नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत को अगर सफलता के शिखर पर ले जाना है तो उसे अतीत के संकुचित नजरिये से भी आजाद होना होगा. राजधानी स्थित मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत की याद में पहले 'वीर बाल दिवस' के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही. साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके त्याग और उनकी इतनी बड़ी 'शौर्यगाथा' को इतिहास में भुला दिया गया.
उन्होंने कहा कि लेकिन अब 'नया भारत' दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को सुधार रहा है. उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से हमें इतिहास के नाम पर वह गढ़े हुए विमर्श बताएं और पढ़ाए जाते रहे, जिनसे हमारे भीतर हीन भावना पैदा हो. बावजूद इसके हमारे समाज और हमारी परंपराओं ने इन गौरव गाथाओं को जीवंत रखा.' उन्होंने कहा, 'अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखर पर ले जाना है तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आजाद होना पड़ेगा. इसलिए, आजादी के 'अमृतकाल' में देश ने 'गुलामी की मानसिकता से मुक्ति' का प्राण फूंका है.'
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#WATCH | PM Modi takes part in a program marking 'Veer Bal Diwas' at Major Dhyan Chand Stadium in Delhi pic.twitter.com/soB5fqADRY
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प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा अपने साहस से समय की धारा को हमेशा के लिए मोड़ देता है और इसी संकल्प शक्ति के साथ आज भारत की युवा पीढ़ी भी देश को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए निकल पड़ी है. मोदी ने कहा कि सिख गुरु परंपरा केवल आस्था और आध्यात्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के विचार का भी प्रेरणापुंज है. इससे पहले, प्रधानमंत्री ने लगभग 300 बच्चों द्वारा किए गए शबद कीर्तन में भाग लिया. केंद्र सरकार ने इसी वर्ष नौ जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के दिन गुरु गोबिंद सिंह के बेटों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की याद में 26 दिसंबर को 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी.
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आरपी सिंह ने 'वीर बाल दिवस' मनाने की पीएम मोदी की पहल की सराहना की : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह, श्री गुरु गोबिंद सिंह के सबसे छोटे साहिबजादों की शहादत की याद में राष्ट्रीय स्तर पर 'वीर बाल दिवस' मनाने की पीएम मोदी की पहल की सराहना की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की पहल ने वैश्विक स्तर पर त्योहार का प्रतिनिधित्व किया है. मैंने कभी भी इससे भव्य कुछ नहीं देखा. दोनों साहिबजादे महज आठ और नौ साल के थे. हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि उन्होंने 'बाल' नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि वे बहादुर थे और बच्चों की तरह काम नहीं करते थे.
इसके जवाब में सिंह ने कहा कि हमें राजनीति को धार्मिक पहलुओं से दूर रखना चाहिए. हमें नाम पर बहस करने के बजाय भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए. सिंह ने आगे कहा कि पंजाब और दिल्ली एमसीडी में आप के जीतने के बाद भी हमें पीएम की भावनाओं पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर बनाया है और हरमिंदर साहिब का चंदा बढ़ाया है, उन्होंने हमेशा भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करने की पहल की है. मनमोहन सिंह थे. सिख और एक बार भारत के पीएम भी, लेकिन उन्होंने वैश्विक या राष्ट्रीय स्तर पर भारत की संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई पहल नहीं की.