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असम में जनजातीय उग्रवाद का युग समाप्त हो गया :हिमंत

असम में जनजातीय उग्रवाद खत्म हो चुका है क्योंकि उग्रवादी संगठन सरकार से बातचीत के लिए आगे आ रहे हैं. उक्त बातें असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने पत्रकारों से बातचीत में दी.

Assam CM Himanta Biswa Sarma
असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा (फाइल फोटो)
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Published : Jan 1, 2022, 5:54 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 9:27 PM IST

गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को कहा कि राज्य में जनजातीय उग्रवाद का युग समाप्त हो गया है क्योंकि सभी उग्रवादी संगठन सरकार के साथ वार्ता के लिए आगे आ रहे हैं.

इसी क्रम में उन्होंने कहा कि राज्य में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (अफ्सपा) के बारे में इस साल 'कुछ सकारात्मक घटनाक्रम' होने की उम्मीद है. हालांकि, पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सरमा ने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई.

सरमा ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि उल्फा (आई) द्वारा संप्रभुता की मांग एक बाधा है और उनकी सरकार गतिरोध को तोड़ने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, 'जनजातीय उग्रवाद का युग समाप्त हो गया है...हमारी अंतिम बाधा उल्फा (आई) है. उसे छोड़ कर, अन्य सभी संगठनों ने हथियार डाल दिए हैं.'

ये भी पढ़ें - असम-2021 : हिमंत मुख्यमंत्री बनें, पुलिस मुठभेड़ों और सीमा विवाद की होती रही चर्चा

उन्होंने कहा कि असम के छह-सात जिलों को छोड़ कर राज्य से सेना हटा ली गई है और जब इस साल अफ्सपा की समीक्षा की जाएगी, तब राज्य सरकार कोई व्यावहारिक निर्णय लेगी.सरमा ने कहा, 'जहां तक अफ्सपा की बात है, असम 2022 में कुछ तर्कसंगत कदम उठाए जाएंगे...कैसे और कब, हम नहीं जानते. लेकिन मैं आशावादी हूं. हम 2022 को उम्मीद भरे वर्ष के तौर पर देख रहे हैं. अफ्सपा के बारे में कुछ सकारात्मक क्षण होंगे.'

सीएम सरमा ने कहा कि असम में नवंबर 1990 में अफ्सपा लगाया गया था और तब से इसे हर छह महीने पर राज्य सरकार द्वारा सीमक्षा के बाद विस्तारित किया गया.नगालैंड में सेना के हाथों पिछले साल दिसंबर में 13 आम लोगों के मारे जाने और एक अन्य घटना में एक और व्यक्ति के मारे जाने के बाद असम में भी अफ्सपा हटाने की मांग ने जोर पकड़ ली है.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को कहा कि राज्य में जनजातीय उग्रवाद का युग समाप्त हो गया है क्योंकि सभी उग्रवादी संगठन सरकार के साथ वार्ता के लिए आगे आ रहे हैं.

इसी क्रम में उन्होंने कहा कि राज्य में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (अफ्सपा) के बारे में इस साल 'कुछ सकारात्मक घटनाक्रम' होने की उम्मीद है. हालांकि, पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सरमा ने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई.

सरमा ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि उल्फा (आई) द्वारा संप्रभुता की मांग एक बाधा है और उनकी सरकार गतिरोध को तोड़ने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, 'जनजातीय उग्रवाद का युग समाप्त हो गया है...हमारी अंतिम बाधा उल्फा (आई) है. उसे छोड़ कर, अन्य सभी संगठनों ने हथियार डाल दिए हैं.'

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उन्होंने कहा कि असम के छह-सात जिलों को छोड़ कर राज्य से सेना हटा ली गई है और जब इस साल अफ्सपा की समीक्षा की जाएगी, तब राज्य सरकार कोई व्यावहारिक निर्णय लेगी.सरमा ने कहा, 'जहां तक अफ्सपा की बात है, असम 2022 में कुछ तर्कसंगत कदम उठाए जाएंगे...कैसे और कब, हम नहीं जानते. लेकिन मैं आशावादी हूं. हम 2022 को उम्मीद भरे वर्ष के तौर पर देख रहे हैं. अफ्सपा के बारे में कुछ सकारात्मक क्षण होंगे.'

सीएम सरमा ने कहा कि असम में नवंबर 1990 में अफ्सपा लगाया गया था और तब से इसे हर छह महीने पर राज्य सरकार द्वारा सीमक्षा के बाद विस्तारित किया गया.नगालैंड में सेना के हाथों पिछले साल दिसंबर में 13 आम लोगों के मारे जाने और एक अन्य घटना में एक और व्यक्ति के मारे जाने के बाद असम में भी अफ्सपा हटाने की मांग ने जोर पकड़ ली है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jan 1, 2022, 9:27 PM IST
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