नई दिल्ली : संसद में बजट सत्र के आठवें दिन (parliament budget session day eight) राज्य सभा में प्रश्नकाल के बाद आम बजट पर सामान्य चर्चा हुई. चर्चा की शुरुआत करते हुए डीएमके सांसद ने सरकार की टैक्स पॉलिसी को लेकर तीखे सवाल किए. उन्होंने कहा कि सरकार को देश के आम नागरिकों का ध्यान रखना पड़ेगा. डीएमके सांसद एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने अन्ना पेरियार के कथन का जिक्र किया और कहा, देश कोई भौगोलिक नक्शा नहीं होता, यह एक भूभाग पर रहने वाले लोगों की भावनाओं से बना होता है.
इसके अलावा राज्य सभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने पाकिस्तान की जेलों में कैद भारतीय मछुआरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी, गोरखा बटालियन की तरह अफगान बटालियन बनाने, न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने और संसद में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का तैल चित्र लगाने की मांग की.
साथ ही सदस्यों द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा छात्रवृत्तियों में लगातार की जा रही कटौतियों, केरल में वन्य जीवों द्वारा नागरिकों के जान व माल को नुकसान पहुंचाने और करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद गंगा नदी की स्वच्छता और निर्मलता में कोई सुधार ना होने का दावा करते हुए इन विषयों पर चिंता भी जताई.
शून्यकाल में कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने गुजरात के तटीय इलाकों में भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान की नौसेना द्वारा उठाकर ले जाने और वहां की जेलों में बंद करने का मामला उठाया और केंद्र सरकार से उन्हें वापस भारत लाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने की मांग की. उन्होंने कहा, 'करीब 643 भारतीय मछुआरे इस समय पाकिस्तान की जेलों में कैद हैं.'
गोहिल ने भारत सरकार से इन मछुआरों को सुरक्षित वापस वापस लाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर सभी प्रकार के प्रयास करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'चाहे आंखें लाल ही क्यों ना करनी पड़ी, मछुआरों की सलामती के लिए सरकार प्राथमिकता से पहल करे.' गोहिल ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में तीन अलग-अलग घटनाओं में पाकिस्तानी समुद्री सेना ने तीन नौकों और 27 मछुआरों को अपनी गिरफ्त में लिया है जबकि एक दिन पहले ही वह 10 नौकाओं और 60 मछुआरों को लेकर गए हैं.
यह भी पढ़ें-
- राज्य सभा सांसदों ने सीतारमण को बहू-बेटी बताया, वित्त मंत्री के चेहरे पर बिखरी मुस्कान
- महिला सांसद ने पूछा- एक ईंट की कीमत 14 रुपये, पीएम किसान योजना के तहत घर कैसे बनेगा ?
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के पी विल्सन ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष और उच्चतम न्यायालय के न्यायधीशों 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि 1963 के बाद से न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र में वृद्धि नहीं की गई है. उन्होंने तर्क दिया कि 90 से अधिक की उम्र में भी कई सेवानिवृत्त न्यायाधीश विभिन्न पदों पर प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संसद की विभिन्न समितियों ने भी उम्र सीमा बढ़ाए जाने की कई बार सिफारिश कर रही है लेकिन सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
सांसद पी विल्सन ने कहा, 'ऐसे में इन समितियों का क्या उपयोग है जब सरकार समितियों की सिफारिशों पर विचार ही नहीं कर रही है जबकि इन पर लाखों रूपये खर्च होते हैं और सदस्य भी अपना महत्वपूर्ण समय देते हैं.' उन्होंने संसदीय समिति के नियमों में बदलाव कर इसकी सिफारिशों को सरकार के लिए बाध्यकारी किए जाने की मांग की और कहा कि यह इस बदलाव का उपयुक्त समय है.
राष्ट्रीय जनता दल के के डी सिंह ने भारतीय सेना में गोरखा बटालियन की तरह अफगान बटालियन बनाने और उन्हें पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए कश्मीर में तैनात करने की मांग संबंधी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में अफगानी छात्रों ने भारत में वीजा के लिए आवेदन किया है लेकिन सरकार उन्हें वीजा नहीं दे रही है.
बजट सत्र की अन्य खबरें-
- क्या तीन कृषि कानूनों की बैकडोर एंट्री कराने की ताक में है केंद्र सरकार ?
