गयाः बिहार के गया में 13 वर्षों से फरार प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर अभिजीत यादव और उसके सहयोगी को पुलिस ने गिरफ्तार (Reward Naxalite Abhijeet Yadav Arrested In Gaya) कर लिया है. अभिजीत पर 10.5 लाख का इनाम बताया जा रहा है. इनकी तलाश बिहार और झारखंड के पुलिस को वर्षों से थी. इस नक्सली के पास से AK-56 और 97 राउंड गोलियां बरामद की गई है. प्रेस वार्ता कर गया एसएसपी हरप्रीत कौर (Gaya SSP Harpreet Kaur) ने मामले की जानकारी दी.
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"प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर अभिजीत यादव उर्फ बनवारी समेत दो नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई है. इसके पास से Ak- 56, 97 कारतूस, डेटोनेटर सहित कई प्रतिबंधित सामग्री बरामदगी हुई है. यह बिहार-झारखंड को मिलाकर साढे दस लाख का इनामी माओवादी है. इसने बड़ी घटना के रूप में वर्ष 2016 में औरंगाबाद में हमला कर 7 सुरक्षाबलों को शहीद कर दिया था. औरंगाबाद के काला पहाड़ पर यह घटना हुई थी. इसकी निशानदेही के आधार पर सुरक्षा बलों का अभियान चलाया जा रहा है."-हरप्रीत कौर, गया एसएसपी
2016 में 7 जवानों की हत्या सहित 61 मामले दर्जः नक्सली हमले में वर्ष 2016 में औरंगाबाद में 7 जवान शहीद हो गए थे. इस नक्सली हमले का नेतृत्व अभिजीत यादव उर्फ बनवारी कर रहा था. जोनल कमांडर अभिजीत यादव (CPI Maoist Zonal Commander Abhijeet Yadav) वर्ष 2009 से नक्सली संगठन में सक्रिय था और इसके खिलाफ बिहार और झारखंड में 61 से ज्यादा नक्सली कांड दर्ज है.
झारखंड में 10 लाख और बिहार में है 50 हजार का इनामः गिरफ्तार अभीजित यादव के पास से एक AK-56, 97 जिंदा कारतूस, 5 डेटोनेटर, 5 सिम कार्ड, लेवी की किताब, बैग सहित कई अन्य सामग्री की बरामदगी की गई है. प्रेस वार्ता कर एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि अभिजीत यादव झारखंड में 10 लाख का इनामी माओवादी है. वहीं बिहार में इस पर 50 हजार का इनाम है.
झारखंड के पलामू का रहने वाला है अभिजीतः गिरफ्तार अभिजीत यादव का लंबा आपराधिक इतिहास है. यह संगठन में कैडर के रूप जुड़ा था, लेकिन बाद में यह जोनल कमांडर रैंक (CPI Maoist Zonal Commander Abhijeet Yadav) तक पहुंचा. गिरफ्तार अभिजीत यादव उर्फ बनवारी झारखंड के पलामू जिला अंतर्गत छतरपुर थाना के तिलैया गांव का रहने वाला है. इसके एक साथी कुंदन यादव उर्फ ललन यादव बरवाडीह थाना हरिहरगंज जिला पलामू झारखंड को भी गिरफ्तार किया गया है.
13 सालों से पुलिस को दे रहा था चकमाः जोनल कमांडर अभिजीत यादव की गिरफ्तारी करने में बिहार और झारखंड की पुलिस पिछले 13 सालों से विफल थी. इसकी गिरफ्तारी बिहार में एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation In Bihar) की बड़ी सफला मानी जा रही है. नक्सलियों के खिलाफ बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार इनामी माओवादी अभिजीत यादव के संबंध में गया पुलिस और सुरक्षाबलों के अधिकारी को सूचना मिली थी, कि वह गया जिले के धनगाई थाना अंतर्गत दुवारी के जंगल में आया हुआ है और संगठन के सदस्यों के साथ घूम रहा है. इस इनपुट कार्रवाई के दौरान बिहार पुलिस को सफलता मिली.
एसएसबी 29 बटालियन के साथ किया गया ऑपरेशनः गया एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि एसएसबी 29 बटालियन कमांडेंट एचके गुप्ता, असिस्टेंट कमांडेंट अमोद कुमार सहित कई पुलिस और पारा मिलिट्री के अधिकारियों नेतृत्व में गया पुलिस और सुरक्षाबलों की विशेष टीम बनाई गई थी, जिसके बाद धनगाई थाना अंतर्गत दुआरी के जंगल में सघन सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इसके बाद इनामी माओवादी जोनल कमांडर अभिजीत यादव की गिरफ्तारी कर ली गई.