बरेली: पाकिस्तान में जन्मी एक महिला हिंदुस्तान के प्रमाण पत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) बरेली में अध्यापक बन गई. जब अध्यापिका की हकीकत सामने आई तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसे निलंबित कर (teacher suspended in bareilly) प्रमाण पत्रों को निरस्त करने के लिए एसडीएम को पत्र लिखा है.
रामपुर की रहने वाली फरजाना उर्फ माहिरा अख्तर ने 1979 में पाकिस्तान के रहने वाले एक व्यक्ति से निकाह कर पाकिस्तान अपनी ससुराल चली गई. इसके बाद फरजाना ने पाकिस्तान की नागरिकता ले ली. लेकिन कुछ सालों बाद ही फरजाना को उसके पति ने तलाक दे दिया. इसके बाद फरजाना दो बेटियों को लेकर अपने मायके (रामपुर) लौट आई. फिर यहीं दूसरा निकाह कर अपने बच्चों के साथ रहने लगी. फरजाना की बेटी शुमाएला का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. लेकिन जन्म के दो साल बाद वह अपनी मां के साथ हिंदुस्तान आ गई. फिर शुमाएला ने हिंदुस्तान में रह कर अपनी पढ़ाई पूरी की.
2015 में बेसिक शिक्षा विभाग में मिली नौकरी: पाकिस्तान में जन्मी शुमाएला (Pakistan born teacher) के सभी प्रमाण पत्र रामपुर के पते के हैं. उसका पालन पोषण भी रामपुर में ही हुआ है. इन्हीं प्रमाण पत्रों के आधार पर शुमाएला को 2015 में विशिष्ट बीटीसी के तहत बेसिक शिक्षा विभाग बरेली में अध्यापक के पद पर नौकरी मिल गई. लेकिन किसी ने शिकायत की शुमाएला का जन्म पाकिस्तान में हुआ है. इस शिकायत के आधार पर शुमाएला को निलंबित कर दिया गया. रामपुर एसडीएम को बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से पत्र जारी कर शुमाएला को निरस्त करने के लिए कहा गया है.
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बरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि पाकिस्तान में जन्मी शुमाएला ने रामपुर के प्रमाणपत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक के पद पर नौकरी ली थी जो प्रमाण पत्र थे वो सभी उस वक्त प्रमाणित कर आए थे. अभी कुछ समय पहले रामपुर के एसपी का एक लेटर आया था जिसमें बताया गया कि शुमाएला की माताजी पाकिस्तानी थी और शुमाएला का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. इसी के आधार पर इस को निलंबित कर दिया गया है. रामपुर से जारी जाति प्रमाण पत्र और अन्य प्रमाण पत्रों को निरस्त करने के लिए एसडीएम को पत्र भेजा है.
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