ETV Bharat / bharat

ट्रेडिशनल मेडिसीन में अगले 25 वर्ष स्वर्णिम काल, 'हील इन इंडिया' बनेगा ब्रांड : पीएम मोदी

अहमदाबाद में ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आयुष सेक्टर के लिए इस तरह की समिट पहली बार हो रही है. उन्होंने बताया, ऐसी इन्वेस्टमेंट समिट का विचार मुझे उस समय आया था जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ था. प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि अगले 25 साल का हमारा अमृत काल दुनिया के कोने कोने में ट्रेडिशनल मेडिसीन का स्वर्णिम काल होगा. दूसरे देशों से आकर भारत में इलाज कराने के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि 'हील इन इंडिया' ब्रांड बनेगा.

modi ahmedabad
अहमदाबाद में पीएम मोदी
author img

By

Published : Apr 20, 2022, 1:28 PM IST

अहमदाबाद : भारत की पारंपरिक चिकित्सा और मेडिसीन के प्रभाव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आयुर्वेदिक दवाइयां, आयुष काढ़ा और ऐसे अनेक प्रोडक्ट्स इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों की मदद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में भारत में से हल्दी का एक्सपोर्ट अनेक गुना बढ़ गया था. अहमदाबाद में ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा, हमने अक्सर देखा है कि अलग अलग सेक्टर्स में निवेश के लिए इन्वेस्टमेंट समिट होती रही है, लेकिन ये पहली बार है जब आयुष सेक्टर के लिए इस तरह की समिट हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना महामारी के दौर में हमने देखा कि जो मॉर्डन फार्मा कंपनियां हैं, वैक्सीन मैन्यूफैक्चर्स हैं, उन्हें उचित समय पर निवेश मिलने पर उन्होंने कितना बड़ा कमाल करके दिखाया. उन्होंने कहा कि आयुष के क्षेत्र में निवेश और इनोवेशन की संभावनाएं असीमित हैं. उन्होंने कहा, आयुष दवाओं, सप्लीमेंट और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेजी देख रहे हैं.

बकौल पीएम मोदी, 2014 में आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से भी कम का था. आज ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया. उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में स्टार्टअप की संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं. उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ही ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (All India Institute of Ayurveda) के द्वारा विकसित एक इन्क्यूबेशन सेंटर (incubation centre) का उद्घाटन किया गया है. उन्होंने कहा कि अब भारत के स्टार्टअप्स का एक स्वर्णिम युग शुरू हो चुका है.

'आयुष आहार' नाम की एक नयी कैटेगरी : प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में एक प्रकार से आज यूनिकॉर्न का दौर चल रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न क्लब में जुड़ चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्द आयुष के हमारे स्टार्टअप्स भी यूनिकॉर्न उभरकर सामने आएगा. उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुड़ने की सहूलियत मिले. पीएम मोदी ने कहा कि बाजार में किसानों को आसानी हो इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भी पिछले ही हफ्ते अपने रेगुलेशंस में 'आयुष आहार' नाम की एक नयी कैटेगरी घोषित की है. इससे हर्बल पोषण सप्लीमेंट के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी.

हील इन इंडिया बनेगा ब्रांड : प्रधानमंत्री ने कहा, भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है. भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा. ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा. इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा. उन्होंने कहा कि केरल के पर्यटन को बढ़ाने में पारंपरिक औषधि ने मदद की. ये सामर्थ्य पूरे भारत में है, भारत के हर कोने में है. भारत में आकर इलाज और स्वास्थ्य लाभ के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि हील इन इंडिया (Heal in India) इस दशक का बहुत बड़ा ब्रांड बन सकता है. उन्होंने कहा, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा आदि विद्याओं पर आधारित वेलनेस सेंटर बहुत प्रचलित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो विदेशी नागरिक, भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है.

विशेष आयुष वीजा कैटेगरी की शुरुआत : प्रधानमंत्री ने कहा, शीघ्र ही, भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रहा है. इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी. 21वीं सदी का भारत दुनिया को अपने अनुभवों, अपने ज्ञान,अपनी जानकारी साझा करते हुए आगे बढ़ना चाहता है हमारी विरासत मानवता के लिए विरासत की तरह है, हम वसुधैव कुटुंबकम वाले लोग हैं. हम दुनिया का दर्द कम करने के लिए कृत संकल्प लोग हैं. 'सर्वे संतु निरामया' हमारा जीवन मंत्र है. उन्होंने कहा कि ट्रेडिशनल मेडिसीन से जुड़े ज्ञान का विकास और विस्तार तभी संभव है, जब उनको साइंटिफिक स्पिरिट में देखेंगे. उन्हें देश, काल और परिस्थिति के अनुसार ढालेंगे. ये ऐसा समय है जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. मुझे पूरा भरोसा है कि अगले 25 साल का हमारा अमृत काल दुनिया के कोने कोने में ट्रेडिशनल मेडिसीन का स्वर्णिम काल होगा.

