वाराणसी: यूपी विधानसभा चुनाव के सातवें चरण के लिए सभी सियासी पार्टियां काशी में डेरा डाल चुकी हैं. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) अपने संसदीय क्षेत्र में एक बार फिर चुनावी रोड शो किया. कहा जाता है कि पीएम मोदी का रोड शो वाराणसी और आसपास के जनपदों के लिए एक ब्रांड बन गया है. लेकिन इन सबके बीच बड़ी बात यह है 2014 से लेकर आज तक पीएम के रोड शो के रूट में कई बदलाव हुए, लेकिन एक मार्ग ऐसा है जो हमेशा पीएम मोदी के रोड शो के रूट में शामिल रहता है. इस मार्ग का नाम है मदनपुरा.
जानें क्यों मदनपुरा इलाका होता है शामिल
जानकारों के मुताबिक पीएम मोदी के रोड शो ने मदनपुरा के लोगों की बीजेपी के खिलाफ धारणा बदली है. मदनपुरा इलाका को मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र भी कहा जाता है. यहां के लोगों का आरोप था, कि बीजेपी एंटी मुस्लिम है. लेकिन पीएम मोदी जब भी वाराणसी में रोड शो या जनसभा करते हैं तो उनका काफिला हर रोड शो में इस रास्ते से होकर जरूर गुजरता है और इसी के चलते यहां लोगों की सोच में भी परिवर्तन हुआ है.
रोड शो का वोट प्रतिशत पर भी पड़ता है असर
2017 की बात करें तो यही वो क्षेत्र था जब पीएम मोदी का मुस्लिम समुदाय ने जमकर स्वागत किया था, जिसमे नतीजा वोट में भी देखा गया. वाराणसी के शहर दक्षिणी और शहर कैंट के हिस्से में आने वाले मदनपुरा से बीजेपी को खासा वोट पड़ा और ऐसी ही तस्वीरें 2019 में भी सामने आईं. तीन तलाक का मुद्दा गरम होने के बावजूद पीएम मोदी ने अपना रोड शो इस रास्ते से गुजारा, नतीजा फिर लाभदायक साबित हुआ.
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राजनीतिक विश्लेषक प्रो. रवि प्रकाश पांडेय ने बताया कि पीएम मोदी सबके साथ सबके विश्वास को लेकर आगे बढ़ते हैं और उनके रोड शो में यह तस्वीर स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. प्रधानमंत्री 2014 से, 17,19 और 2022 के रोड शो में मुस्लिम बहुल इलाके को साथ लेकर चल रहे हैं. क्योंकि उनकी विचारधारा सबको साथ रखने की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी पर जिस तरीके से कट्टर हिंदुत्ववाद का आरोप लगता है. प्रधानमंत्री उस आरोप को धराशायी कर सबको एकजुट रखकर आगे चलने की विचारधारा को बढ़ा रहे हैं. क्योंकि राजनीति में वोट के साथ जनता का विश्वास भी सियासी दल के प्रति जरूरी है.