ETV Bharat / bharat

दिल्ली शराब घोटाला मामला: सिसोदिया की जमानत याचिका पर SC में 28 जुलाई को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर जांच एजेंसियों को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.

SC on Manish Sisodia bail plea in liquor scam
शराब घोटाले में मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर SC ने सुनवाई की
author img

By

Published : Jul 14, 2023, 1:43 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर नोटिस जारी करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की.

सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल की पत्नी बहुत बीमार हैं और उन्होंने अदालत से सिसोदिया के लिए जमानत की मांग करते समय उनकी चिकित्सा स्थिति पर विचार करने का आग्रह किया. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि न्यायाधीश इस बीमारी से अवगत हैं. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि निचली अदालतों ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और एक मेडिकल जमानत वापस ले ली गई थी.

सिंघवी ने कहा कि 50 प्रतिशत विकलांगता है और एमआरआई में सफेद पट्टिका दिखाई देती है. जस्टिस खन्ना ने कहा, 'हमें इसकी जानकारी है. यह पैरों से शुरू होकर ऊपर तक जाता है... संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने जमानत आवेदनों पर नोटिस जारी किया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की.

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली शराब घोटाले के सिलसिले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. तीन जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने आप नेता सिसोदिया की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनके खिलाफ आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं. यह दूसरा अवसर था जब उच्च न्यायालय ने इसी घोटाले के संबंध में सीबीआई मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

ये भी पढ़ें - Delhi Liquor Scam: ED ने दाखिल की तीसरी चार्जशीट, मनीष सिसोदिया का नाम नहीं

तीन जुलाई के अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस मामले को एक अलग दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए क्योंकि सार्वजनिक धन के भारी नुकसान से जुड़ी गहरी साजिश का आरोप लगाया गया है. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा था कि आप नेता धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट पास नहीं कर पाए हैं, जिसमें अदालत को यह जांचना होगा कि क्या किसी आरोपी को प्रभावित करने की संभावना है. न्यायमूर्ति शर्मा ने व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, बेनॉय बाबू और विजय नायर को भी जमानत देने से इनकार कर दिया था, जो ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सह-आरोपी हैं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर नोटिस जारी करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की.

सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल की पत्नी बहुत बीमार हैं और उन्होंने अदालत से सिसोदिया के लिए जमानत की मांग करते समय उनकी चिकित्सा स्थिति पर विचार करने का आग्रह किया. न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि न्यायाधीश इस बीमारी से अवगत हैं. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि निचली अदालतों ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और एक मेडिकल जमानत वापस ले ली गई थी.

सिंघवी ने कहा कि 50 प्रतिशत विकलांगता है और एमआरआई में सफेद पट्टिका दिखाई देती है. जस्टिस खन्ना ने कहा, 'हमें इसकी जानकारी है. यह पैरों से शुरू होकर ऊपर तक जाता है... संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने जमानत आवेदनों पर नोटिस जारी किया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की.

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली शराब घोटाले के सिलसिले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. तीन जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने आप नेता सिसोदिया की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनके खिलाफ आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं. यह दूसरा अवसर था जब उच्च न्यायालय ने इसी घोटाले के संबंध में सीबीआई मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

ये भी पढ़ें - Delhi Liquor Scam: ED ने दाखिल की तीसरी चार्जशीट, मनीष सिसोदिया का नाम नहीं

तीन जुलाई के अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस मामले को एक अलग दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए क्योंकि सार्वजनिक धन के भारी नुकसान से जुड़ी गहरी साजिश का आरोप लगाया गया है. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा था कि आप नेता धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट पास नहीं कर पाए हैं, जिसमें अदालत को यह जांचना होगा कि क्या किसी आरोपी को प्रभावित करने की संभावना है. न्यायमूर्ति शर्मा ने व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, बेनॉय बाबू और विजय नायर को भी जमानत देने से इनकार कर दिया था, जो ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सह-आरोपी हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.