नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को केंद्रीय क्षेत्र की योजना, स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) के राष्ट्रीय रोलआउट को पांच साल के लिए 1,600 करोड़ रुपये के बजट के साथ मंजूरी दे दी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की कार्यान्वयन एजेंसी होगी.
हेल्थकेयर इकोसिस्टम में डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस पिछले कुछ सालों में अत्यधिक लाभकारी साबित हुए हैं. कोविन, आरोग्य सेतु और ई-संजीवनी ने यह प्रदर्शित किया है कि हेल्थकेयर तक पहुंच को सक्षम करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका हो सकती है. जन-धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहल के रूप में निर्धारित नींव के आधार पर, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) डेटा की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से एक ऑनलाइन मंच बना रहा है.
एबीडीएम के तहत नागरिक अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या बना सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा. इस मिशन से टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करके और स्वास्थ्य सेवाओं की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को सक्षम करके गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए समान पहुंच में सुधार की उम्मीद है.
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एबीडीएम का पायलट प्रोजेक्ट छह केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में एनएचए द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी मंच के साथ पूरा किया गया था. पायलट प्रोजेक्ट के दौरान, डिजिटल सैंडबॉक्स बनाया गया था जिसमें 774 से अधिक भागीदार समाधान एकीकरण के दौर से गुजर रहे हैं.
बता दें, 24 फरवरी तक कुल 17,33,69,087 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए गए हैं और एबीडीएम में 10,114 डॉक्टरों और 17,319 स्वास्थ्य सुविधाओं का पंजीकरण किया गया है.
(एजेंसी इनपुट)