गुवाहाटी : केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को असम से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है. असम से इस सीट के लिए सोनोवाल एकमात्र उम्मीदवार थे और नाम वापस लेने के आखिरी दिन निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें संसद के उच्च सदन के लिए निर्वाचित घोषित किया.
असम से राज्यसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीटों की संख्या बढ़कर तीन हो गई जबकि उसके सहयोगी असम गण परिषद के पास राज्यसभा की एक सीट है. असम में राज्यसभा की कुल सात सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें कांग्रेस के पास हैं और एक सीट पर निर्दलीय सदस्य है.
सोनोवाल ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भबेश कालिता के साथ दोपहर में राज्य विधानसभा परिसर से निर्वाचन अधिकारी से चुनाव प्रमाण पत्र लिया है. इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि वह राज्य और लोगों की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सहित भाजपा नेतृत्व को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, मैं असम के लोगों और विशेष रूप से माजुली का मुझ पर अटूट विश्वास और भरोसा दिखाने के लिए धन्यवाद व्यक्त करता हूं.
सोनोवाल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में बंदरगाह, जहाजरानी और आयुष मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. इससे उनका सांसद बनना आवश्यक हो गया था. पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल ने जिस सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत डेमरी के उच्च सदन से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी.
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डेमरी ने विधानसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद उच्च सदन से इस्तीफा दिया था. सोनोवाल भी मई में लगातार दूसरी बार माजुली से विधानसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन हिमंत बिस्व सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद वे दिल्ली लौट गए थे.
विपक्षी दलों ने राज्यसभा सीट के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था क्योंकि ,उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं था. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में, सत्तारूढ़ भाजपा के पास 60 विधायक हैं. सोनोवाल के राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद यह संख्या घटकर 59 रह जाएगी. भाजपा की सहयोगी अगप और यूपीपीएल के पास क्रमश नौ और पांच विधायक हैं.
(पीटीआई-भाषा)