वाराणसी: महाभारत सीरियल में धर्मराज युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र सिंह चौहान अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले वृहद स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे. गजेंद्र सिंह चौहान ही नहीं बल्कि देश के कई नामचीन कलाकार जिनमें रवि किशन, पूनम ढिल्लन, रजा मुराद की भी मौजूदगी श्री राम जन्मभूमि स्थापना दिवस समारोह में देखने को मिलेगी.
सबसे बड़ी बात यह है कि इस समाहरों में 18 जनवरी से 22 जनवरी तक वृहद रामलीला का आयोजन किया जाएगा. जिसमें रामचरितमानस से जुड़ी हर चौपाई और हर अध्याय के जरिए कार्यक्रम पांच दिन तक चलेगा. जिसमें युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र सिंह चौहान परशुराम समेत कई अन्य किरदारों में नजर आएंगे. ईटीवी भारत से बातचीत उन्होंने राम मंदिर स्थापना समारोह में अपनी और अपने साथी कलाकारों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया.
अयोध्या में पहली बार जनवरी में होगी रामलीलाः वाराणसी में एक समारोह में शामिल होने पहुंचे गजेंद्र सिंह चौहान नहीं ईटीवी भारत को बताया कि मुझे रामलला के स्थापना समारोह के लिए निमंत्रण आ चुका है. 18 से 22 जनवरी तक वहां रामलीला का आयोजन होगा. पहली बार यह होने जा रहा है कि जनवरी में रामलीला का आयोजन होगा, नहीं तो नॉर्मली सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में रामलीला का आयोजन किया जाता है. मैं वहां होने वाली रामलीला में हिस्सा ले रहा हूं. मैं अयोध्या में ही रहूंगा उस वक्त. रामलला की जो मूर्ति का स्थापना समारोह है, उसमें भी मुझे शामिल होना है.
अयोध्या की रामलीला में परशुराम बनेंगे महाभारत के यूधिष्ठिरः गजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मैं इस रामलीला में परशुराम का किरदार अदा करुंगा. अयोध्या की रामलीला में मैंने राजा जनक का किरदार निभाया था और अब किरदार बदल दिए गए हैं. पांच दिन में 18 से 22 जनवरी तक पूरे रामलीला का मंचन किया जाएगा. वहीं, गजेंद्र सिंह चौहान ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के विवाद पर कहा कि काशी का यह बहुत पुराना विवाद है, लेकिन इसको सुलझ जाना चाहिए. कोर्ट ने 15 दिन का वक्त दिया है सर्वे रिपोर्ट सबमिट करने के लिए और मुझे लगता है कि सनातन के पक्ष में ही फैसला आएगा.
कुछ नेता हिंदू धर्म पर कर रहे अटैकः तमाम नेताओं की तरफ से सनातन धर्म पर हो रहे हमलों पर उन्होंने कहा कि ये सीधे हिंदू धर्म पर अटैक हो रहा है. जब-जब ऐसी कोई स्थिति पैदा होती है देश में तो धर्म के नाम पर मकसद सिर्फ और सिर्फ राजनीति करना होता है. हिंदू इतना सहिष्णु हो चुका है कि वह इन हमलों को बर्दाश्त करता रहता है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह सोचनी चाहिए कि इतने हमले के बाद भी हिंदू वहीं खड़ा है. जहां सनातन सैकड़ो हजारों साल पहले था.
चुनाव परिणाम पर क्या बोले गजेंद्र चौहानः मुगलों ने, अंग्रेजों ने कितने हमले किए सनातन धर्म पर लेकिन हमें कोई फर्क नहीं पड़ा. अब ये कुछ नेता हमले कर रहे हैं, लेकिन इनके मुद्दों में ताकत नहीं है. जब इलेक्शन का परिणाम आता है, तो इनके विरोध में होता है, क्योंकि यह धर्म की राजनीति करना चाहते हैं, जबकि राजनीति का धर्म यह है कि उसे हर कोई अच्छे से निभाए और अपना कर्तव्य समझे.