नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को मंगलवार को बताया गया कि देश से पिछले 13 महीनों में 31,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई है. 'युवाओं को आसानी से ड्रग्स मिल रहा है. वह इसे डार्क वेब के माध्यम से खरीद रहे हैं और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भुगतान किया जाता है.'
दरअसल सीजेआई यूयू ललित (CJI UU Lalit) और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (Bela M Trivedi) की पीठ स्वत: संज्ञान लेकर ड्रग्स मामले की सुनवाई कर रही थी. कोर्ट को एमिकस क्यूरी शोएब आलम (Amicus Curie Shoeb Alam) ने बताया कि 'ड्रग का जाल इस कदर फैल रहा है कि युवा इसे डार्क वेब के माध्यम से खरीद रहे हैं और क्रिप्टो के माध्यम से इसका भुगतान किया जा रहा है.' इस पर CJI ललित के संज्ञान में आया कि 'युवाओं के नशा खरीदने का तरीका काफी बदल गया है.'
आलम ने अदालत को बताया कि कस्टम अफसरों की कमी है, समुद्री आयुक्तालयों की स्थिति भी खराब है. केंद्र की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को सूचित किया कि जहां तक नशीले पदार्थों के नेटवर्क का संबंध है, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले को देख रही है और वह इस मुद्दे के संबंध में अन्य केंद्रीय एजेंसियों से निर्देश लेगी.
कोर्ट ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी को केंद्रीय एजेंसियों से निर्देश प्राप्त करने और मामले में व्यापक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. इसने इस मुद्दे से निपटने के लिए एक तंत्र तैयार करने की आवश्यकता पर भी ध्यान दिया. अदालत 5 सप्ताह के बाद मामले की फिर से सुनवाई करेगी जिसमें केंद्रीय एजेंसियाें और एमिकस क्यूरी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है.
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