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ज्ञानवापी परिसर में कड़ी सुरक्षा में वजूखाने की सफाई का काम पूरा, टैंक में मरी मिलीं 17 मछलियां

ज्ञानवापी परिसर में मौजूद वजूखाने की आज सफाई (Varanasi Gyanvapi Vajukhana Cleaning) कराई गई. सुबह नौ बजे से ही सफाई शुरू कराई गई. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई.

सफाई कार्य की शुरुआत हो चुकी है.
सफाई कार्य की शुरुआत हो चुकी है.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2024, 9:47 AM IST

Updated : Jan 20, 2024, 6:09 PM IST

वजूखाने की सफाई का काम पूरा

वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में 16 मई 2022 से सील पड़े वजूखाने को साफ करने का काम आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूरा कर लिया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि लंबे वक्त से इस वजूखाने के बंद रहने की वजह से इसमें रहने वाली मछलियों के जीवन पर संकट पैदा हो गया था और कई मछलियां मर भी गई थीं. उनके मरने की वजह से पूरे परिसर में दुर्गंध फैल रही थी. इसके बाद मस्जिद कमेटी की तरफ से डीएम वाराणसी से भी सफाई कराने की अपील की गई थी. लेकिन, मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन होने के कारण डीएम ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि, बाद में विष्णु शंकर जैन ने 2 जनवरी को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए इस स्थान की सफाई का निवेदन किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को आदेश देकर डीएम वाराणसी की निगरानी में पूरे टैंक को साफ करवाने के लिए कहा था.

आज सुबह 9:10 बजे टैंक की सफाई शुरू हुई. इसमें 15 सफाईकर्मियों को लगाया गया था. इसके बाद 12:30 तक टैंक को पूरी तरह से साफ करके स्थान को पुनः सील कर दिया गया है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सील वजूखाने की सफाई करके उक्त स्थान को पुनः साफ सुथरा कर दिया गया है. टैंक का पानी अब निकाल दिया गया है. वजूखाने के इस सेफ्टी टैंक में 37 जीवित और 17 मरी हुई मछलियां मिली हैं. छोटी मछलियां लगाए गए तीन अलग-अलग वाटर पंप के जरिए खुद से बाहर आ गई थीं, जबकि बड़ी मछलियों को नगर निगम सफाईकर्मियों ने हटाया और जीवित मछलियों को एक अलग वॉटर टैंक में सुरक्षित रखा गया. बाद में इसे अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी के सुपुर्द कर दिया गया. डीएम वाराणसी एस राज लिंगम ने बताया कि कमेटी की तरफ से मछलियों की सुपुर्दगी की मांग की गई थी. इसके बाद उन्हें यह सारी मछलियां जो जीवित निकलीं, वह सुपुर्द कर दी गई हैं, जबकि मृत मछलियों का निस्तारण नगर निगम की तरफ से किया गया है.

कर्मचारी सफाई करके जा चुके हैं.

वहीं, मुफ्ती ए बनारस और मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने बताया कि सफाई का काम पूरी निगरानी के साथ पूरा किया गया. जो मछलियां थीं वह हमें दी गई हैं. हमने उसको अपने सुपुर्द करने की मांग की थी. वहीं, वादी पक्ष की अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि दोनों पक्ष की सहमति के साथ पूरा काम किया गया. वजूखाने की साफ सफाई का काम पूरा किया गया है. पूरे वजूखाने को अच्छे से साफ करने के बाद इसका पानी पूरी तरह से अब निकाल दिया गया है. सुभाष नंदन का कहना है हमें किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है. अंदर मिलीं मछलियों को मुस्लिम पक्ष के सुपुर्द किए जाने से महिलाओं का कहना था कि यह बेहद खुशी का क्षण है और लंबे वक्त से गंदगी में रह रहे हमारे भोलेनाथ अब साफ सुथरा वातावरण में रहेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की सफाई का काम सुबह 9 बजे से शुरू कर दिया गया. सुबह 11 बजे के बाद तक यह काम पूरा कर लिया गया. कर्मी वापस लौट चुके हैं. टैंक में करीब 10 मछलियां मरी मिलीं. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गईय गुरुवार को जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम की अध्यक्षता में हिंदू पक्ष, अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी संग और पुलिस अफसरों की बैठक में यह निर्णय लिया गया था. नगर निगम टीम में अलावा अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद रही.

अंजुमन इंतजामिया ने दिया था प्रार्थना पत्र : दरअसल ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजूखाने में शिवलिंगनुमा पत्थर की आकृति मिली थी. सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए इस पूरे परिसर को ही सील करवा दिया गया था. हिंदू पक्ष की एप्लीकेशन पर वजूखाना सील होने के बाद इसके अंदर मौजूद मछलियों के मरने की शिकायत पिछले दिनों अंजुमन इंतजामिया ने जिला अधिकारी को एप्लीकेशन देकर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से इसकी सफाई नहीं हो पा रही थी. इसके बाद विष्णु शकंर जैन ने 2 जनवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आदेश देकर इसकी सफाई जिला अधिकारी की निगरानी में करने के लिए कहा था.