पारंपरिक चिकित्सा का विकास जरूरी : इस मौके पर डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेयेसस ने कहा कि सामान्य और विशेष रूप से पारंपरिक चिकित्सा में दवा के लिए नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के लिए आवश्यक सरकारी प्रतिबद्धता के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक निवेश जरूरी है. उन्होंने कहा कि अन्वेषकों, उद्योगों और सरकार द्वारा टिकाऊ, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और न्यायसंगत तरीके से पारंपरिक चिकित्सा को विकसित करने की आवश्यकता है.

पीएम मोदी के अहमदाबाद दौरे से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें-

बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को गुजरात के जामनगर में जीसीटीएम की आधारशिला रखी. यह दुनिया का पहला वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र (GCTM) है. उन्होंने इस मौके पर कहा था कि भारत पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के मामले में दुनिया की अगुवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि वेलनेस भारत सरकार की प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना के बाद योग को भी बढ़ावा मिलेगा. जामनगर में जीसीटीएम की स्थापना के मौके पर पीएम मोदी ने इस ग्लोबल सेंटर के लिए पांच लक्ष्य भी रखे.

यह भी पढ़ें- GCTM Gujarat : दुनिया के पहले पारंपरिक औषधि वैश्विक केंद्र का शिलान्यास, पीएम ने दिए पांच लक्ष्य

जामनगर में प्रधानमंत्री ने कहा, पहला लक्ष्य- टेक्नोलॉली का उपयोग करते हुए, ट्रेडिशनल विद्याओं के संकलन का है, उनका डेटाबेस बनाने का है. दूसरा लक्ष्य- GCTM को पारंपरिक औषधियों की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड भी बनाने चाहिए. तीसरा लक्ष्य- GCTM एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनना चाहिए जहां विश्व की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के एक्सपर्ट्स एक साथ आएं, एक साथ जुटें, अपने अनुभव साझा करें. चौथा लक्ष्य- रिसर्च में निवेश से जुड़ा होना चाहिए. GCTM को ट्रेडिशिनल मेडिसीन के क्षेत्र में रिसर्च के लिए फंडिंग को मोबिलाइज करना चाहिए. पांचवां लक्ष्य- ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से जुड़ा है.

अहमदाबाद : भारत की पारंपरिक चिकित्सा और मेडिसीन के प्रभाव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आयुर्वेदिक दवाइयां, आयुष काढ़ा और ऐसे अनेक प्रोडक्ट्स इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों की मदद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में भारत में से हल्दी का एक्सपोर्ट अनेक गुना बढ़ गया था. अहमदाबाद में ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा, हमने अक्सर देखा है कि अलग अलग सेक्टर्स में निवेश के लिए इन्वेस्टमेंट समिट होती रही है, लेकिन ये पहली बार है जब आयुष सेक्टर के लिए इस तरह की समिट हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना महामारी के दौर में हमने देखा कि जो मॉर्डन फार्मा कंपनियां हैं, वैक्सीन मैन्यूफैक्चर्स हैं, उन्हें उचित समय पर निवेश मिलने पर उन्होंने कितना बड़ा कमाल करके दिखाया. उन्होंने कहा कि आयुष के क्षेत्र में निवेश और इनोवेशन की संभावनाएं असीमित हैं. उन्होंने कहा, आयुष दवाओं, सप्लीमेंट और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेजी देख रहे हैं.

बकौल पीएम मोदी, 2014 में आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से भी कम का था. आज ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया. उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में स्टार्टअप की संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं. उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ही ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (All India Institute of Ayurveda) के द्वारा विकसित एक इन्क्यूबेशन सेंटर (incubation centre) का उद्घाटन किया गया है. उन्होंने कहा कि अब भारत के स्टार्टअप्स का एक स्वर्णिम युग शुरू हो चुका है.

