नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जबकि स्कूल नौकरी घोटाला मामले में उनकी याचिका खारिज कर दी गयी थी. न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अवकाशकालीन पीठ ने उच्च न्यायालय के 18 मई के आदेश के खिलाफ जुलाई में बनर्जी की याचिका पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें उन्होंने हाई कोर्ट के पिछले आदेश को वापस लेने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां उनसे मामले में पूछताछ कर सकते हैं.
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Supreme Court refuses to interfere with Calcutta High Court order directing CBI probe against Abhishek Banerjee, lists the matter on July 10. Supreme Court stays cost imposed against Abhishek Banerjee by Calcutta High Court pic.twitter.com/HQdYnS3ebb
— ANI (@ANI) May 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) May 26, 2023Supreme Court refuses to interfere with Calcutta High Court order directing CBI probe against Abhishek Banerjee, lists the matter on July 10. Supreme Court stays cost imposed against Abhishek Banerjee by Calcutta High Court pic.twitter.com/HQdYnS3ebb
— ANI (@ANI) May 26, 2023
पीठ ने कहा कि 10 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में फिर से सूचीबद्ध करें. लिस्टिंग की अगली तारीख तक विवादित आदेश द्वारा लागत वाले हिस्से को लागू करने पर रोक रहेगी. मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने 20 मई को बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी, उन्होंने शीर्ष अदालत से निर्देश मांगा है कि एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए.
टीएमसी नेता का नाम एक स्थानीय व्यवसायी और स्कूल नौकरी घोटाले के आरोपी कुंतल घोष द्वारा दायर एक शिकायत में सामने आया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उन पर टीएमसी के महासचिव बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बना रही थीं, जो टीएमसी के महासचिव हैं. एजेंसी का समन कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा बनर्जी की दायर एक याचिका को खारिज करने के 24 घंटे के भीतर आया था, जिसमें अदालत के पिछले आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया था कि टीएमसी के नेता जो झुकने को तैयार नहीं थे, उन्हें परेशान किया जा रहा है. विभिन्न मामलों में शामिल भाजपा नेताओं को खुला छोड़ दिया गया था. डायमंड हार्बर से दो बार के टीएमसी सांसद से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में एजेंसी के कार्यालय में और 2022 में कोलकाता में कोयला चोरी मामले में दो बार पूछताछ की थी. बता दें, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) घोटाले के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है. वहीं, ईडी स्कूल भर्ती में कथित अनियमितताओं में शामिल धन के लेन-देन की जांच कर रही है.
(पीटीआई)