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यूक्रेन का आरोप-रूस ने इस्तेमाल किया वैक्यूम बम, जानिए कितना खतरनाक है

यूक्रेन की राजदूत ओकसाना मार्कारोवा ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि रूस ने फादर ऑफ ऑल बॉम्ब वैक्यूम बम (vacuum-bomb) का इस्तेमाल किया है. जानिए कितना खतरनाक है ये बम. पढ़ें पूरी खबर.

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रूस यूक्रेन युद्ध
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Published : Mar 1, 2022, 3:01 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 9:41 PM IST

हैदराबाद : रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर सोमवार को बमबारी की. इस हमले में 70 यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो गई. इसके साथ ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है और करीब 40 मील के काफिले में रूस के टैंक और अन्य सैन्य वाहन कूच कर रहे हैं. इस बीच यूक्रेन की राजदूत ओकसाना मार्कारोवा ने आरोप लगाया है कि रूस ने फादर ऑफ ऑल बॉम्ब वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है. इस बम के लिए गोला-बारूद नहीं बल्कि उच्च दाव वाले विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है.

उमान अधिकार समूहों और संयुक्त राज्य अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ने सोमवार को रूस पर यूक्रेन के लोगों पर क्लस्टर बमों और वैक्यूम बमों से हमला करने का आरोप लगाया, जिसकी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने निंदा की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच दोनों ने कहा कि रूसी सेना ने व्यापक रूप से प्रतिबंधित क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल किया है.

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एमनेस्टी ने उन पर पूर्वोत्तर यूक्रेन में एक प्रीस्कूल पर हमला करने का आरोप लगाया. संयुक्त राज्य अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ओक्साना मार्करोवा ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि रूस ने आक्रमण में थर्मोबैरिक हथियार का इस्तेमाल किया, जिसे वैक्यूम बम के रूप में जाना जाता है.

सांसदों के साथ बैठक के बाद मार्करोवा ने कहा, 'उन्होंने आज वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया.'... रूस यूक्रेन पर जो तबाही मचाने की कोशिश कर रहा है वह बहुत बड़ी है.' यह उच्च तापमान विस्फोट उत्पन्न करने के लिए आसपास की हवा से ऑक्सीजन खींच लेता है, आमतौर पर एक पारंपरिक विस्फोटक की तुलना में काफी लंबी अवधि की विस्फोट लहर पैदा करता है और मानव शरीर को वाष्पीकृत करने में सक्षम होता है. हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि रूस ने थर्मोबैरिक हथियारों का इस्तेमाल किया है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट देखी है लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं है कि रूस ने ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया. ऐसे अंतरराष्ट्रीय संगठन हैं जो इसका आकलन करेंगे.

पढ़ें- WAR: रूस ने मचाई तबाही, धमाकों से दहला खारकीव- 70 यूक्रेनी सैनिकों की मौत

जानिए क्या है वैक्यूम बम
वैक्यूम बम को 'थर्मोबेरिक हथियार' भी कहते हैं. इसमें एक्सप्लोसिव फ्यूल के साथ केमिकल भरा जाता है. इसमें विस्फोट होने पर सुपरसोनिक तरंगें पैदा होती हैं, जो बेहद ही खतरनाक होती हैं. इसमें इतना ज्यादा मात्रा में ऊर्जा व ताप निकलता है जो शरीर को भाप बना देता है. इसकी जद में जो कुछ भी आता है वह उसे तबाह कर देता है. यह बम इतना खतरनाक है कि ऑक्सीजन को सोखकर तेज धमाका करता है. यही वजह है कि इसे सबसे ताकतवर गैर परमाणु बम भी कहा जाता है. एक बम इतना शक्तिशाली होता है कि 44 टन टीएनटी के बराबर क्षमता वाला धमाका करने में सक्षम है. इसे परमाणु बम जैसी तबाही होती है. परमाणु बम की तरह इसमें रेडिएशन का खतरा नहीं होता.

रूस ने 2007 में बनाया था वैक्यूम बम
रूस ने 2007 में वैक्यूम बम बनाया था. रूस के इस बम का वजन 71 सौ किलो है. रूस ने सीरिया के खिलाफ 2016 में इसे इस्तेमाल किया था. ये बम 300 मीटर के दायरे में भारी तबाही मचाता है. अमेरिका के पास भी वैक्यूम बम है. अमेरिका ने 2003 में इसका परीक्षण किया था. अमेरिका ने 2017 में अफगानिस्तान पर इसका इस्तेमाल किया था. वैक्यूम बम थर्मोबैरिक हथियार है इसीलिए जेनेवा कंवेंशन के तहत इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है.

