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राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी से बीजेपी ने जाट लैंड में चला अपना दांव, क्या इससे कम होगा गुस्सा ?

वेस्टर्न यूपी के जाट बिरादरी के बड़े नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी का शिलान्यास कर बीजेपी ने जाटलैंड में नाराज बिरादरी को खुश करने का दांव खेल दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस तरह अपनी बात रखी, उसके कई राजनीतिक मायने हैं. पढ़ें यह रिपोर्ट

Raja Mahendra Pratap Singh university in aligarh
Raja Mahendra Pratap Singh university in aligarh
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Published : Sep 14, 2021, 2:36 PM IST

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 सितंबर को अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया. साथ ही उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड का भी शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने एक तीर से कई सियासी निशाने को साधने की कोशिश की.

पहले यह जानें कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी बनाने की मंशा बीजेपी सरकार को कैसे आई. 2014 में बीजेपी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की मांग की थी. इस यूनिवर्सिटी को बनाने की घोषणा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सितंबर 2019 में की थी. उससे पहले अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में जिन्ना विवाद चल रहा था. साथ ही, राजा महेंद्र प्रताप सिंह के परिजनों ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का नाम राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की मांग की थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 467.6 एकड़ भूमि में फ़ैली हुई है.

Raja Mahendra Pratap Singh university in aligarh
2014 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में जिन्ना विवाद हुआ था. इसके बाद राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखने की भी मांग उठी थी

परिजनों का कहना था कि राजा महेंद्र प्रताप ने ही विश्वविद्यालय के लिए जमीन का एक बड़ा हिस्सा दान किया था, मगर उनके नाम का कोई उल्लेख कहीं नहीं किया गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 1929 में 3.8 एकड़ की ज़मीन लीज़ पर दी थी, जिस पर अभी सिटी स्कूल संचालित हो रहा है. हालांकि राजा महेंद्र प्रताप के वंशजों ने लीज की जमीन पर दावा करने से इनकार कर दिया. इस विवाद के बाद योगी सरकार ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर स्टेट यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान कर दिया. चुनावों में यह सरकार के उपलब्धि के तौर पर पेश किया जाएगा.

नाराजगी दूर करने के लिए जाट नेता पर चला बीजेपी ने दांव : अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह की उपेक्षा का आरोप भी लगा दिया. राजा महेंद्र प्रताप जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते थे. बीजेपी के नेता भी जाट समुदाय के इतने महान नेता के योगदान को याद नहीं रखने का आरोप लगाते रहे हैं. यूनिवर्सिटी के बहाने बीजेपी ने वेस्टर्न यूपी में जाट बिरादरी को साधने की कोशिश की है, जो किसान आंदोलन के कारण पार्टी से नाराज चल रहे हैं. पश्चिमी यूपी में 17 पर्सेंट जाट वोटर हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी की 136 सीटों में से बीजेपी ने 102 सीटें जीती थीं. अगर जाटलैंड पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी होगी तो इसका असर जाट वोटरों पर होगा. आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद मंडलों में जाट वोटर काफी प्रभावी हैं.

Raja Mahendra Pratap Singh university in aligarh
किसान आंदोलन का फाइल फोटो

कल्याण सिंह फैक्टर को नहीं भूले पीएम मोदी : शिलान्यास के बाद जनसभा में पीएम मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को याद किया. उन्होंने कहा कि आज कल्याण सिंह जी हमारे साथ होते तो राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय और डिफेंस सेक्टर में बन रही अलीगढ़ की नई पहचान को देखकर बहुत खुश हुए होते. कल्याण सिंह अलीगढ़ के अतरौली के गांव मढौली के रहने वाले थे. अतरौली से कल्याण सिंह जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. कल्याण सिंह के कारण बीजेपी अतरौली और इसके आसपास की सीटों पर हमेशा मजबूत रही है. साल 1991 के बाद बीजेपी ने यहां 7 बार लोकसभा चुनाव जीता है. अलीगढ़ लोकसभा सीट पर लोध बिरादरी के वोटरों की संख्या लगभग 2.5 लाख है.

