देहरादूनः विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है. इस बार केदारनाथ समेत अन्य धामों में भारी भीड़ देखने को मिली, जिससे तमाम व्यवस्थाएं चरमरा गई थी. ऐसे में अब तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams) केदारनाथ धाम में भीड़ प्रबंधन करने में मदद कर सकता है. जिसके लिए बदरी केदार मंदिर समिति और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के बीच समझौता ज्ञापन यानी एमओयू (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर होने जा रहा है.
दरअसल, आगामी 7 अक्टूबर को बदरी केदार मंदिर समिति (Badri Kedar Temple Committee) और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanams) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने जा रहा है. जिसके बाद टीटीडी केदारनाथ धाम में भीड़ प्रबंधन (Crowd Management in Kedarnath) करने, वित्तीय सहायता प्रदान करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार (healthcare services at Kedarnath Dham) के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगी. माना जा रहा है कि इससे केदारनाथ धाम में व्यवस्थाएं और सुदृढ़ हो जाएंगी.
केदारनाथ में 13.45 लाख श्रद्धालु कर चुके दर्शनः बता दें कि इस साल चारधाम यात्रा में अभी तक करीब 40 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. जबकि, केदारनाथ की बात करें तो रिकॉर्ड 13.4 लाख श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. कपाट बंद होने तक यह आंकड़ा काफी बढ़ सकता है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में केदारनाथ सबसे ऊंचाई पर स्थित है. यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है. मान्यता के अनुसार केदारनाथ धाम को भगवान शिव का आवास बताया गया है. केदारनाथ धाम का वर्णन पुराणों में भी मिलता है.
तिरुमला तिरुपति देवस्थान की व्यवस्था होती है खास, सबसे धनी मंदिरों में से एक बालाजी का दरबारः आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुमला तिरुपति देवस्थान देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है. दान के मामले में यह मंदिर भारत में पहले स्थान पर है. हर साल लाखों लोग तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर (भगवान विष्णु) का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. यह मंदिर सभी धर्म के अनुयायियों के लिए आस्था का केंद्र हैं. इन तीर्थयात्रियों की पूरी देखरेख तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) करता है.
यह स्थान जितना अद्भुत और दर्शनीय है, यहां का प्रसाद (कल्याणम् लाडू या प्रसादम्) बेहद प्रसिद्ध है. इस बार यानी 2022-23 मात्र 'लड्डू प्रसादम' की बिक्री से 365 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान है. मन्नत पूरी करने के लिए बालाजी के दरबार (Tirupati balaji temple) में विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. यहां मन्नत पूरी होने पर बालों को दान करने का नियम है. कहा जाता है कि इस मंदिर में वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति के बाल असली हैं और ये हमेशा मुलायम रहते हैं. कभी भी उलझते नहीं हैं. लोगों का मानना है कि भगवान खुद यहां विराजते हैं. यहां बालाजी की मूर्ति हमेशा ही नम रहती है.
तिरुपति मंदिर के पास है इतनी संपत्ति: दुनिया के सबसे अमीर हिंदू पूजा स्थलों में से एक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा 26 सितंबर को दिया था. मंदिर द्वारा जारी ब्यौरे के अनुसार टीटीडी के पास पूरे देश में 960 संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत 85,705 करोड़ रुपये है. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के ताजा आंकड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब पिछले पांच महीनों से मंदिर में दान (हुंडी) के जरिए टीटीडी की मासिक आय में लगातार वृद्धि हुई है. इस साल अप्रैल से अब तक हुंडी के माध्यम से कुल दान 700 करोड़ रुपये से भी ज्यादा एकत्रित हुआ है.
इस बार इतना है लक्ष्य: गौर हो कि तिरुमला के प्राचीन भगवान वेंकटेश्वर मंदिर (Sri Venkateswara Swamy Vaari Temple) के संचालन बोर्ड ने 2022-23 के सालाना बजट में 3,096.40 करोड़ रुपए की आमदनी का अनुमान लगाया था. मंदिर के सालाना राजस्व में से करीब 1,000 करोड़ रुपए पवित्र 'हुंडी' यानी दान-पात्र में श्रद्धालुओं से मिलने का अनुमान है. इसके अलावा टीटीडी को लोगों के ठहरने के स्थान और मैरिज हॉल के किराए से 95 करोड़ और श्रद्धालुओं की चढ़ाए गए बालों की बिक्री से 126 करोड़ रुपए के मिलने की उम्मीद है.
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तिरुपति बालाजी मंदिर: तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है. यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है. प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां दर्शन करने आते हैं. तिरुपति मंदिर समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित है. तिरुपति मंदिर तिरुमला की पहाड़ियों पर बना है. श्री वेंकटेश्वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है. यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है. इस मंदिर का इतिहास 9वीं शताब्दी से प्रारंभ होता है.
केदारनाथ मंदिर: केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के चार धामों में एक है. यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य तक दर्शन के लिए खुलता है. यह मंदिर पत्थरों से कत्यूरी शैली में बना है. इसका निर्माण पांडवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने कराया था. यहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग अति प्राचीन है. आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था.