लखनऊ : बुधवार को कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान (Cabinet Minister Dara Singh Chouhan) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी के लिए यह तगड़ा झटका माना जा रहा है. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात की. अखिलेश ने ट्वीट कर दारा सिंह चौहान का स्वागत किया है.
विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद बुधवार को वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दिया है. दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा भेजा है. भारतीय जनता पार्टी के लिए मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद यह एक और बड़ा झटका माना जा रहा है. दारा सिंह चौहान ने भी दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है.
क्या बोले दारा सिंह चौहान
योगी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया है. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने ETV BHARAT से खास बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में पिछड़े दलित वंचित शोषित की उपेक्षा की गई. वह लगातार इस बात को उठाता रहे और आरक्षण के मुद्दे पर भी मुखरता से बीजेपी के नेताओं से बात करता रहा था. दारा सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के दलित पिछड़े समाज के आशीर्वाद से भाजपा की सरकार बनी है. लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला, युवाओं को रोजगार नहीं मिला, किसान परेशान है. जो छोटे खेतिहर लोग हैं वह जानवरों से वह परेशान हैं. फसल बचाने के लिए उन्हें जाड़े में खेत में सोना पड़ रहा है. भाजपा सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इन सभी को जब न्याय नहीं मिल पाया तो आहत होकर उन्होंने नैतिक रूप से इस्तीफा दे दिया. समाजवादी पार्टी में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अपने समाज के लोगों से राय मशविरा करने के बाद निर्णय लूंगा.
कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दारा सिंह चौहान ने कहा कि बीजेपी ने दलितों, पिछड़े समुदायों के समर्थन से सरकार बनाई लेकिन उनकी अच्छी तरह से सेवा नहीं की. इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है. अपने समाज के लोगों के साथ चर्चा करुंगा और फिर भविष्य के बारे में ऐलान करुंगा. हालांकि उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात की है.
मंत्री दारा सिंह चौहान भी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. 5 साल सरकार में मंत्री रहे और अब जब विधानसभा चुनाव सूचना जारी हो चुकी है तो उन्होंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों का कहना है कि मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ दारा सिंह चौहान भी समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे और बीजेपी के कई अन्य मंत्री भी स्वामी प्रसाद मौर्य संपर्क में है.
बसपा व सपा में भी रह चुके हैं
गौरतलब है कि दारा सिंह चौहान मूलरूप से आजमगढ़ जिले के गेलवारा गांव के रहने वाले हैं. इनकी गिनती बसपा के संस्थापक सदस्यों में होती है. कहा जाता है कि दारा सिंह राजनीति के ऐसे मंझे खिलाड़ी हैं जो हवा का रुख चुनाव से पहले ही भांप जाते हैं. दारा सिंह चौहान ने राजनीति की शुरूआत में ही अपना कर्मक्षेत्र मऊ के मधुबन क्षेत्र को बनाया. बसपा ने वर्ष 1996 में पहली बार उन्हें राज्यसभा भेजा. इसके बाद 2000 में वह सपा में शामिल हो गए. इसके बाद सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा. वर्ष 2007 के चुनाव से पहले वह फिर बसपा में शामिल हो गए. इसके बाद फिर बसपा ने 2009 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया.
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दो साल से हाशिए पर रहे दारा सिंह चौहान
वर्ष 2012 के चुनाव में यूपी में सपा की सरकार बनी और मायावती सत्ता से बाहर हुईं तो फिर दारा का मोह बसपा से भंग हो गया और 2 फरवरी 2015 को वह बीजेपी में शामिल हो गए. दारा सिंह चौहान को बीजेपी ने पिछड़ी जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया. इसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में मधुबन सीट से जीत हासिल कर दारा सिंह कैबिनेट मंत्री बन गए. पिछले 2 साल से दारा सिंह बीजेपी में हाशिए पर दिख रहे थे. यहां तक कि नवंबर 2021 में गृहमंत्री राज्य विश्वविद्यालय का लोकापर्ण करने के लिए आजमगढ़ आए तो कार्यक्रम में दारा सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया था.