लखनऊ : अमित जानी एक ऐसा नाम जिसको चमकने का मौका चाहिए. वो चाहे कैसे भी हो. वर्ष 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की प्रतिमा तोड़ी. वर्ष 2016 में उन्हीं मायावती का जन्मदिन मनाया. ऐसे ही कारनामे अमित जानी कुछ न कुछ करते रहते हैं. अब मेरठ के रहने वाले यही अमित जानी पाकिस्तान से आई सीमा हैदर पर फिल्म बनाने का दावा कर रहे हैं. यह दावा उन्होंने खुद सीमा हैदर से मिलकर किया है. हालांकि अमित जानी पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से अपने रंग बदलते रहे हैं. ऐसे में फिल्म का यह प्रोजेक्ट जमीन पर उतरेगा या नहीं. इसमें शक की खासी गुंजाइश है.
वर्ष 2012 में जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे तब पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़े जाने के बाद तनाव का माहौल पैदा हो गया था. मूर्ति तोड़े जाने की इस घटना के पीछे अमित जानी ही सरगना था. गोमतीनगर में अंबेडकर स्मारक के बाहर भागीदारी भवन रोड पर यह प्रतिमाएं लगी थीं. तब अमित जानी खुद को समाजवादी पार्टी का समर्थक बताता था. इस घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मूर्ति को फिर से ठीक किए जाने के आदेश दे दिया था.
मूर्ति तोड़े जाने की निंदा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माहौल बिगाड़ने के लिए यह उकसावे वाली हरकत की गई. खुद को नवनिर्माण सेना का सदस्य बताने वाले अमित जानी और कुछ युवकों ने अम्बेडकर पार्क परिसर में स्थापित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति तोड़ दी थी. मोटरसाइकिल सवार इन युवकों ने लखनऊ के गोमतीनगर इलाके स्थित अम्बेडकर पार्क में मायावती की संगमरमर की एक मूर्ति का सिर धड़ से अलग कर दिया था. मूर्ति तोड़ने के बाद ये युवक कुछ पर्चे छोड़कर मौके से फरार हो गए थे. पर्चे में उन्होंने खुद को उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का सदस्य बताया था. इस मामले में अमित जानी पर राजद्रोह का भी केस लगाया गया था.