अंबाला: करीब दो साल बाद पाकिस्तानी नागरिक अली मुर्तजा अपने वतन लौट गए. हरियाणा के अंबाला सेशन कोर्ट से रिहाई मिलने के बाद अली मुर्तजा को प्रशासन ने वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले कर दिया. 2019 में टूरिस्ट वीजा पर आए अली मुर्तजा को अंबाला पुलिस ने संदिग्ध मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था. उसकी रिहाई में स्थानीय एडवोकेट एसके माकन ने बड़ी भूमिका निभाई. उन्होंने न सिर्फ मुर्तजा केस मुफ्त में लड़ा बल्कि अंबाला सेशन कोर्ट में उन्हें सभी आरोपों में निर्दोष साबित कराते हुए वतन वापसी करा दी.
पाकिस्तान के कराची का रहने वाला अली मुर्तजा टूरिस्ट वीजा पर अगस्त 2019 में भारत आया था. जिसे संदिग्ध मानते हुए 14 अगस्त 2019 को मुम्बई से अमृतसर जाते समय अंबाला कैंट से पुलिस ने जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया था. एडवोकेट एसके माकन ने बताया कि जेल विजिट के दौरान उनकी मुलाकात अली मुतर्जा से हुई. उसने वकील माकन को अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाई. बातचीत के दौरान एस के माकन को लगा कि उसे गलतफहमी की वजह से गिरफ्तार किया गया है. जिसके बाद उन्होंने यह केस मुफ्त में लड़ने का फैसला किया. इस दौरान माकन ने केस के दौरान हुए खर्च को भी वहन किया.
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सीजीएम और अंबाला सेशन कोर्ट ने अली मुतर्जा को सभी आरोपों से बरी कर दिया. जिसके बाद सरकार व प्रशासन द्वारा एनओसी मिलने पर अली मुर्तजा 26 मार्च को अपने वतन वापस लौट (Pakistani national return home) गया. अंबाला पुलिस के अधिकारी अली मुर्तजा को अमृतसर के वाघा बॉर्डर तक ले गए और उन्हें तय प्रक्रिया का पालन करते हुए अपने मूल देश पाकिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. मिली जानकारी के अनुसार अली मुर्तजा कराची में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और उसकी पत्नी वहां डेंटिस्ट हैं. सभी आरोपों से बरी होने के बाद अली मुर्तजा ने भारत सरकार और भारत की न्यायपालिका का आभार जताया..
अली मुर्तजा की वतन वापसी पर एडवोकेट एसके माकन ने कहा कि इस केस से यह साबित होता है कि भारत का लोकतंत्र व न्यायपालिका बहुत मजबूत और निष्पक्ष है. जिसके चलते ही दो साल बाद उसे रिहाई मिली.
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