प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए जाने के मामले में प्रयागराज पुलिस ने गुजरात जाकर अतीक अहमद के बी वारंट को जेल में तामील करवाया.अब प्रयागराज पुलिस अतीक अहमद को उमेश पाल केस की सुनवाई के लिए गुजरात की साबरमती जेल से एक बार फिर प्रयागराज ला सकती है. इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर पुलिस उससे जेल में पूछताछ कर सकती है. फिलहाल, प्रयागराज पुलिस ने सोमवार को गुजरात की साबरमती जेल जाकर अतीक अहमद के खिलाफ उमेश पाल हत्याकांड में बी वारंट बनवाया और उसे जेल में जाकर प्रस्तुत कर दिया.
प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड की साजिश के लिए पुलिस ने अतीक अहमद और उसके छोटे भाई व पूर्व विधायक खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ को आरोपी बनाया है. इसी कड़ी में प्रयागराज के धूमनगंज थाने की पुलिस सोमवार को फिर से अहमदाबाद के साबरमती जेल पहुंची और अतीक अहमद का बी वारंट वहां पर सबमिट कर दिया. बी वारंट तामील करने के साथ ही जेल प्रशासन उसे सत्यापित करने की कार्यवाही शुरू कर चुका है. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर अब पुलिस साबरमती जेल में अतीक अहमद से उमेश पाल केस से जुड़े सवाल-जवाब कर सकती है. इसके साथ ही पुलिस अतीक अहमद को कोर्ट के आदेश पर ट्रांजिट रिमांड बनवाकर एक बार फिर प्रयागराज पूछताछ करने के लिए ले जा सकती है.
अतीक अहमद का बी वारंट साबरमती जेल में तामील करवाने से पहले ही अशरफ का बी वारंट शुक्रवार को ही बरेली जेल में तामील करवाया जा चुका है. इसके साथ ही अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाने का भी पुलिस को कोर्ट से आदेश मिल चुका है. लेकिन, कोर्ट ने अपने आदेश में पुलिस कमिश्नर को अशरफ को हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक पूरी सुरक्षा व्यवस्था का अक्षरशः पालन करते हुए प्रयागराज लाने का निर्देश दिया है. हालांकि, कोर्ट के इस आदेश के दो दिन बाद सोमवार को भी दिनभर चर्चा के बावजूद अशरफ को बरेली जेल से लाने प्रयागराज पुलिस नहीं पहुंची थी.
उमेश पाल के अपहरण केस में अतीक अहमद सहित तीन आरोपियों को दोषी मानते हुए एमपी एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट ने अतीक के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न मिल पाने की वजह से उसके साथ 7 अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. अब कोर्ट में पुलिस ने उमेश पाल अपहरण केस में दोषी बनाए गए अतीक अहमद और दोषमुक्त किए गए अशरफ को हत्या का आरोपी बना दिया है. इसके बाद अब इस केस के विवेचक कोर्ट के आदेश पर माफिया बंधुओं का जेल में भी बयान दर्ज कर सकते हैं. इसके साथ ही दोनों आरोपियों को इस केस में कोर्ट के आदेश पर एमपी एमएलए कोर्ट में पेश करने के लिए पेशी पर भी लाया जा सकता है.
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