लखनऊ : महमूदाबाद के राजा के नाम से विख्यात मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान का कल (4 अक्टूबर 2023) लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. पूर्व मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित तमाम अन्य प्रमुख लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है. राजा महमूदाबाद के नाम से मशहूर रहे मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान की देश दुनिया में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनी है. फिलहाल शत्रु संपत्ति घोषित होने के बाद उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया गया था, जो फिलहाल विचाराधीन है.
राजधानी लखनऊ के बटलर पैलेस हजरतगंज स्थित हलवासिया मार्केट, लारी बिल्डिंग, लाल कोठी, सिद्दीकी बिल्डिंग, कांकर कोठी, महमूदाबाद मेंशन सहित सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, नेपाल में भी उनके हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति है. जिसकी लड़ाई उनके न रहने के बाद अब उनके परिवरीजन लड़ेंगे. राजा महमूदाबाद की पत्नी रानी विजया खान के साथ दो बेटे प्रोफेसर अली खान और राजकुमार अमीर हसन खान हैं. प्रोफेसर अली खान समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं और अब यही शत्रु संपत्ति के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे में पैरवी करेंगे. दूसरे बेटे विदेश में हैं और एक निजी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. राजा महमूदाबाद के पास हजरतगंज में आधे से अधिक बेशकीमती प्रॉपर्टी उनके नाम रही, लेकिन 2010 में सरकार के अध्यादेश के बाद सभी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया.
राजा महमूदाबाद के नाम से पहले विख्यात रहे मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान के पिता मोहम्मद अमीर खान (पूर्व राजा महमूदाबाद) पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के काफी करीब थे. वर्ष 1947 में भारत पाकिस्तान बंटवारे के बाद मोहम्मद अमीर खान जो महमूदाबाद रियासत के पूर्व राजा थे, वह पाकिस्तान चले गए और वहीं की नागरिकता प्राप्त कर ली. 11 दिसंबर 1965 को भारत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके राजा महमूदाबाद रहे मोहम्मद अमीर खान की सभी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया. इसके बाद मई 1979 को मोहम्मद अमीर खान ने अपने बेटे मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान को महमूदाबाद रियासत का उत्तराधिकारी घोषित किया. इसके बाद उत्तराधिकारी बने राजा महमूदाबाद मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान ने अपनी संपत्तियों को वापस देने के लिए भारत सरकार के पास प्रत्यावेदन दिया. इसके बाद मार्च 1981 को 25 फीसदी संपत्ति वापस करने का आदेश हुआ और मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान को राजा महमूदाबाद का आधिकारिक रूप से उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया.
उत्तराधिकार संबंधी आदेश के बाद भी शत्रु संपत्तियां वापस न मिलने पर मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान ने मुंबई हाई कोर्ट में रिट दायर कर दी. सितंबर 2001 में फैसला उनके पक्ष में आया. हालांकि उस फैसले को भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. मार्च 2009 में राजा महमूदाबाद के पक्ष में फिर फैसला आ गया. इसके बाद अप्रैल 2010 में केंद्र सरकार ने संपत्तियों पर अपने नियंत्रण के लिए अध्यादेश जारी कर दिया. इस पर राजा महमूदाबाद ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी जो निरस्त हो गई. दिल्ली के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट में भी अपील की गई, जिसे कोर्ट ने वर्ष 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद भारत सरकार ने वर्ष 2014 से 2016 तक अध्यादेश को रिन्यू किया और फिर एक्ट बना दिया. इसी वर्ष 2016 में ही राजा महमूदाबाद ने एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जो फिलहाल विचाराधीन है.
सीतापुर में राजा महमूदाबाद का निधन, अखिलेश यादव ने जताया दुख