योगी की तारीफ कर तय कर दिया चुनावी नेतृत्व : पीएम मोदी ने संबोधन में योगी आदित्यनाथ के लिए यशस्वी और कर्मठ जैसे विशेषणों का उल्लेख किया. इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी की तारीफ भी की. राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी ने जिस तरह योगी की पीठ थपथपाई, उससे यह हो गया कि उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ स्थायी चेहरा बने रहेंगे.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी

यह भी पढ़ें : जानिए...छोटे से गांव में पैदा होने वाला बालक कैसे बन गया राजा महेंद्र प्रताप सिंह

कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह : आपको बता दें, कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिए थे. उन्होंने 32 वर्ष निर्वासित रहकर देश की आजादी के लिए जंग लड़ा. अफगानिस्तान के काबुल में 1915 में बनी अंतरिम सरकार के राष्ट्रपति रहे. राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जन्मस्थली हाथरस का कस्बा मुरसान है. कस्बा में आज भी शाही परिवार का किला मौजूद है. उसमें राजा साहब के वंशज रहते हैं. राजा साहब ने अपने जीवन काल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय सहित कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना में अपनी जमीन दान में दी थी. वह 1957 में मथुरा लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए थे. उन्होंने जनसंघ के अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था.

2023 में तैयार होगी अलीगढ़ की नई यूनिवर्सिटी : जाट नेता और स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप यूनिवर्सिटी अलीगढ़ की कोल तहसील के लोढ़ा और मुसईपुर करीम जरौली गांव में बनेगी. जनवरी 2023 तक ये परियोजना पूरी हो जाएगी. इस यूनिवर्सिटी में अलीगढ़, हाथरस, कासगंज व एटा के लगभग 395 कॉलेज शामिल होंगे. इस यूनिवर्सिटी के लिए शिक्षा विभाग से 101 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. कुल 92 एकड़ जमीन पर इसका निर्माण होगा, जिला प्रशासन यूनिवर्सिटी कैंपस बनाने के लिए 37 एकड़ सरकारी भूमि का आवंटन कर चुका है. 10 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

यह भी पढ़ें : यूपी : जमीन दी पर राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर नहीं हो पाया एएमयू सिटी हाई स्कूल

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 सितंबर को अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया. साथ ही उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड का भी शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने एक तीर से कई सियासी निशाने को साधने की कोशिश की.

पहले यह जानें कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी बनाने की मंशा बीजेपी सरकार को कैसे आई. 2014 में बीजेपी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की मांग की थी. इस यूनिवर्सिटी को बनाने की घोषणा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सितंबर 2019 में की थी. उससे पहले अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में जिन्ना विवाद चल रहा था. साथ ही, राजा महेंद्र प्रताप सिंह के परिजनों ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का नाम राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर रखने की मांग की थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 467.6 एकड़ भूमि में फ़ैली हुई है.

Raja Mahendra Pratap Singh university in aligarh
2014 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में जिन्ना विवाद हुआ था. इसके बाद राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखने की भी मांग उठी थी

परिजनों का कहना था कि राजा महेंद्र प्रताप ने ही विश्वविद्यालय के लिए जमीन का एक बड़ा हिस्सा दान किया था, मगर उनके नाम का कोई उल्लेख कहीं नहीं किया गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 1929 में 3.8 एकड़ की ज़मीन लीज़ पर दी थी, जिस पर अभी सिटी स्कूल संचालित हो रहा है. हालांकि राजा महेंद्र प्रताप के वंशजों ने लीज की जमीन पर दावा करने से इनकार कर दिया. इस विवाद के बाद योगी सरकार ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर स्टेट यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान कर दिया. चुनावों में यह सरकार के उपलब्धि के तौर पर पेश किया जाएगा.