- संसद में वित्त मंत्री से तीखा सवाल, सैनिटरी पैड पर 12 फीसद टैक्स, हीरे पर 5 फीसद, ज्यादा जरूरी कौन सी चीज
उन्होंने कहा, 'अफगानी भारत समर्थक होते हैं...हम उन्हें वीजा दे सकते हैं...ऐसा करके हम एक अफगानी बटालियन तैयार कर सकते हैं...गोरखा और अन्य बटालियनों की तरह और कश्मीर में तैनात कर सकते हैं ताकि पाकिस्तान की हरकतों का करारा जवाब दिया जा सके.'
संसद में लगे लता मंगेशकर की तस्वीर
भारतीय जनता पार्टी की सीमा द्विवेदी ने सुर साम्रज्ञी लता मंगेशकर की उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा देते हुए सरकार से उनका तैल चित्र संसद भवन में लगाने की मांग की. बता दें कि लता मंगेशकर का रविवार को मुबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था. वह 92 वर्ष की थीं. मुंबई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वी शिवादासन ने छात्रों को मिलने वाली विभिन्न छात्रवृत्तियों में यूजीसी द्वारा की जा रही लगातार कटौतियों का मुद्दा उठाया और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की. उन्होंने कहा, 'कोविड-19 महामारी के चलते पहले से ही परेशानियों का सामना कर रहे छात्रों को छात्रवृत्तियों में कटौती की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.'
बजट सत्र की अन्य खबरें-
- parliament day eight : राज्य सभा में आम बजट पर चर्चा, कपिल सिब्बल ने कहा- शिक्षा पर ध्यान दे सरकार
- budget session day eight : राज्य सभा में पाक में कैद भारतीय मछुआरों को लाने, अफगान बटालियन बनाने की मांग
उन्होंने कहा, 'वर्ष 2007 में एमेरिटस अधिछात्रवृत्ति (एमेरिटस फेलोशिप) की संख्या 559 थी जिसे घटाकर 2021 में 14 कर दी गई. राधाकृष्णन फेलोशिप को 200 से घटाकर 34, अनुसूचित जातियों के लिए फेलोशिप को 9503 से कम करके 3986 कर दिया गया है. इसी प्रकार मौलाना आजाद फेलोशिप की संख्या 4144 से घटाकर 2348 कर दी गई है.' उन्होंने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए छात्रों से न्याय करने की गुजारिश की.
केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि ने केरल में वन्यजीवों द्वारा नागरिकों को पहुंचाए जाने का मामला उठाया गया. उन्होंने कहा, 'यह मानवीय संकट है और केरल के लोग भय के माहौल में रह रहे हैं. दो दिन पहले ही हाथी के एक हमले में पांच वर्षीय बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गयी और वह अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है.'
पूर्व वित्त मंत्री ने सरकार को घेरा
इससे पहले बजट सत्र के सातवें दिन आम बजट पर सामान्य चर्चा (union budget 2022) के दौरान राज्य सभा में विपक्षी दलों के नेताओं ने रोजगार के अवसर और गरीबों के कल्याण के लिए कोई घोषणा नहीं करने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आम बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया. आंकड़े सहजता से उपलब्ध न कराने पर चिदंबरम ने एनडीए सरकार पर कटाक्ष किया और कहा, यह सरकार 'नो डाटा एवेलेबल (NDA-कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है) है.' उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में वित्त मंत्री ने 6.8 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान व्यक्त किया था. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को इसके लिए उन्होंने आगाह भी किया था, किंतु वित्त मंत्री ने तब कहा था कि हम इससे बेहतर करेंगे. चिदंबरम ने कहा कि वास्तव में यह 6.9 प्रतिशत रहा.
यह भी पढ़ें- 'बजट में 'गरीब' शब्द केवल दो बार, साल में 12 लाख को रोजगार, तो बाकी क्या पकौड़े तलेंगे'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट पर चर्चा शुरू करते कहा कि कांग्रेस को धन्यवाद दिया जाना चाहिए जिसके कारण वह राज्य सभा में बोल पा रहे हैं अन्यथा भारत सरकार के 1919 के कानून के अनुसार इसे 'काउंसिल ऑफ प्रिसेंस' कहा जाता.
(इनपुट-पीटीआई-भाषा)