लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ऊर्जा क्षेत्र के बजट में नलकूप किसानों को अब 100 फीसद छूट देने का एलान किया है. यानी अब नलकूप उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं देना पड़ेगा. इसके लिए 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है.
वित्तीय वर्ष 2022-2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई थी. जिसे लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गई घोषणा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है. जिसके लिए 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इसके अलावा बुन्देलखंड में स्थापित की जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत निकासी के लिए केन्द्र सरकार और जर्मनी की संस्था की सहायता से ग्रीन इनर्जी काॅरीडोर परियोजना के अन्तर्गत पारेषण तंत्र के निर्माण के लिए 1554 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इस परियोजना को तीन वर्षों में पूर्ण किया जाना लक्षित है. विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता और क्षमता वृद्धि के लिए केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की गई है. जिसके लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है.
बजट के दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घंटे और गांवों को 18 से 20 घंटे बिजली दिए जाने का रोस्टर निर्धारित है. एक अप्रैल 2017 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में 14:38 घंटे, तहसील क्षेत्र में 16: 58 घंटे व शहरी क्षेत्र में 21:08 घंटे आपूर्ति के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल, 2022 से अक्टूबर, 2022 तक औसतन ग्रामीण क्षेत्र में 17:26 घटे, तहसील क्षेत्र में 20:52 घंटे तथा शहरी क्षेत्र में 23:26 घंटे आपूर्ति की गई.
वर्ष 2017-18 से कुल 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किए जा चुके हैं. प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निःशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रुपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गई. इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए. कृषि कार्योें के लिए समुचित रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए 11 केवी कृषि एवं गैर कृषि ग्रामीण फीडरों के पृथकीकरण योजना के अन्तर्गत लक्षित 2227 नए फीडरों का पृथकीकरण पूरा कर लिया गया है. प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय उत्पादन परियोजनाओं जिनमें घाटमपुर, ओबरा ‘सी‘ व जवाहरपुर से ऊर्जा निकासी के लिए लगभग 7076.37 करोड़ रुपये की पारेषण परियोजनाओं का निर्माण पीपीपी पद्धति से कराया जा रहा है. इनमें से लगभग 4081.23 करोड़ रूपये की परियोजनायें पूरी कर ली गई है और शेष निर्माणाधीन हैं.
वर्ष 2019-2020 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3766 मेगावाट प्रतिदिन, वर्ष 2020-2021 में औसत उत्पादन उपलब्धता 3816 मेगावाट प्रतिदिन और वर्ष 2021-2022 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3998 मेगावाट प्रतिदिन रही. पारेषण तंत्र की क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाट थी, को वर्ष 2021-2022 में 28,000 मेगावाॅट तक किया गया. जिसे वर्ष 2022-2023 तक बढ़ाकर 30,806 मेगावाॅट तक किया जाना लक्षित है.
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