'आयुष आहार' नाम की एक नयी कैटेगरी : प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में एक प्रकार से आज यूनिकॉर्न का दौर चल रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न क्लब में जुड़ चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्द आयुष के हमारे स्टार्टअप्स भी यूनिकॉर्न उभरकर सामने आएगा. उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुड़ने की सहूलियत मिले. पीएम मोदी ने कहा कि बाजार में किसानों को आसानी हो इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है. भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भी पिछले ही हफ्ते अपने रेगुलेशंस में 'आयुष आहार' नाम की एक नयी कैटेगरी घोषित की है. इससे हर्बल पोषण सप्लीमेंट के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी.

हील इन इंडिया बनेगा ब्रांड : प्रधानमंत्री ने कहा, भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है. भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा. ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा. इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा. उन्होंने कहा कि केरल के पर्यटन को बढ़ाने में पारंपरिक औषधि ने मदद की. ये सामर्थ्य पूरे भारत में है, भारत के हर कोने में है. भारत में आकर इलाज और स्वास्थ्य लाभ के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि हील इन इंडिया (Heal in India) इस दशक का बहुत बड़ा ब्रांड बन सकता है. उन्होंने कहा, आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा आदि विद्याओं पर आधारित वेलनेस सेंटर बहुत प्रचलित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो विदेशी नागरिक, भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है.

विशेष आयुष वीजा कैटेगरी की शुरुआत : प्रधानमंत्री ने कहा, शीघ्र ही, भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रहा है. इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी. 21वीं सदी का भारत दुनिया को अपने अनुभवों, अपने ज्ञान,अपनी जानकारी साझा करते हुए आगे बढ़ना चाहता है हमारी विरासत मानवता के लिए विरासत की तरह है, हम वसुधैव कुटुंबकम वाले लोग हैं. हम दुनिया का दर्द कम करने के लिए कृत संकल्प लोग हैं. 'सर्वे संतु निरामया' हमारा जीवन मंत्र है. उन्होंने कहा कि ट्रेडिशनल मेडिसीन से जुड़े ज्ञान का विकास और विस्तार तभी संभव है, जब उनको साइंटिफिक स्पिरिट में देखेंगे. उन्हें देश, काल और परिस्थिति के अनुसार ढालेंगे. ये ऐसा समय है जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. मुझे पूरा भरोसा है कि अगले 25 साल का हमारा अमृत काल दुनिया के कोने कोने में ट्रेडिशनल मेडिसीन का स्वर्णिम काल होगा.

पारंपरिक चिकित्सा का विकास जरूरी : इस मौके पर डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेयेसस ने कहा कि सामान्य और विशेष रूप से पारंपरिक चिकित्सा में दवा के लिए नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के लिए आवश्यक सरकारी प्रतिबद्धता के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक निवेश जरूरी है. उन्होंने कहा कि अन्वेषकों, उद्योगों और सरकार द्वारा टिकाऊ, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और न्यायसंगत तरीके से पारंपरिक चिकित्सा को विकसित करने की आवश्यकता है.

पीएम मोदी के अहमदाबाद दौरे से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें-

बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को गुजरात के जामनगर में जीसीटीएम की आधारशिला रखी. यह दुनिया का पहला वैश्विक पारंपरिक औषधि केंद्र (GCTM) है. उन्होंने इस मौके पर कहा था कि भारत पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के मामले में दुनिया की अगुवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि वेलनेस भारत सरकार की प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना के बाद योग को भी बढ़ावा मिलेगा. जामनगर में जीसीटीएम की स्थापना के मौके पर पीएम मोदी ने इस ग्लोबल सेंटर के लिए पांच लक्ष्य भी रखे.

यह भी पढ़ें- GCTM Gujarat : दुनिया के पहले पारंपरिक औषधि वैश्विक केंद्र का शिलान्यास, पीएम ने दिए पांच लक्ष्य

जामनगर में प्रधानमंत्री ने कहा, पहला लक्ष्य- टेक्नोलॉली का उपयोग करते हुए, ट्रेडिशनल विद्याओं के संकलन का है, उनका डेटाबेस बनाने का है. दूसरा लक्ष्य- GCTM को पारंपरिक औषधियों की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड भी बनाने चाहिए. तीसरा लक्ष्य- GCTM एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनना चाहिए जहां विश्व की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के एक्सपर्ट्स एक साथ आएं, एक साथ जुटें, अपने अनुभव साझा करें. चौथा लक्ष्य- रिसर्च में निवेश से जुड़ा होना चाहिए. GCTM को ट्रेडिशिनल मेडिसीन के क्षेत्र में रिसर्च के लिए फंडिंग को मोबिलाइज करना चाहिए. पांचवां लक्ष्य- ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से जुड़ा है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.