दावोस : केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को महिलाओं के स्वास्थ्य के आसपास बातचीत को सामान्य करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्वास्थ्य प्रणाली या बातचीत को कभी भी मुख्यधारा नहीं दी गई. यह मुख्य धारा की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में महिला स्वास्थ्य कार्यक्रम से जुड़े एक सत्र में बोलते हुए, स्मृति ईरानी ने कहा कि मुझे लगता है कि महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली या इसपर बातचीत कभी भी मुख्यधारा का हिस्सा नहीं रही थी. यह सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रही है. आप समाधान कैसे प्रदान करते हैं. एक ऐसा मुद्दा जिसके बारे में कभी बात नहीं की गई है?
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Had fruitful discussions with @RebeccaMarmot, Chief Sustainability Officer at @Unilever, during #WEF2024 in Davos.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) January 17, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
We explored ways to deepen collaborative efforts to empower women and drive prosperity. I also highlighted India's commitment to global leadership in sustainable… pic.twitter.com/nXm4oMEX8Q
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— Smriti Z Irani (@smritiirani) January 17, 2024
We explored ways to deepen collaborative efforts to empower women and drive prosperity. I also highlighted India's commitment to global leadership in sustainable… pic.twitter.com/nXm4oMEX8QHad fruitful discussions with @RebeccaMarmot, Chief Sustainability Officer at @Unilever, during #WEF2024 in Davos.
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उन्होंने कहा कि एक अनुमान है कि ज्यादातर महिलाएं नहीं चाहती हैं कि उनकी चिकित्सा चुनौती का मनोवैज्ञानिक बोझ उनके परिवार पर पड़े. जिससे परिवार की आर्थिक प्रगति में बाधा आये. यही कारण है कि वे या सेल्फ मेडिकेशन करते हैं या फिर बिलकुल भी नहीं.
उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद महिलाओं के विकास के लिए ली गई पहल के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में 110 मिलियन शौचालय बनाए गए हैं. 2014 के बाद महिलाओं के विकास के लिए की गई पहल के बारे में बोलते हुए, स्मृति ईरानी ने कहा कि भारतीय अनुभव से, मुझे आपको एक बड़ा संदर्भ प्रदान करना है.
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In 2014 PM @NarendraModi prioritised sanitation and women's dignity, soon constructing 110 million toilets. True success lies in comprehensive parity, extending beyond equal pay to empowering women in decision-making. Initiatives like Jan Dhan Yojana and MUDRA transformed women's… pic.twitter.com/vRMsgHHjlG
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2014 के बाद के बाद, जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला, तो वर्ष 2010-11 में विश्व बैंक की ओर से प्राकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में महिलाओं की स्वच्छता सुविधाओं की कमी है. जिससे भारत के सकल घरेलू उत्पाद पर छह प्रतिशत का बोझ नकारात्मक पड़ रहा था.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार कहा था कि यदि आप महिलाओं के स्वास्थ्य और गरिमा को सुनिश्चित करना चाहते हैं तो शौचालय का निर्माण शुरू करना जरूरी है. इससे पहले एक सांस्कृतिक संदर्भ से इतर शौचालय का निर्माण कभी भी राजनीतिक रूप से ग्लैमरस नहीं रहा था. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा किया और हमने उनके नेतृत्व में 110 मिलियन व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के तहत, हमारे देश के इतिहास में पहली बार, हमने पहली बार केंद्र और राज्य में सरकारों की ओर से मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के लिए एक प्रशासनिक प्रोटोकॉल सेटअप किया गया. जिसमें जिले या जमीनी स्तर पर प्रशासन भी शामिल है, जिसका अर्थ है महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में कथा राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से मुख्यधारा थी.