इंदौर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर में बने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट गोबर-धन का वर्चुअल तरीके से लोकार्पण किया. मोदी ने कहा जब हम पढ़ते थे तो इंदौर के नाम के साथ देवी अहिल्याबाई होलकर को याद करते थे. आज भी इंदौर ने देवी अहिल्या की प्रेरणा को नहीं खोया. प्रधानमंत्री ने सीएनजी प्लांट के लिए इंदौरवासियों और सीएम शिवराज की टीम और पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन और सांसद लालवानी को भी बधाई दी. पीएम मोदी ने इंदौर की प्रशंसा के साथ वाराणसी की प्रशंसा की, बोले वहां पर देवी अहिल्या बाई की प्रतिमा भी रखी है, इंदौर वाले वहां जाएंगे तो अहिल्या प्रतिमा के दर्शन करेंगे. इंदौर के कचरे और पशुधन से गोबर धन और इससे स्वच्छता धन और फिर ऊर्जा धन बनेगा. देश के अन्य शहरों और गांवों में भी इस तरह के प्लांट बन रहे है.
बता दें कि, स्वच्छता में पहले नंबर पर आने वाला मध्य प्रदेश का इंदौर अब स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफलता की नई इबारत लिख रहा है. देश के सबसे साफ शहरों में इंदौर लगातार पांच साल से रिकॉर्ड बना रहा है. इसके साथ ही अब इंदौर में एक नई पहल होने जा रही है, जिसके तहत कचरे से उच्चकोटि की सीएनजी गैस तैयार कर शहर के लोक परिवहन को भी प्रदूषण मुक्त किया जाएगा. दरअसल, इस संयंत्र से 18 हजार लीटर बायो सीएनजी गैस तैयार किया जाएगा, जिससे शहर की 400 डीजल बसों के स्थान पर इतनी ही नई सीएनजी से चलने वाली बसें चलाई (400 passenger buses will run everyday with CNG in MP) जाएंगी.
इंदौर नगर निगम ने यूरोप और यूके की एक कंपनी के साथ मिलकर यहां एशिया का सबसे बड़ा बायो मीथेन प्लांट लगाया है. इसका शुभारंभ 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi inaugurate bio methane plant) करेंगे. पीएम मोदी दोपहर एक बजे वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे और इस दौरान इंदौर के अलावा भोपाल और देवास के स्वच्छता अभियान से जुड़े प्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, बायो मीथेन प्लांट की स्थापना दो साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने की थी. प्लांट के शुभारंभ के साथ ही इंदौर देश का पहला ऐसा शहर होगा जो गीले और सूखे कचरे (wet and dry garbage) का सफल निष्पादन करते हुए कचरे से भी करोड़ों की कमाई करेगा.
नगर निगम की कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि ये संयंत्र रोज 18 हजार लीटर बायो सीएनजी के साथ-साथ 100 टन अच्छी गुणवत्ता वाली सिटी कम्पोस्ट भी तैयार करेगा. शहर की 400 डीजल बसों के स्थान पर इतनी ही नई सीएनजी से चलने वाली बसें चलाई जाएंगी.
कई शहरों की पड़ताल के बाद इंदौर को चुना
भारत सरकार के साथ यूरोप और यूके की ज्वाइंट वेंचर वाली कंपनी 'एनवायरन' ने भारत में उन शहरों की पड़ताल की थी, जहां प्लांट को सफलतापूर्वक चलाया जा सके और जहां गीले और सूखे कचरे का सैरीगेशन प्लांट की आवश्यकतानुसार हो सके. देश के कई शहरों से एकत्र किए गए 200 सैंपल के बाद जब इंदौर के कचरे के सैंपल से मिलान किया गया, तो इंदौर के गीले कचरे में 99 प्रतिशत शुद्धता पाई गई. जिसके बाद दो साल पहले कंपनी ने यहां प्लांट लगाने की सहमति देते हुए यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में प्लांट की स्थापना की. जब यहां टेस्टिंग के दौरान कचरे से बायोमीथेन और सीएनजी गैस बनाई गई, उसकी शुद्धता भी सर्वाधिक 96 प्रतिशत पाई गई.
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कचरे से करोड़ों की कमाई करेगा नगर निगम
इंदौर में ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित 15 एकड़ में डेढ़ सौ करोड़ रुपये की लागत से एशिया का सबसे बड़ा बायो नेचुरल गैस सीएनजी प्लांट तैयार किया गया है. इस प्लांट से रॉयल्टी के बतौर इंदौर नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपये प्राप्त होंगे और इससे सरकार का करोड़ों रुपये का राजस्व भी बचेगा. इसके अलावा जो गैस यहां तैयार होगी वह एग्रीमेंट के अनुसार बाजार भाव से पांच रुपये कम की दरों पर इंदौर नगर निगम को दी जाएगी. यह प्लांट दो साल में बनकर तैयार हुआ है, जिसकी स्थापना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ किया है.
कचरे का सौ फीसदी निष्पादन करने वाला शहर
गीले कचरे का निस्तारण हमेशा से सबसे बड़ी समस्या रही है. लेकिन इंदौर देश का एकमात्र शहर है जहां प्रतिदिन निकलने वाला 600 टन गीला कचरा अब पूरी तरीके से मीथेन गैस में तब्दील करके इंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा सूखे कचरे से अलग-अलग एग्रीगेशन के बाद विभिन्न उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जो बाजार भाव से शहर में बेचे जा रहे हैं. जिससे नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपये प्राप्त हो रहे हैं.