नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह मुल्लापेरियार बांध (Mullaperiyar Dam issue in SC) के प्रशासनिक मुद्दों और बांध के रिसाव के मुद्दों में नहीं जाएगा क्योंकि यह विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित किया जाएगा. साथ ही संबंधित लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित होगा.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की बेंच मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है. केरल और तमिलनाडु राज्य के बीच संघर्ष का यह एक कारण भी है. यह वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित एक जनहित याचिका है.
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जिन मुद्दों को अदालत द्वारा संबोधित किया जाना है, वे उन मुद्दों को स्पष्ट करेंगे. जिन पर आम सहमति और मतभेद हैं वे हमें सूचित करेंगे. अदालत ने मामले को फरवरी के दूसरे सप्ताह में फिर से सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया. अधिवक्ताओं को निर्देशित किया जाता है कि वे 4 फरवरी को लिखित नोट प्रस्तुत करें.