नई दिल्ली : राज्यसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में गहमागहमी बढ़ गई है. समाजवादी पार्टी ने कपिल सिब्बल और आरएलडी नेता जयंत चौधरी को समर्थन देकर अपने पत्ते खोल चुकी है. अब भारतीय जनता पार्टी की बारी है, वह 7 कैंडिडेट को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है. मगर ये नेता कौन होंगे, इस पर सस्पेंस बना है. बीजेपी की स्टेट यूनिट ने केंद्रीय आलाकमान को 20 नामों की लिस्ट भेजी है. माना जा रहा है कि उनमें से कई नाम चौंकाने वाले हो सकते है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य ईकाई की ओर से भेजी गई सूची में योगी सरकार के एक दिग्गज कैबिनेट मंत्री का नाम भी है.
आंकड़ों के अनुसार, यूपी में राज्यसभा की एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोटों की जरूरत होगी. इस लिहाज से 273 सीटों वाले बीजेपी गठबंधन 7 प्रत्याशियों को आसानी से राज्यसभा भेज सकता है. 125 विधायकों की बदौलत सपा को भी तीन सीट जीतने में मुश्किल नहीं होगी. अब यहां सबकी नजरें 11वीं सीट पर गड़ी है. इस सीट के लिए वोटिंग होने की संभावना है. फिलहाल 11वीं सीट के लिए भाजपा व सपा एक दूसरे के खेमे में सेंध लगाने की भी कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि चार जुलाई को यूपी से चुने गए 11 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इनमें बीजेपी के भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, सुरेंद्र सिंह नागर, संजय सेठ और जय प्रकाश निषाद शामिल हैं. इसके अलावा सपा के रेवती रमण सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और सुखराम सिंह यादव का भी कार्यकाल समाप्त होगा. बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, अशोक सिद्धार्थ और कांग्रेस के कपिल सिब्बल का कार्यकाल भी 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है.
बताया जा रहा है कि राज्यसभा कैंडिडेट के चुनाव के लिए बीजेपी बीजेपी जातिगत समीकरण को भी तौल रही है. 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं, इसलिए बीजेपी विधानसभा चुनाव के दौरान मिले जातियों के वोट का आकलन कर रही है. राज्यसभा के उम्मीदवारों के चयन में भी इन सभी बातों का ध्यान रखा जाएगा. माना जा रहा है कि ब्राह्मण को रिझाने के लिए शिव प्रताप शुक्ला और निषाद वोटबैंक के लिए जयप्रकाश निषाद को टिकट दे सकती है. हालांकि पार्टी शिवप्रताप शुक्ला की जगह पूर्वांचल के कद्दावर ब्राह्मण नेता के नाम पर भी विचार कर सकती है. जातीय समीकरण के हिसाब से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से एक जाट नेता को भी पार्टी राज्यसभा भेज सकती है.
चर्चा है कि बीजेपी एक कारोबारी के बेटे को भी राज्यसभा का टिकट दे सकती है. जुलाई में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और नरेश अग्रवाल का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है. नकवी पिछली बार झारखंड से चुने गए थे, जहां इस बार बीजेपी विपक्ष में है. नरेश अग्रवाल के बेटे योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय नेतृत्व में भेजे गए 20 नामों में किसकी लॉटरी निकलती है. इस मुद्दे और पार्टी के महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी पर बहुत ही भरोसा जताया है, इसलिए पार्टी राज्यसभा चुनाव के लिए सोच समझकर ही अपने उम्मीदवारों का चयन करती है. उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश प्रधानमंत्री का निर्वाचन राज्य भी है, इसलिए जो भी उम्मीदवार बनाए जाएंगे वे साफ छवि और जनता और पार्टी के लिए समर्पित होंगे.
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