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टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं, क्रिप्टोकरेंसी की आमदनी पर भी लगेगा 30 फीसदी टैक्स - union budget 2022

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट में आम लोगों को इनकम टैक्स स्लैब में सीधी राहत नहीं दी है. आयकर के दर और टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार नए टैक्स रिफॉर्म लाने की योजना बना रही है, जिसे अगले 2 एसेसमेंट साल तक अपडेटेड ITR संभव होगी. बिटकॉइन, ईथेरियम जैसी क्रिप्टोकरंसी से आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है. बजट में यह भी बताया गया है कि रुपये की डिजिटल करेंसी को इसी वित्त वर्ष चालू किया जाएगा.

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Published : Feb 1, 2022, 12:39 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 4:00 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट पेश कर रही हैं. इस बजट में युवाओं को 16 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है. कहा गया है कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी. टैक्स को लेकर सरकार ने बड़ा बदलाव नहीं किया है. मध्यम वर्ग ने टैक्स स्लैब बढ़ाने की उम्मीद जताई थी, उसमें कोई ज्यादा नहीं मिला. लोगों को उम्मीद थी कि 80c के तहत 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष कटौती की सीमा को बढ़ाया जाएगा, मगर इसमें रियायत नहीं मिली. वैकल्पिक रियायती कर व्यवस्था (optional concessionary tax) में भी राहत नहीं मिली.

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2021 वाले स्लैब के हिसाब से 2023 में भी आयकर देना होगा.

हालांकि अपडेटेट रिटर्न फाइल करने (new updated return) की सुविधा दी गई है, जिसके तहत असेस्मेंट ईयर के 2 वर्षों के भीतर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. कॉपरेटिव सोसायटीज को राहत दी गई है. अब सहकारी समितियों को 15 फीसदी टैक्स देना होगा.

दिव्यांग लोगों और उनके पालन-पोषण करने वाले को टैक्स में छूट मिलेगी, अगर वह उसकी देखभाल करेंगे. नए स्टार्ट-अप के लिए टैक्स छूट एक साल बढ़ी. राज्य सरकार के कर्मचारियों के NPS में 14 फीसदी योगदान पर टैक्स छूट की घोषणा की गई है.

कॉरपोरेट टैक्स 18 फीसद से घटाकर 15 फीसद किया गया है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 15 प्रतिशत का टैक्स लगेगा.

बता दें कि वर्तमान में आयकर के लिए दो स्लैब हैं. वित्त मंत्रालय ने 2020 के बजट में सैलरी क्लास के लिए आयकर के दो विकल्प दिये थे. करदाता अपना आयकर रिटर्न भरते समय इन दोनों मे से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं.

नए विकल्प के तहत सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली व अन्य दूसरी कर छूटों को समाप्त कर दिया गया था. यह उम्मीद की जा रही है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी के लेन-देन के लिए एक विशेष व्यवस्था बजट में पेश की जाएगी. सरकार ने बजट में साफ किया कि इससे होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स वसूला जाएगा. साथ ही वर्चुअल करेंसी को गिफ्ट देने पर भी टैक्स लिया जाएगा.

अगर आप रुपये की डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को एक मान रहे हैं तो अंतर जान लें. बिटकॉइन और ईथर जैसी क्रिप्टो करेंसी एक सार्वजनिक संपत्ति है, जिसको किसी राष्ट्र की मान्यता नहीं है या कोई मालिक नहीं है. भारत सरकार ऐसे ही वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लेने वाली है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीयों की तादाद करीब 10 करोड़ है.

भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित डिजिटल करेंसी अभी लॉन्च नहीं हुई है. इसे भारत सरकार की मान्यता हासिल होगी, इसे देश का केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक जारी करेगा. यानी यह पक्की करेंसी होगी.

पढ़ें : union budget railway : अगले तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनों को लाया जाएगा

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट पेश कर रही हैं. इस बजट में युवाओं को 16 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है. कहा गया है कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी. टैक्स को लेकर सरकार ने बड़ा बदलाव नहीं किया है. मध्यम वर्ग ने टैक्स स्लैब बढ़ाने की उम्मीद जताई थी, उसमें कोई ज्यादा नहीं मिला. लोगों को उम्मीद थी कि 80c के तहत 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष कटौती की सीमा को बढ़ाया जाएगा, मगर इसमें रियायत नहीं मिली. वैकल्पिक रियायती कर व्यवस्था (optional concessionary tax) में भी राहत नहीं मिली.

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2021 वाले स्लैब के हिसाब से 2023 में भी आयकर देना होगा.

हालांकि अपडेटेट रिटर्न फाइल करने (new updated return) की सुविधा दी गई है, जिसके तहत असेस्मेंट ईयर के 2 वर्षों के भीतर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. कॉपरेटिव सोसायटीज को राहत दी गई है. अब सहकारी समितियों को 15 फीसदी टैक्स देना होगा.

दिव्यांग लोगों और उनके पालन-पोषण करने वाले को टैक्स में छूट मिलेगी, अगर वह उसकी देखभाल करेंगे. नए स्टार्ट-अप के लिए टैक्स छूट एक साल बढ़ी. राज्य सरकार के कर्मचारियों के NPS में 14 फीसदी योगदान पर टैक्स छूट की घोषणा की गई है.

कॉरपोरेट टैक्स 18 फीसद से घटाकर 15 फीसद किया गया है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 15 प्रतिशत का टैक्स लगेगा.

बता दें कि वर्तमान में आयकर के लिए दो स्लैब हैं. वित्त मंत्रालय ने 2020 के बजट में सैलरी क्लास के लिए आयकर के दो विकल्प दिये थे. करदाता अपना आयकर रिटर्न भरते समय इन दोनों मे से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं.

नए विकल्प के तहत सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली व अन्य दूसरी कर छूटों को समाप्त कर दिया गया था. यह उम्मीद की जा रही है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी के लेन-देन के लिए एक विशेष व्यवस्था बजट में पेश की जाएगी. सरकार ने बजट में साफ किया कि इससे होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स वसूला जाएगा. साथ ही वर्चुअल करेंसी को गिफ्ट देने पर भी टैक्स लिया जाएगा.

अगर आप रुपये की डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को एक मान रहे हैं तो अंतर जान लें. बिटकॉइन और ईथर जैसी क्रिप्टो करेंसी एक सार्वजनिक संपत्ति है, जिसको किसी राष्ट्र की मान्यता नहीं है या कोई मालिक नहीं है. भारत सरकार ऐसे ही वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लेने वाली है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीयों की तादाद करीब 10 करोड़ है.

भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित डिजिटल करेंसी अभी लॉन्च नहीं हुई है. इसे भारत सरकार की मान्यता हासिल होगी, इसे देश का केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक जारी करेगा. यानी यह पक्की करेंसी होगी.

पढ़ें : union budget railway : अगले तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनों को लाया जाएगा

Last Updated : Feb 1, 2022, 4:00 PM IST
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