वादी पक्ष के अधिवक्ता ने विस्तार से जानकारी दी.

सफाई कर्मियों के अलावा किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं : श्री काशी विश्वनाथ धाम में पिछले दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्ष के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाने की सफाई के दौरान अंदर मौजूद रहे. कोई भी पक्ष वजूखाने की जाली के अंदर नहीं गया. सिर्फ सफाई कर्मचारी ही अंदर गए. ऐहतियातन साफ-सफाई का काम पूरी निगरानी में की गई. साफ-सफाई के काम के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था भी बहुत मजबूती के साथ रखी गई. सील वजूखाना में किसी को भी अनाधिकृत रूप से प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा था कि टैंक की सफाई वाराणसी के जिला कलेक्टर की देखरेख में कराई जाए.

सफाई कार्य की शुरुआत हो चुकी है.

जिलाधिकारी भी पहुंचे परिसर के अंदर : सुबह जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम भी परिसर के अंदर पहुंचे. सफाई के लिए पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. तीन वाटर पंप लगाए गए थे. 26 सदस्यीय दल जिसमें हिंदू और मुस्लिम पक्ष के साथ-साथ नगर निगम के सफाई कर्मी शामिल थे. सुबह 9 बजे टीम पहुंच गई थी. अपना पहचान पत्र दिखाते हुए ज्ञानवापी के अंदर प्रवेश किया था. इससे पूर्व चेकिंग के बाद सभी उपकरणों को अंदर ले जाया गया था.

बता दें कि 16 मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग नुमा आकृति पाए जाने के दावे के बाद इसे सील करने का आदेश दिया था. तब से इसकी सफाई नहीं हो पाई थी. आज सफाई के बाद इसमें मौजूद जिंदा मछलियों को मुस्लिम पक्ष को सुपुर्द कर दिया गया, जबकि मृत मछलियों का निस्तारण नगर निगम कर्मचारी करेंगे. नगर निगम के कर्मचारियों को स्पेशल निर्देश दिया गया था कि अंदर मौजूद किसी भी चीज को या कलाकृतियों को हाथ न लगाया जाए. शिवलिंग नुमा आकृति को तो बिल्कुल भी ना छेड़ने की हिदायत दी गई थी.

यह भी पढ़ें : कुंभ सिटी की तर्ज पर होगी अयोध्या की सफाई, नगर विकास विभाग ने तैयार किया मास्टर प्लान

वजूखाने की सफाई का काम पूरा

वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में 16 मई 2022 से सील पड़े वजूखाने को साफ करने का काम आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूरा कर लिया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि लंबे वक्त से इस वजूखाने के बंद रहने की वजह से इसमें रहने वाली मछलियों के जीवन पर संकट पैदा हो गया था और कई मछलियां मर भी गई थीं. उनके मरने की वजह से पूरे परिसर में दुर्गंध फैल रही थी. इसके बाद मस्जिद कमेटी की तरफ से डीएम वाराणसी से भी सफाई कराने की अपील की गई थी. लेकिन, मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन होने के कारण डीएम ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि, बाद में विष्णु शंकर जैन ने 2 जनवरी को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए इस स्थान की सफाई का निवेदन किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को आदेश देकर डीएम वाराणसी की निगरानी में पूरे टैंक को साफ करवाने के लिए कहा था.

आज सुबह 9:10 बजे टैंक की सफाई शुरू हुई. इसमें 15 सफाईकर्मियों को लगाया गया था. इसके बाद 12:30 तक टैंक को पूरी तरह से साफ करके स्थान को पुनः सील कर दिया गया है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सील वजूखाने की सफाई करके उक्त स्थान को पुनः साफ सुथरा कर दिया गया है. टैंक का पानी अब निकाल दिया गया है. वजूखाने के इस सेफ्टी टैंक में 37 जीवित और 17 मरी हुई मछलियां मिली हैं. छोटी मछलियां लगाए गए तीन अलग-अलग वाटर पंप के जरिए खुद से बाहर आ गई थीं, जबकि बड़ी मछलियों को नगर निगम सफाईकर्मियों ने हटाया और जीवित मछलियों को एक अलग वॉटर टैंक में सुरक्षित रखा गया. बाद में इसे अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी के सुपुर्द कर दिया गया. डीएम वाराणसी एस राज लिंगम ने बताया कि कमेटी की तरफ से मछलियों की सुपुर्दगी की मांग की गई थी. इसके बाद उन्हें यह सारी मछलियां जो जीवित निकलीं, वह सुपुर्द कर दी गई हैं, जबकि मृत मछलियों का निस्तारण नगर निगम की तरफ से किया गया है.

