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भाजपा नेता के बेटे की मौत मामले में बड़ी कार्रवाई, PGI Lucknow के डॉक्टर को हटाया

भाजपा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के पुत्र की मौत के मामले में उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कड़ी कार्रवाई की है. मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने PGI Lucknow के डॉक्टर को हटा दिया है. साथ ही निदेशक को भी चेतावनी जा रही है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2023, 1:02 PM IST

Updated : Oct 30, 2023, 3:04 PM IST

लखनऊ : शनिवार देर रात पीजीआई में भाजपा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के पुत्र प्रकाश मिश्रा की मौत मामले में उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने ट्वीट किया है. सोमवार को डिप्टी सीएम ने ट्वीट करके कहा है कि यह बहुत ही दुखद घटना है. पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे निधन के मामले में प्रदेश सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए संबंधित चिकित्सक को संस्थान से हटा दिया गया है. वह संविदा पर तैनात थे. भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इस संबंध में निदेशक, पीजीआई को चेतावनी भी दी गई है.

  • पीजीआई, लखनऊ में पूर्व सांसद मा० भैरों प्रसाद मिश्र जी के सुपुत्र के दु:खद निधन के संबंध में @upgovt ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए संबंधित चिकित्सक को संस्थान से कार्य मुक्त किया जा रहा है। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो…

    — Servant Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) October 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यूपी की चिकित्सा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल : पूर्व सांसद के बेटे की मौत का खबर से प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पर उंगलियां उठने लगी हैं. यह मामला तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्ष के अलावा लोगों का कहना है कि कि अगर गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया जा रहा है तो ओपीडी में मरीजों का क्या इलाज मिलता होगा. इस मामले के बाद पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है. फिलहाल सोमवार सुबह प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्रवाई की बात कही है.

यह है घटना क्रम : वर्ष 2014 में बांदा से भाजपा के सांसद रहे भैरों प्रसाद मिश्रा के पुत्र प्रकाश को गुर्दे की बीमारी थी. जिनका इलाज पीजीआई में चल रहा था. तबीयत बिगड़ने पर शनिवार रात करीब एक बजे इमरजेंसी पहुंचे थे. भैरों प्रसाद मिश्रा का आरोप है कि डॉक्टर ने भर्ती करना तो दूर बेटे को हाथ तक नहीं लगाया. इसके चलते करीब एक घंटे बाद उनके पुत्र की सांसें थम गईं. इसके बाद पूर्व सांसद परिवार समेत धरने पर बैठ गए थे. जानकारी मिलते ही आननफानन पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमन मौके पर पहुंचे और किसी तरह पूर्व सांसद व उनके परिजनों को शांत कराया. इसके बाद भैरों प्रसाद ने धरना खत्म कर दिया और शव लेकर चित्रकूट चले गए थे. निदेशक ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है.

यह भी पढ़ें : PGI Lucknow में बेड न मिलने से बेटे की मौत से नाराज बीजेपी के पूर्व सांसद ने दिया धरना, जांच कमेटी गठित

लखनऊ: 72 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज की पीजीआई में मौत

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  • पीजीआई, लखनऊ में पूर्व सांसद मा० भैरों प्रसाद मिश्र जी के सुपुत्र के दु:खद निधन के संबंध में @upgovt ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए संबंधित चिकित्सक को संस्थान से कार्य मुक्त किया जा रहा है। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो…

    — Servant Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) October 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यूपी की चिकित्सा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल : पूर्व सांसद के बेटे की मौत का खबर से प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पर उंगलियां उठने लगी हैं. यह मामला तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्ष के अलावा लोगों का कहना है कि कि अगर गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया जा रहा है तो ओपीडी में मरीजों का क्या इलाज मिलता होगा. इस मामले के बाद पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है. फिलहाल सोमवार सुबह प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्रवाई की बात कही है.

यह है घटना क्रम : वर्ष 2014 में बांदा से भाजपा के सांसद रहे भैरों प्रसाद मिश्रा के पुत्र प्रकाश को गुर्दे की बीमारी थी. जिनका इलाज पीजीआई में चल रहा था. तबीयत बिगड़ने पर शनिवार रात करीब एक बजे इमरजेंसी पहुंचे थे. भैरों प्रसाद मिश्रा का आरोप है कि डॉक्टर ने भर्ती करना तो दूर बेटे को हाथ तक नहीं लगाया. इसके चलते करीब एक घंटे बाद उनके पुत्र की सांसें थम गईं. इसके बाद पूर्व सांसद परिवार समेत धरने पर बैठ गए थे. जानकारी मिलते ही आननफानन पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमन मौके पर पहुंचे और किसी तरह पूर्व सांसद व उनके परिजनों को शांत कराया. इसके बाद भैरों प्रसाद ने धरना खत्म कर दिया और शव लेकर चित्रकूट चले गए थे. निदेशक ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है.

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Last Updated : Oct 30, 2023, 3:04 PM IST
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