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Telangana: बच्ची की मौत, मंदिर प्रबंधन की लापरवाही से शव को कूड़ेदान में डाला

यादगिरिगुट्टा में एक अमानवीय घटना सामने आई है. यादाद्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के मंदिर में अपने परिवार वालों के साथ आई थी बोंटाला रोजा नाम की 15 साल की लड़की की मौत हो गई. जिसके बाद उसके शव को कूड़ेदान में डाल दिया गया.

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Published : May 16, 2022, 1:21 PM IST

यादगिरिगुट्टा: यादाद्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के मंदिर में पवित्र स्नान करने के लिए पुष्करिणी में उतरते समय एक 15 वर्षीय बच्ची की मृत्यु हो गई. मां अपनी बेटी की मौत पर खूब रोई. वह चिल्लाई और अपनी बच्ची को बचाने की प्रार्थना की. जिस तरह से मां, बच्ची के शरीर पर गिरकर रो रही थे, उसने सभी लोगों को गमगीन कर दिया. इस घटना से मां सदमे में है.

घटना के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं ने 108 नंबर एंबुलेंस को सूचना दी. एम्बुलेंस कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लड़की की मौत की पुष्टि की. पीड़िता के माता-पिता हैदराबाद के गुड़ी मलकापुर से आए थे. पुष्करिणी में नहाने से बच्ची की दुर्घटनावश मौत बच्ची की मौत के बाद शव को उसके पैतृक गांव ले जाया जाना था लेकिन मंदिर के अधिकारियों ने उस घटना में अमानवीयता दिखाई. अधिकारियों ने उन पर कोई दया नहीं दिखाई.

चूंकि उसके माता-पिता गरीब मजदूर है, वे शरीर को मूल निवासी तक ले जाने का जोखिम नहीं उठा सकते थे. ढाई घंटे से ज्यादा समय तक मां शव के बगल में बैठी रही और रोती रही. मंदिर प्रबंधन ने उनकी परवाह नहीं की. पुलिस ने विवरण एकत्र किया लेकिन शव को स्थानांतरित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अंत में शव को यादगिरिगुट्टा नगरपालिका के कचरा संग्रहण वाहन (डंप वाहन) में पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में भेजा गया.

यह भी पढ़ें- भाजपा प्रवक्ता से मारपीट मामला, NCP के चार कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज

यादगिरिगुट्टा: यादाद्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के मंदिर में पवित्र स्नान करने के लिए पुष्करिणी में उतरते समय एक 15 वर्षीय बच्ची की मृत्यु हो गई. मां अपनी बेटी की मौत पर खूब रोई. वह चिल्लाई और अपनी बच्ची को बचाने की प्रार्थना की. जिस तरह से मां, बच्ची के शरीर पर गिरकर रो रही थे, उसने सभी लोगों को गमगीन कर दिया. इस घटना से मां सदमे में है.

घटना के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं ने 108 नंबर एंबुलेंस को सूचना दी. एम्बुलेंस कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लड़की की मौत की पुष्टि की. पीड़िता के माता-पिता हैदराबाद के गुड़ी मलकापुर से आए थे. पुष्करिणी में नहाने से बच्ची की दुर्घटनावश मौत बच्ची की मौत के बाद शव को उसके पैतृक गांव ले जाया जाना था लेकिन मंदिर के अधिकारियों ने उस घटना में अमानवीयता दिखाई. अधिकारियों ने उन पर कोई दया नहीं दिखाई.

चूंकि उसके माता-पिता गरीब मजदूर है, वे शरीर को मूल निवासी तक ले जाने का जोखिम नहीं उठा सकते थे. ढाई घंटे से ज्यादा समय तक मां शव के बगल में बैठी रही और रोती रही. मंदिर प्रबंधन ने उनकी परवाह नहीं की. पुलिस ने विवरण एकत्र किया लेकिन शव को स्थानांतरित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अंत में शव को यादगिरिगुट्टा नगरपालिका के कचरा संग्रहण वाहन (डंप वाहन) में पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में भेजा गया.

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