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'जी7' पर प्रधानमंत्री की वाह-वाह से पिछली सरकारों का योगदान मिटाने का मकसद पूरा होता है : कांग्रेस - कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश

प्रधानमंत्री मोदी जापान में होने वाली जी-7 समिट में शामिल होने के लिए आज सुबह निकल चुके हैं. उन्होंने अपनी यात्रा को लेकर कहा कि यह समिट काफी अहम होगी.

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Etv Bharat कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश
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Published : May 19, 2023, 12:56 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जी -7 शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने को लेकर बढ़ा-चढ़ा कर बातें की जा रही हैं ताकि फर्जी विमर्श गढ़ा जा सके. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि वाह-वाह करने से सिर्फ शासन की निरंतरता और पूर्व की सरकारों के योगदान को मिटाने का मकसद पूरा होता है. उन्होंने ट्वीट किया, 'जी-7 शिखर बैठक में स्वयंभू विश्व गुरु के शामिल होने को लेकर उनके इर्द-गिर्द की 'हाइप फैक्ट्री' ने फर्जी विमर्श गढ़ना शुरू कर दिया है.'

  • The hype factory around the self-styled Vishwaguru attending the G7 Summit in Hiroshima in Japan has started manufacturing fake narratives.

    Here’s the reality:
    Summits of developed countries started way back in 1976. India was invited along with few other countries for the first…

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रमेश ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि विकसित देशों की शिखर बैठक की शुरुआत 1976 में हुई थी. भारत को कुछ अन्य देशों के साथ सबसे पहले 2003 में इसमें आमंत्रित किया गया था. डॉ मनमोहन सिंह 'जी 7 प्लस' शिखर बैठक में नियमित शामिल हुए.' उन्होंने दावा किया, 'इसलिए यह वाह-वाह करने से न सिर्फ 'द ग्रेट लीडर' के खुद के महिमामंडन का लक्ष्य पूरा होता है, बल्कि शासन की निरंतरता और पूर्व की सरकारों की योगदान को मिटाने का मकसद भी पूरा होता है.'

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए जहां वह जी-7, क्वाड समूह सहित कुछ बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों में भाग लेंगे. समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री 40 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे जिनमें वह शिखर सम्मेलनों में विश्व के दो दर्जन से अधिक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. इनमें द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं.

पढ़ें: जी7 शिखर सम्मेलन में उपस्थिति विशेष रूप से अहम, क्योंकि भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है: मोदी

तीन देशों की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जी-7 देशों और अन्य आमंत्रित साझेदारों के साथ दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों और उनसे सामूहिक रूप से निपटने की जरूरत पर विचारों के आदान-प्रदान को लेकर उत्सुक हैं.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जी -7 शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने को लेकर बढ़ा-चढ़ा कर बातें की जा रही हैं ताकि फर्जी विमर्श गढ़ा जा सके. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि वाह-वाह करने से सिर्फ शासन की निरंतरता और पूर्व की सरकारों के योगदान को मिटाने का मकसद पूरा होता है. उन्होंने ट्वीट किया, 'जी-7 शिखर बैठक में स्वयंभू विश्व गुरु के शामिल होने को लेकर उनके इर्द-गिर्द की 'हाइप फैक्ट्री' ने फर्जी विमर्श गढ़ना शुरू कर दिया है.'

  • The hype factory around the self-styled Vishwaguru attending the G7 Summit in Hiroshima in Japan has started manufacturing fake narratives.

    Here’s the reality:
    Summits of developed countries started way back in 1976. India was invited along with few other countries for the first…

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रमेश ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि विकसित देशों की शिखर बैठक की शुरुआत 1976 में हुई थी. भारत को कुछ अन्य देशों के साथ सबसे पहले 2003 में इसमें आमंत्रित किया गया था. डॉ मनमोहन सिंह 'जी 7 प्लस' शिखर बैठक में नियमित शामिल हुए.' उन्होंने दावा किया, 'इसलिए यह वाह-वाह करने से न सिर्फ 'द ग्रेट लीडर' के खुद के महिमामंडन का लक्ष्य पूरा होता है, बल्कि शासन की निरंतरता और पूर्व की सरकारों की योगदान को मिटाने का मकसद भी पूरा होता है.'

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए जहां वह जी-7, क्वाड समूह सहित कुछ बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों में भाग लेंगे. समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री 40 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे जिनमें वह शिखर सम्मेलनों में विश्व के दो दर्जन से अधिक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. इनमें द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं.

पढ़ें: जी7 शिखर सम्मेलन में उपस्थिति विशेष रूप से अहम, क्योंकि भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है: मोदी

तीन देशों की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जी-7 देशों और अन्य आमंत्रित साझेदारों के साथ दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों और उनसे सामूहिक रूप से निपटने की जरूरत पर विचारों के आदान-प्रदान को लेकर उत्सुक हैं.

पीटीआई-भाषा

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