तिरुवनंतपुरम : केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने शनिवार को केरल में मुस्लिम समुदाय से आग्रह किया कि वह समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और अन्य के दुष्प्रचार में न फंसे. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि यूसीसी के क्रियान्वयन पर केंद्र सरकार का फैसला अगले साल होने वाले आम चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं लिया गया है, बल्कि हर चीज के लिए संविधान ही मानदंड है.
वरिष्ठ भाजपा नेता ने पूछा कि क्या संविधान निर्माताओं ने यह सब चुनावों को ध्यान में रखकर लिखा था. उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अनुरोध किया कि वे यूसीसी के संबंध में तथ्यों को समझने का प्रयास करें. मुरलीधरन ने कहा, "मुस्लिम समुदाय को यूसीसी के खिलाफ माकपा और अन्य के दुष्प्रचार में नहीं फंसना चाहिए." उन्होंने कहा कि मुसलमानों को यह अहसास होना चाहिए कि यूसीसी संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 27, 28 और 30 तक के तहत अल्पसंख्यकों को दिए गए किसी भी अधिकार के लिए खतरा पैदा नहीं करेगा. उन्होंने दावा किया कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता या शैक्षणिक संस्थान संचालित करने के अल्पसंख्यकों के अधिकारों में भी कटौती नहीं होगी.
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मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हाल में कहा था कि समान नागरिक संहिता के मुद्दे को उठाने के पीछे भाजपा का 'चुनावी एजेंडा' है. मुख्यमंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर मुरलीधरन ने हैरानी जतायी कि इसे आगामी चुनावों से कैसे जोड़ा जा सकता है. मंत्री ने कहा कि यूसीसी की परिकल्पना संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत की गई है. मुरलीधरन ने कहा, "लोगों को इस पर चर्चा करने दें. उन्हें अपने विचार व्यक्त करने दें. वे (विपक्षी दल) बहस से क्यों डरते हैं? लोकतांत्रिक प्रणाली में, उन्हें स्वस्थ बहस और संवाद का स्वागत करना चाहिए."
(पीटीआई-भाषा)