चित्तौड़गढ़. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चित्तौड़गढ़ दौरे से ठीक पहले वंदे भारत एक्सप्रेस को डी रेल करने की कोशिश की गई. दरअसल सोमवार सुबह उदयपुर जयपुर वंदे भारत दुर्घटना का शिकार होते-होते बच गई. कुछ बदमाशों ने गाड़ी को पटरी से उतारने की कोशिश की थी. लेकिन पायलट की सजगता के कारण यह हादसा टल गया. उदयपुर से जयपुर आते वक्त ट्रैक पर बड़ी संख्या में पत्थर और सरिया रखे गए थे. जिसका एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में कर्मचारी ट्रैक से पत्थर को हटाते हुए दिख रहे हैं. इस घटना के बाद रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया. घटना को लेकर रेलवे पुलिस और विभाग ने सीआरपीएफ को भी इत्तला दी और तमाम अधिकारियों ने मौका मुआयना किया. रेलवे की ओर से गंगरार थाने में इस बारे में मुकदमा दर्ज कराया गया है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके शरारती तत्वों के खिलाफ जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
लोको पायलट ने दिखाई सजगता : जानकारी के मुताबिक उदयपुर से रवाना होने के बाद सुबह करीब 9:55 पर वंदे भारत चित्तौड़गढ़ पहुंची थी. इस बीच रास्ते में सोनीयाणा और गंगरार रेलवे स्टेशन के बीच यह घटना हो गई. लोको पायलट ने पटरियों पर गड़बड़ी का अंदेशा देखते हुए ट्रेन को रोका और मौके पर जाकर देखा, तो साजिश की तैयारी का पता लगा. उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण के मुताबिक लोको पायलट की सजगता के कारण हादसा टल गया है और विभाग की ओर से जांच की जा रही है.
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24 सितंबर को पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी : उदयपुर से चलकर जयपुर आने वाली वंदे भारत ट्रेन को 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. इस ट्रेन के सफर को अभी 10 ही दिन हुए हैं कि हादसे का अंदेशा सामने आया है. इससे पहले ट्रायल के दौरान भी एक मवेशी वंदे भारत से टकरा गया था. जिसके बाद ट्रेन की बोगी के ऊपर पत्थरों की घटना भी सामने आई थी. आज ट्रेन की पटरी पर पत्थर और लोहे की कड़ियां रखकर ट्रेन को दी रेल करने की कोशिश की गई.