पढ़ें : Russia-Ukraine Update: UNGA ने कहा- परमाणु अलर्ट रोंगटे खड़ा करने वाला, तुरंत हो सीजफायर

हैदराबाद : रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर सोमवार को बमबारी की. इस हमले में 70 यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो गई. इसके साथ ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है और करीब 40 मील के काफिले में रूस के टैंक और अन्य सैन्य वाहन कूच कर रहे हैं. इस बीच यूक्रेन की राजदूत ओकसाना मार्कारोवा ने आरोप लगाया है कि रूस ने फादर ऑफ ऑल बॉम्ब वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है. इस बम के लिए गोला-बारूद नहीं बल्कि उच्च दाव वाले विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है.

उमान अधिकार समूहों और संयुक्त राज्य अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ने सोमवार को रूस पर यूक्रेन के लोगों पर क्लस्टर बमों और वैक्यूम बमों से हमला करने का आरोप लगाया, जिसकी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने निंदा की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच दोनों ने कहा कि रूसी सेना ने व्यापक रूप से प्रतिबंधित क्लस्टर हथियारों का इस्तेमाल किया है.

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एमनेस्टी ने उन पर पूर्वोत्तर यूक्रेन में एक प्रीस्कूल पर हमला करने का आरोप लगाया. संयुक्त राज्य अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ओक्साना मार्करोवा ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि रूस ने आक्रमण में थर्मोबैरिक हथियार का इस्तेमाल किया, जिसे वैक्यूम बम के रूप में जाना जाता है.

सांसदों के साथ बैठक के बाद मार्करोवा ने कहा, 'उन्होंने आज वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया.'... रूस यूक्रेन पर जो तबाही मचाने की कोशिश कर रहा है वह बहुत बड़ी है.' यह उच्च तापमान विस्फोट उत्पन्न करने के लिए आसपास की हवा से ऑक्सीजन खींच लेता है, आमतौर पर एक पारंपरिक विस्फोटक की तुलना में काफी लंबी अवधि की विस्फोट लहर पैदा करता है और मानव शरीर को वाष्पीकृत करने में सक्षम होता है. हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि रूस ने थर्मोबैरिक हथियारों का इस्तेमाल किया है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट देखी है लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं है कि रूस ने ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया. ऐसे अंतरराष्ट्रीय संगठन हैं जो इसका आकलन करेंगे.

पढ़ें- WAR: रूस ने मचाई तबाही, धमाकों से दहला खारकीव- 70 यूक्रेनी सैनिकों की मौत

जानिए क्या है वैक्यूम बम
वैक्यूम बम को 'थर्मोबेरिक हथियार' भी कहते हैं. इसमें एक्सप्लोसिव फ्यूल के साथ केमिकल भरा जाता है. इसमें विस्फोट होने पर सुपरसोनिक तरंगें पैदा होती हैं, जो बेहद ही खतरनाक होती हैं. इसमें इतना ज्यादा मात्रा में ऊर्जा व ताप निकलता है जो शरीर को भाप बना देता है. इसकी जद में जो कुछ भी आता है वह उसे तबाह कर देता है. यह बम इतना खतरनाक है कि ऑक्सीजन को सोखकर तेज धमाका करता है. यही वजह है कि इसे सबसे ताकतवर गैर परमाणु बम भी कहा जाता है. एक बम इतना शक्तिशाली होता है कि 44 टन टीएनटी के बराबर क्षमता वाला धमाका करने में सक्षम है. इसे परमाणु बम जैसी तबाही होती है. परमाणु बम की तरह इसमें रेडिएशन का खतरा नहीं होता.

रूस ने 2007 में बनाया था वैक्यूम बम
रूस ने 2007 में वैक्यूम बम बनाया था. रूस के इस बम का वजन 71 सौ किलो है. रूस ने सीरिया के खिलाफ 2016 में इसे इस्तेमाल किया था. ये बम 300 मीटर के दायरे में भारी तबाही मचाता है. अमेरिका के पास भी वैक्यूम बम है. अमेरिका ने 2003 में इसका परीक्षण किया था. अमेरिका ने 2017 में अफगानिस्तान पर इसका इस्तेमाल किया था. वैक्यूम बम थर्मोबैरिक हथियार है इसीलिए जेनेवा कंवेंशन के तहत इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है.

पढ़ें : Russia-Ukraine Update: UNGA ने कहा- परमाणु अलर्ट रोंगटे खड़ा करने वाला, तुरंत हो सीजफायर

Last Updated : Mar 1, 2022, 9:41 PM IST
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