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Manipur violence: इंफाल के दो गांवों में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में 15 लोग घायल

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शांति अपील के बाद शुक्रवार रात मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाएं सामने आई हैं. बम और हथियारों से लैस संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में कम से कम 15 लोग घायल हो गए हैं. पुलिस व मणिपुर राइफल्स के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की.

Manipur violence
मणिपुर हिंसा
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Published : Jun 3, 2023, 10:26 AM IST

तेजपुर: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के दो गांवों में शुक्रवार रात बम और हथियारों से लैस संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में कम से कम 15 लोग घायल हो गए. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि फयेंग और कांगचुप चिंगखोंग गांव में तैनात राज्य पुलिस व मणिपुर राइफल्स के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों पक्षों में मुठभेड़ छिड़ गई, जो चार घंटे से अधिक समय तक चली और उग्रवादी पास की पहाड़ियों की तरफ भाग गए.

अधिकारियों के मुताबिक घायलों को इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान और राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया है, जहां दो घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले चौबीस घंटों में बिष्णुपुर जिले के पोम्बिखोक में भी हमलों की सूचना मिली है. हालांकि, इन हमलों में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. अधिकारियों के अनुसार, मणिपुर पुलिस, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और असम राइफल्स की एक संयुक्त टीम ने काकचिंग जिले के सुगनू-सेरौ क्षेत्र से 7 शव बरामद किए हैं.

Manipur violence
नवनियुक्त डीजीपी ने मणिपुर के राज्यपाल से की मुलाकात.

उन्होंने बताया कि ये लोग पिछले हफ्ते सुगनू में हथियारबंद कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में मारे गए थे और इनके शव जेएनआईएमएस के शवगृह में भेजवा दिए गए हैं. मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा में कम से कम 98 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 310 अन्य घायल हुए हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान के मुताबिक, हिंसा के चलते कुल 37,450 लोग विस्थापित हुए हैं और वे मौजूदा समय में 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं. राज्य में शांति की बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवानों को तैनात किया गया है.

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पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बिष्णुपुर जिले के चांदोलपोकपी, तांगजेंग, पोम्बिखोक और कामसन गांवों में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ की. उग्रवादियों के हमले के बाद स्थानीय लोगों को तांगजेंग गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. चुराचांदपुर जिले के बेथेल गांव में भी घरों को आग लगा दी गई. हालांकि, इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

इस बीच मणिपुर के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने आज राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल करने के बारे में विस्तार से चर्चा की. राज्यपाल ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. राज्यपाल द्वारा सभी से अपील की जाती है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किए गए उपायों का पालन करें क्योंकि यह निश्चित रूप से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने, स्थापित करने में मदद करेगा.

(एजेंसी इनपुट)

तेजपुर: मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के दो गांवों में शुक्रवार रात बम और हथियारों से लैस संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमले में कम से कम 15 लोग घायल हो गए. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि फयेंग और कांगचुप चिंगखोंग गांव में तैनात राज्य पुलिस व मणिपुर राइफल्स के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों पक्षों में मुठभेड़ छिड़ गई, जो चार घंटे से अधिक समय तक चली और उग्रवादी पास की पहाड़ियों की तरफ भाग गए.

अधिकारियों के मुताबिक घायलों को इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान और राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया है, जहां दो घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले चौबीस घंटों में बिष्णुपुर जिले के पोम्बिखोक में भी हमलों की सूचना मिली है. हालांकि, इन हमलों में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. अधिकारियों के अनुसार, मणिपुर पुलिस, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और असम राइफल्स की एक संयुक्त टीम ने काकचिंग जिले के सुगनू-सेरौ क्षेत्र से 7 शव बरामद किए हैं.

Manipur violence
नवनियुक्त डीजीपी ने मणिपुर के राज्यपाल से की मुलाकात.

उन्होंने बताया कि ये लोग पिछले हफ्ते सुगनू में हथियारबंद कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में मारे गए थे और इनके शव जेएनआईएमएस के शवगृह में भेजवा दिए गए हैं. मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा में कम से कम 98 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 310 अन्य घायल हुए हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान के मुताबिक, हिंसा के चलते कुल 37,450 लोग विस्थापित हुए हैं और वे मौजूदा समय में 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं. राज्य में शांति की बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवानों को तैनात किया गया है.

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इस बीच मणिपुर के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने आज राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल करने के बारे में विस्तार से चर्चा की. राज्यपाल ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. राज्यपाल द्वारा सभी से अपील की जाती है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किए गए उपायों का पालन करें क्योंकि यह निश्चित रूप से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने, स्थापित करने में मदद करेगा.

(एजेंसी इनपुट)

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