ETV Bharat / bharat

प्रभात गुप्ता हत्याकांडः केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी के खिलाफ अपील पर 19 मई को आएगा फैसला

प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में दाखिल राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी
author img

By

Published : May 18, 2023, 8:40 PM IST

Updated : May 18, 2023, 9:00 PM IST

लखनऊ: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में दाखिल राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी. 21 फरवरी को राज्य सरकार, प्रभात गुप्ता के भाई व अजय मिश्रा के वकीलों की बहस सुनने के पश्चात न्यायालय फैसला सुरक्षित कर लिया था. न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ के समक्ष फैसला सुनाए जाने के लिए शुक्रवार को साढ़े सूचीबद्ध किया गया है.

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व 10 नवम्बर 2022 को ही सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित किया गया था. लेकिन तब सुनवाई करने वाली पीठ ने पाया था कि कुछ बिंदुओं को और स्पष्ट होना चाहिए, लिहाजा मामले की सुनवाई पुनः जारी हो गई थी. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि मृतक से अजय मिश्रा टेनी का पंचायत चुनाव को लेकर विवाद चल रहा था. मृतक को अजय मिश्रा टेनी के अलावा दूसरे अभियुक्त सुभाष उर्फ मामा ने भी गोली मारी थी. कहा गया कि घटना के चश्मदीद गवाह भी थे, जिनकी गवाही को ट्रायल कोर्ट ने नजरंदाज किया.

वहीं अपील का विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि ट्रायल कोर्ट ने कथित प्रत्यक्षदर्शी की गवाही को भरोसे के लायक नहीं माना. इसका कारण प्रत्यक्षदर्शी का एक दुकान पर काम करना बताया जाता है. उक्त दुकान के पास ही घटना को अंजाम दिया जाना भी कहा गया है. जबकि घटना के दिन उक्त दुकान खुली ही नहीं थी. इसलिए कथित प्रत्यक्षदर्शी की घटनास्थल पर उपस्थिति संदिग्ध है. कहा गया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा अजय मिश्रा टेनी को बरी करने का फैसला औचित्यपूर्ण है.


क्या था मामला: उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में वर्ष 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. मृतक समाजवादी पार्टी के यूथ विंग का सदस्य व लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र नेता था. जबकि अजय मिश्रा टेनी उस समय भी भाजपा से जुड़े थे. अभियोजन के अनुसार दोनों के बीच पंचायत चुनाव को लेकर दुश्मनी हो गई थी. घटना के सम्बंध में दर्ज एफआईआर में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी को भी नामजद किया गया था. मामले के विचारण के पश्चात लखीमपुर खीरी की एक सत्र अदालत ने अजय मिश्रा व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2004 में बरी कर दिया था. आदेश के खिलाफ वर्ष 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दिया था.

इसे भी पढ़ें-Court News : पत्नी के प्राइवेट पार्ट को ब्लेड से काटने के आरोपी की जमानत खारिज

लखनऊ: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में दाखिल राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी. 21 फरवरी को राज्य सरकार, प्रभात गुप्ता के भाई व अजय मिश्रा के वकीलों की बहस सुनने के पश्चात न्यायालय फैसला सुरक्षित कर लिया था. न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ के समक्ष फैसला सुनाए जाने के लिए शुक्रवार को साढ़े सूचीबद्ध किया गया है.

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व 10 नवम्बर 2022 को ही सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित किया गया था. लेकिन तब सुनवाई करने वाली पीठ ने पाया था कि कुछ बिंदुओं को और स्पष्ट होना चाहिए, लिहाजा मामले की सुनवाई पुनः जारी हो गई थी. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि मृतक से अजय मिश्रा टेनी का पंचायत चुनाव को लेकर विवाद चल रहा था. मृतक को अजय मिश्रा टेनी के अलावा दूसरे अभियुक्त सुभाष उर्फ मामा ने भी गोली मारी थी. कहा गया कि घटना के चश्मदीद गवाह भी थे, जिनकी गवाही को ट्रायल कोर्ट ने नजरंदाज किया.

वहीं अपील का विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि ट्रायल कोर्ट ने कथित प्रत्यक्षदर्शी की गवाही को भरोसे के लायक नहीं माना. इसका कारण प्रत्यक्षदर्शी का एक दुकान पर काम करना बताया जाता है. उक्त दुकान के पास ही घटना को अंजाम दिया जाना भी कहा गया है. जबकि घटना के दिन उक्त दुकान खुली ही नहीं थी. इसलिए कथित प्रत्यक्षदर्शी की घटनास्थल पर उपस्थिति संदिग्ध है. कहा गया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा अजय मिश्रा टेनी को बरी करने का फैसला औचित्यपूर्ण है.


क्या था मामला: उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में वर्ष 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. मृतक समाजवादी पार्टी के यूथ विंग का सदस्य व लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र नेता था. जबकि अजय मिश्रा टेनी उस समय भी भाजपा से जुड़े थे. अभियोजन के अनुसार दोनों के बीच पंचायत चुनाव को लेकर दुश्मनी हो गई थी. घटना के सम्बंध में दर्ज एफआईआर में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी को भी नामजद किया गया था. मामले के विचारण के पश्चात लखीमपुर खीरी की एक सत्र अदालत ने अजय मिश्रा व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2004 में बरी कर दिया था. आदेश के खिलाफ वर्ष 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दिया था.

इसे भी पढ़ें-Court News : पत्नी के प्राइवेट पार्ट को ब्लेड से काटने के आरोपी की जमानत खारिज

Last Updated : May 18, 2023, 9:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.