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सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चार को कोर्ट ने माना दोषी, अंतिम सांस तक कारावास की सुनाई सजा

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में 23 अक्टूबर 2022 को घटना हुई थी. अदालत ने करीब साढ़े चार महीने में ही अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

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Published : Mar 13, 2023, 10:23 PM IST

प्रतापगढ़: सामूहिक दुष्कर्म के मामले में प्रतापगढ़ की अदालत ने चार को दोषी करार देते हुए अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3 लाख 95 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. दोषियों ने नाबालिग को अगवा करके सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस मामले में तमाम गवाहों व सबूतों के आधार पर लोक अभियोजक देवेंद्र त्रिपाठी की पैरवी पर अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो पंकज श्रीवास्तव ने सजा सुनाई है.

मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के देल्हूपुर थाना क्षेत्र का है. जहां 23 अक्टूबर 2022 को उस समय वारदात को अंजाम दिया गया था, जब नाबालिग अपने मामा के घर से लौट रही थी. रास्ते में गजेहड़ा जंगल के पास पहुंचने पर प्रयागराज-अयोध्या हाईवे से हैवानों ने जबरिया किशोरी को जंगल में घसीट लिया और बारी-बारी से तीन अभियुक्तों शिवम सरोज, मो. तफ़सीर व मो. रफ़ीक ने दुष्कर्म किया. इस दौरान इनका साथी मुन्नू लगातार निगरानी करता रहा. इसके बाद नाबालिग को बेहोशी की हालत में छोड़कर उसकी चांदी की पायल व 400 रुपए लेकर फरार हो गए.

सूचना पर पहुंची पुलिस ने किशोरी को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया. मामले में पुलिस को दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर ताबड़तोड़ दबिश के बाद सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और घटना की तफ्तीश में जुट गई. पुलिस तफ्तीश पूरी कर 11 नवम्बर 2022 को अदालत में दाखिल कर दिया.

अदालत में 21 नवम्बर को चार्ज बना तो दो दिन बाद 24 तारीख को पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया और शुरू हो गया गवाहों और सबूतों को पेश करने का दौर. इस मामले को लेकर अदालत इस कदर गम्भीर थी कि प्राथमिकता के आधार महज साढ़े तीन माह में ही ताबड़तोड़ तारीखें पड़ने लगी. इस दौरान अभियोजन की तरफ से 6 गवाहों और सबूतों को पेश किया गया तो वहीं बचाव पक्ष महज एक ही गवाह पेश कर सका.

तमाम गवाहों व सबूतों के आधार पर न्यायालय ने सोमवार को चारों अभियुक्तों को अंतिम सांस तक के कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 3 लाख 95 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दण्डित किया है. यह रकम पीड़िता के मानसिक व चिकित्सीय पुनर्वास के लिए दी जाएगी. मामले को लेकर विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो देवेंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने एक चर्चित मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास अंतिम सांस तक सजा और 3 लाख 95 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. मामले का 4 महीने के अंदर निस्तारण हो गया और इसमें 3 महीने के अंदर डीएनए रिपोर्ट भी आ गई थी. यह अपने आप में एक विशेष मामला है. इसमें लूट, अपहरण, बलात्कार की घटना की गई थी. मामले में कोर्ट के सामने कुल 6 गवाहों को अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किया गया. कोर्ट ने 4 महीने में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.

मामले को लेकर एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि इसमें देल्हूपुर थाना में एक अभियोग पंजीकृत किया गया था. जिसमें लूट, अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. घटना को गंभीरता से देखते हुए काफी गुणवत्तापूर्ण विवेचना की गई थी. उन्होंने बताया कि मामले में चार अभियुक्तों को कोर्ट ने आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है.

ये भी पढ़ेंः प्रेमिका से मिलने गए प्रेमी की परिवार वालों ने जीभ काटी, लाठी-डंडों से पीटा

प्रतापगढ़: सामूहिक दुष्कर्म के मामले में प्रतापगढ़ की अदालत ने चार को दोषी करार देते हुए अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3 लाख 95 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. दोषियों ने नाबालिग को अगवा करके सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस मामले में तमाम गवाहों व सबूतों के आधार पर लोक अभियोजक देवेंद्र त्रिपाठी की पैरवी पर अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो पंकज श्रीवास्तव ने सजा सुनाई है.

मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के देल्हूपुर थाना क्षेत्र का है. जहां 23 अक्टूबर 2022 को उस समय वारदात को अंजाम दिया गया था, जब नाबालिग अपने मामा के घर से लौट रही थी. रास्ते में गजेहड़ा जंगल के पास पहुंचने पर प्रयागराज-अयोध्या हाईवे से हैवानों ने जबरिया किशोरी को जंगल में घसीट लिया और बारी-बारी से तीन अभियुक्तों शिवम सरोज, मो. तफ़सीर व मो. रफ़ीक ने दुष्कर्म किया. इस दौरान इनका साथी मुन्नू लगातार निगरानी करता रहा. इसके बाद नाबालिग को बेहोशी की हालत में छोड़कर उसकी चांदी की पायल व 400 रुपए लेकर फरार हो गए.

सूचना पर पहुंची पुलिस ने किशोरी को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया. मामले में पुलिस को दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर ताबड़तोड़ दबिश के बाद सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और घटना की तफ्तीश में जुट गई. पुलिस तफ्तीश पूरी कर 11 नवम्बर 2022 को अदालत में दाखिल कर दिया.

अदालत में 21 नवम्बर को चार्ज बना तो दो दिन बाद 24 तारीख को पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया और शुरू हो गया गवाहों और सबूतों को पेश करने का दौर. इस मामले को लेकर अदालत इस कदर गम्भीर थी कि प्राथमिकता के आधार महज साढ़े तीन माह में ही ताबड़तोड़ तारीखें पड़ने लगी. इस दौरान अभियोजन की तरफ से 6 गवाहों और सबूतों को पेश किया गया तो वहीं बचाव पक्ष महज एक ही गवाह पेश कर सका.

तमाम गवाहों व सबूतों के आधार पर न्यायालय ने सोमवार को चारों अभियुक्तों को अंतिम सांस तक के कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 3 लाख 95 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दण्डित किया है. यह रकम पीड़िता के मानसिक व चिकित्सीय पुनर्वास के लिए दी जाएगी. मामले को लेकर विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो देवेंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने एक चर्चित मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास अंतिम सांस तक सजा और 3 लाख 95 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. मामले का 4 महीने के अंदर निस्तारण हो गया और इसमें 3 महीने के अंदर डीएनए रिपोर्ट भी आ गई थी. यह अपने आप में एक विशेष मामला है. इसमें लूट, अपहरण, बलात्कार की घटना की गई थी. मामले में कोर्ट के सामने कुल 6 गवाहों को अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किया गया. कोर्ट ने 4 महीने में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.

मामले को लेकर एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि इसमें देल्हूपुर थाना में एक अभियोग पंजीकृत किया गया था. जिसमें लूट, अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. घटना को गंभीरता से देखते हुए काफी गुणवत्तापूर्ण विवेचना की गई थी. उन्होंने बताया कि मामले में चार अभियुक्तों को कोर्ट ने आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है.

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