कर्मचारी सफाई करके जा चुके हैं.

वहीं, मुफ्ती ए बनारस और मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने बताया कि सफाई का काम पूरी निगरानी के साथ पूरा किया गया. जो मछलियां थीं वह हमें दी गई हैं. हमने उसको अपने सुपुर्द करने की मांग की थी. वहीं, वादी पक्ष की अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी का कहना है कि दोनों पक्ष की सहमति के साथ पूरा काम किया गया. वजूखाने की साफ सफाई का काम पूरा किया गया है. पूरे वजूखाने को अच्छे से साफ करने के बाद इसका पानी पूरी तरह से अब निकाल दिया गया है. सुभाष नंदन का कहना है हमें किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है. अंदर मिलीं मछलियों को मुस्लिम पक्ष के सुपुर्द किए जाने से महिलाओं का कहना था कि यह बेहद खुशी का क्षण है और लंबे वक्त से गंदगी में रह रहे हमारे भोलेनाथ अब साफ सुथरा वातावरण में रहेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की सफाई का काम सुबह 9 बजे से शुरू कर दिया गया. सुबह 11 बजे के बाद तक यह काम पूरा कर लिया गया. कर्मी वापस लौट चुके हैं. टैंक में करीब 10 मछलियां मरी मिलीं. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गईय गुरुवार को जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम की अध्यक्षता में हिंदू पक्ष, अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी संग और पुलिस अफसरों की बैठक में यह निर्णय लिया गया था. नगर निगम टीम में अलावा अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद रही.

अंजुमन इंतजामिया ने दिया था प्रार्थना पत्र : दरअसल ज्ञानवापी परिसर के अंदर कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजूखाने में शिवलिंगनुमा पत्थर की आकृति मिली थी. सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए इस पूरे परिसर को ही सील करवा दिया गया था. हिंदू पक्ष की एप्लीकेशन पर वजूखाना सील होने के बाद इसके अंदर मौजूद मछलियों के मरने की शिकायत पिछले दिनों अंजुमन इंतजामिया ने जिला अधिकारी को एप्लीकेशन देकर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से इसकी सफाई नहीं हो पा रही थी. इसके बाद विष्णु शकंर जैन ने 2 जनवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आदेश देकर इसकी सफाई जिला अधिकारी की निगरानी में करने के लिए कहा था.

वादी पक्ष के अधिवक्ता ने विस्तार से जानकारी दी.

सफाई कर्मियों के अलावा किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं : श्री काशी विश्वनाथ धाम में पिछले दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्ष के दो-दो प्रतिनिधि सील वजूखाने की सफाई के दौरान अंदर मौजूद रहे. कोई भी पक्ष वजूखाने की जाली के अंदर नहीं गया. सिर्फ सफाई कर्मचारी ही अंदर गए. ऐहतियातन साफ-सफाई का काम पूरी निगरानी में की गई. साफ-सफाई के काम के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था भी बहुत मजबूती के साथ रखी गई. सील वजूखाना में किसी को भी अनाधिकृत रूप से प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा था कि टैंक की सफाई वाराणसी के जिला कलेक्टर की देखरेख में कराई जाए.

सफाई कार्य की शुरुआत हो चुकी है.

जिलाधिकारी भी पहुंचे परिसर के अंदर : सुबह जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम भी परिसर के अंदर पहुंचे. सफाई के लिए पानी निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. तीन वाटर पंप लगाए गए थे. 26 सदस्यीय दल जिसमें हिंदू और मुस्लिम पक्ष के साथ-साथ नगर निगम के सफाई कर्मी शामिल थे. सुबह 9 बजे टीम पहुंच गई थी. अपना पहचान पत्र दिखाते हुए ज्ञानवापी के अंदर प्रवेश किया था. इससे पूर्व चेकिंग के बाद सभी उपकरणों को अंदर ले जाया गया था.

बता दें कि 16 मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग नुमा आकृति पाए जाने के दावे के बाद इसे सील करने का आदेश दिया था. तब से इसकी सफाई नहीं हो पाई थी. आज सफाई के बाद इसमें मौजूद जिंदा मछलियों को मुस्लिम पक्ष को सुपुर्द कर दिया गया, जबकि मृत मछलियों का निस्तारण नगर निगम कर्मचारी करेंगे. नगर निगम के कर्मचारियों को स्पेशल निर्देश दिया गया था कि अंदर मौजूद किसी भी चीज को या कलाकृतियों को हाथ न लगाया जाए. शिवलिंग नुमा आकृति को तो बिल्कुल भी ना छेड़ने की हिदायत दी गई थी.

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Last Updated : Jan 20, 2024, 6:09 PM IST
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