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जवानों की भर्ती में जाति कॉलम पर बोले राजनाथ- 'ये नियम आजादी से पहले का है, कोई बदलाव नहीं हुआ'

अग्निपथ योजना की घोषणा जबसे केन्द्र सरकार ने की है, बिहार में इसको लेकर हंगामा मचा है. ऐसे में जवानों की भर्ती में जाति कॉलम पर सत्ता पक्ष से जेडीयू और विपक्ष से आरजेडी ने सवाल खड़े किए थे. इसपर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी बात रखी है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह
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Published : Jul 19, 2022, 7:09 PM IST

नई दिल्ली : अग्निपथ योजना के लिए जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर बिहार में बवाल मचा है. विपक्ष के आरोपों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अफवाह है. जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है. कोई बदलाव नहीं किया गया है. पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है.

ये भी पढ़ें - 'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की', सेना बहाली में जाति प्रमाण पत्र पर तेजस्वी का हमला

''मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह पूरी तरह से अफवाह है. जो पहले व्यवस्था थी, वही व्यवस्था चली आ रही है. आजादी के पहले से यह व्यवस्था है. इसमें कहीं से भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. मैं कह रहा हूं.. पुरानी व्यवस्था रही है वही व्यवस्था चली आ रही है, अब इसके आगे मुझे क्लारीफाई करने की जरूरत नहीं है.''- राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

कुशवाहा ने उठाया था प्रश्न : दरअसल, बिहार एनडीए में शामिल जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण (clarification on caste certificate) देना चाहिए.

'राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए' : उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष

तेजस्वी ने भी साधा था निशाना: उपेंद्र कुशवाहा के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर बेहद तल्ख लहजे में कहा कि जातिगत जनगणना से दूर भागने वाली सरकार देश के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है.

'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की': आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा.'

गौरतलब है कि आर्मी में बहाली के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी की गई है. इस सूची में मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं. तेजस्वी यादव और उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में सेनाभर्ती के इस आवेदन सूचना को भी साझा किया है. पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. जिसके बाद चार साल के लिए सेना में अग्ननिवीरों के लिए भर्ती की जा रही है. इनमें से 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना के स्थाई काडर में भर्ती कर दिया जाएगा. योजना के मुताबिक चार साल की सेवा पूरी करने होने पर 75 फीसदी अग्निविरों को सेवा निधि देकर सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. इसको लेकर बिहार समेत पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे. बिहार विधानसभा में अग्निपथ योजना को लेकर जमकर बवाल भी हुआ था. तब NDA में जेडीयू भी इस योजना का विरोध कर रही थी.

नई दिल्ली : अग्निपथ योजना के लिए जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर बिहार में बवाल मचा है. विपक्ष के आरोपों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अफवाह है. जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है. कोई बदलाव नहीं किया गया है. पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है.

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''मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह पूरी तरह से अफवाह है. जो पहले व्यवस्था थी, वही व्यवस्था चली आ रही है. आजादी के पहले से यह व्यवस्था है. इसमें कहीं से भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. मैं कह रहा हूं.. पुरानी व्यवस्था रही है वही व्यवस्था चली आ रही है, अब इसके आगे मुझे क्लारीफाई करने की जरूरत नहीं है.''- राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

कुशवाहा ने उठाया था प्रश्न : दरअसल, बिहार एनडीए में शामिल जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण (clarification on caste certificate) देना चाहिए.

'राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए' : उपेन्द्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष

तेजस्वी ने भी साधा था निशाना: उपेंद्र कुशवाहा के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर बेहद तल्ख लहजे में कहा कि जातिगत जनगणना से दूर भागने वाली सरकार देश के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है.

'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की': आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की बीजेपी सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा.'

गौरतलब है कि आर्मी में बहाली के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी की गई है. इस सूची में मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं. तेजस्वी यादव और उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में सेनाभर्ती के इस आवेदन सूचना को भी साझा किया है. पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. जिसके बाद चार साल के लिए सेना में अग्ननिवीरों के लिए भर्ती की जा रही है. इनमें से 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना के स्थाई काडर में भर्ती कर दिया जाएगा. योजना के मुताबिक चार साल की सेवा पूरी करने होने पर 75 फीसदी अग्निविरों को सेवा निधि देकर सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. इसको लेकर बिहार समेत पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे. बिहार विधानसभा में अग्निपथ योजना को लेकर जमकर बवाल भी हुआ था. तब NDA में जेडीयू भी इस योजना का विरोध कर रही थी.

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