी के 5 जिले फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज और हाथरस की 19 विधानसभा सीटें पर वोटिंग होगी. बुंदेलखंड इलाके में झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिले में 13 विधानसभा सीटें हैं. इसके अलावा अवध क्षेत्र के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज और इटावा की 27 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है.
2017 से पहले तक इनमें अधिकतर इलाके समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गढ़ रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस इलाके में 49 सीटें जीती थीं जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन को 9 सीटें मिली थीं. इस क्षेत्र में कम से कम 30 सीटें ऐसी हैं, जहां यादव बिरादरी का दबदबा है.
इनकी प्रतिष्ठा दांव पर
रविवार के मतदान में जिन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, उनमें कन्नौज में आईपीएस अधिकारी बने बीजेपी उम्मीदवार असीम अरुण, फर्रुखाबाद से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद, करहल से अखिलेश और एसपीएस बघेल के अलावा कानपुर के महाराजपुर से यूपी के मंत्री सतीश महाना भी शामिल हैं . इसके अलावा बीएसपी से बीजेपी में आए रामवीर उपाध्याय, मुलायम सिंह यादव के समाधि हरिओम यादव, अजय कपूर और इरफान सोलंकी के भाग्य का फैसला भी जनता कल करेगी.
पंजाब चुनाव
117 सीटों वाले पंजाब में सरकार कौन बनाएगा ? पुरानी परंपरा के तहत सरकार बदल जाएगी या कांग्रेस का जादू चलेगा. आम आदमी पार्टी सत्ता के करीब पहुंचेगी या त्रिशंकु विधानसभा से सत्ता के नए सियासी समीकरण बनेंगे. पंजाब में ये सारे चुनावी समीकरण रविवार यानी 20 फरवरी को मतदान के बाद तय होगा. यहां पर विधानसभा की कुल 117 सीटें हैं. पंजाब के मालवा इलाके में 69, दोआबा में 23 और माझा की 25 सीट के लिए एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे.
पंजाब में वोटर्स की संख्या करीब 2.12 करोड़ है. हैं. इनमें सिख वोटरों की संख्या 57.69 फीसदी है. इनमें जाट सिख की आबादी 19 फीसद है. हिंदू वोटरों की संख्या 38.59 पर्सेंट है, जिसमें ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, खत्री, अरोरा और सूद शामिल हैं. इसके अलावा मुस्लिम 1.9 फीसदी, ईसाई 1.3 फीसदी और अन्य धर्मों से हैं. दलित वोटर दोनों धर्मों सिख और हिंदू से ताल्लुक रखते हैं. कुल मिलाकर वोटिंग में 32 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं.
इस बार मुख्य तौर से पंजाब में चतुष्कोणीय मुकाबला है
इस बार अकाली दल ने बीएसपी के साथ गठबंधन किया है. पंजाब की 117 सीटों में से 97 सीटें अकाली और 20 सीटें बसपा मिली हैं. बीजेपी ने कैप्टन अमरिंदर की पार्टी के अलावा अकाली दल संयुक्त के साथ गठजोड़ किया है. पंजाब में बीजेपी 68, पंजाब लोक कांग्रेस 34 और अकाली दल संयुक्त 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसके अलावा चुनाव मैदान में संयुक्त समाज मोर्चा और संयुक्त संघर्ष पार्टी भी है.
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इन दिग्गजों का भविष्य दांव पर
चूंकि पंजाब में एक साथ सभी सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं तो सभी दिग्गज के साथ 117 सीटों के1304 उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य दांव पर है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ और चमकौर साहिब सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा आप के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू, अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल के भाग्य का फैसला भी रविवार को ही जनता करेगी.