नाराजगी दूर करने के लिए जाट नेता पर चला बीजेपी ने दांव : अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह की उपेक्षा का आरोप भी लगा दिया. राजा महेंद्र प्रताप जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते थे. बीजेपी के नेता भी जाट समुदाय के इतने महान नेता के योगदान को याद नहीं रखने का आरोप लगाते रहे हैं. यूनिवर्सिटी के बहाने बीजेपी ने वेस्टर्न यूपी में जाट बिरादरी को साधने की कोशिश की है, जो किसान आंदोलन के कारण पार्टी से नाराज चल रहे हैं. पश्चिमी यूपी में 17 पर्सेंट जाट वोटर हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी की 136 सीटों में से बीजेपी ने 102 सीटें जीती थीं. अगर जाटलैंड पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी होगी तो इसका असर जाट वोटरों पर होगा. आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद मंडलों में जाट वोटर काफी प्रभावी हैं.

Raja Mahendra Pratap Singh university in aligarh
किसान आंदोलन का फाइल फोटो

कल्याण सिंह फैक्टर को नहीं भूले पीएम मोदी : शिलान्यास के बाद जनसभा में पीएम मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को याद किया. उन्होंने कहा कि आज कल्याण सिंह जी हमारे साथ होते तो राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय और डिफेंस सेक्टर में बन रही अलीगढ़ की नई पहचान को देखकर बहुत खुश हुए होते. कल्याण सिंह अलीगढ़ के अतरौली के गांव मढौली के रहने वाले थे. अतरौली से कल्याण सिंह जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. कल्याण सिंह के कारण बीजेपी अतरौली और इसके आसपास की सीटों पर हमेशा मजबूत रही है. साल 1991 के बाद बीजेपी ने यहां 7 बार लोकसभा चुनाव जीता है. अलीगढ़ लोकसभा सीट पर लोध बिरादरी के वोटरों की संख्या लगभग 2.5 लाख है.

योगी की तारीफ कर तय कर दिया चुनावी नेतृत्व : पीएम मोदी ने संबोधन में योगी आदित्यनाथ के लिए यशस्वी और कर्मठ जैसे विशेषणों का उल्लेख किया. इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी की तारीफ भी की. राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी ने जिस तरह योगी की पीठ थपथपाई, उससे यह हो गया कि उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ स्थायी चेहरा बने रहेंगे.

Raja Mahendra Pratap Singh university in aligarh
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी

यह भी पढ़ें : जानिए...छोटे से गांव में पैदा होने वाला बालक कैसे बन गया राजा महेंद्र प्रताप सिंह

कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह : आपको बता दें, कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिए थे. उन्होंने 32 वर्ष निर्वासित रहकर देश की आजादी के लिए जंग लड़ा. अफगानिस्तान के काबुल में 1915 में बनी अंतरिम सरकार के राष्ट्रपति रहे. राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जन्मस्थली हाथरस का कस्बा मुरसान है. कस्बा में आज भी शाही परिवार का किला मौजूद है. उसमें राजा साहब के वंशज रहते हैं. राजा साहब ने अपने जीवन काल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय सहित कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना में अपनी जमीन दान में दी थी. वह 1957 में मथुरा लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए थे. उन्होंने जनसंघ के अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था.

2023 में तैयार होगी अलीगढ़ की नई यूनिवर्सिटी : जाट नेता और स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप यूनिवर्सिटी अलीगढ़ की कोल तहसील के लोढ़ा और मुसईपुर करीम जरौली गांव में बनेगी. जनवरी 2023 तक ये परियोजना पूरी हो जाएगी. इस यूनिवर्सिटी में अलीगढ़, हाथरस, कासगंज व एटा के लगभग 395 कॉलेज शामिल होंगे. इस यूनिवर्सिटी के लिए शिक्षा विभाग से 101 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. कुल 92 एकड़ जमीन पर इसका निर्माण होगा, जिला प्रशासन यूनिवर्सिटी कैंपस बनाने के लिए 37 एकड़ सरकारी भूमि का आवंटन कर चुका है. 10 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

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